सुभाषचंद्र बोस श्रीमद्भागवतगीता की गहराई से प्रेरित रहे थे,नेताजी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि था – अनिल शर्मा

पिपलियामंडी । स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस का कोई सानी नही है । वे एक साहसी ओर स्वतंत्रता के प्रति अति उत्साहित नेता थे।सुभाषचंद्र बोस श्रीमद्भागवत गीता से गहराई से प्रेरित थे,इसी कारण स्वतंत्रता, समानता,राष्ट्रभक्ति के लिए उनके संघर्ष को कभी भुलाया नही जा सकता नेता जी के लिए राष्ट्र सर्वोपरी था ।
उक्त विचार मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रविवार को नगर कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित नेताजी सुभाषचंद्र बोस के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही,शर्मा ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत आज भी दुनिया के लिए पहेली बनी हुई है ।लोगो के मन मे कई सवाल आज भी घूमते रहते है । सुभाषचंद्र बोस को नेताजी क्यो कहते है देश की आजादी के लिए सुभाषचंद्र बोस जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर से मिले थे बोस से मिलने के बाद हिटलर उनसे काफी प्रभावित हुवा था इस दौरान हिटलर ने सुभाषचंद्र बोस को नेता जी कहकर सम्बोधित किया था । शर्मा ने इस अवसर पर आगे कहा कि नेताजी ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाया ओर युवाओं में आजादी के लिए लड़ने का जज्बा पैदा किया । नेताजी ने आजादी के लिए जयहिन्द, तुम मुझे खून दो में तुम्हे आजादी दूंगा,चलो दिल्ली जैसे नारे दिए जिन्होंने युवाओं में आजादी के लिए प्रेरणा का काम किया । नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त1945 को विमान हादसे में मानी जाती है । कर्यक्रम् के प्रारम्भ में उपस्थित सभी कांग्रेसजनों ने नेताजी के चित्र पर माल्यापर्ण किया ।
अंत मे सभी ने दो मिनिट का मौन रख कर नेताजी सुभाषचंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
इस मौके पर मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा,जिला कांग्रेस के महामन्त्री मुकेश निडर,सचिव किशनलाल चौहान,महेंद्र गेहलोत,नगर कांग्रेस अध्यक्ष रामप्रसाद फरक्या,मंडलम अध्यक्ष किशोर उणियारा, सेक्टर अध्यक्ष पकंज बोराना,वरिष्ठ कांग्रेस नेताभेरूलाल पप्पू गुर्जर घीसालाल उणियारा,दिनेश गुप्ता काचरिया,अनिल मुलासिया, लालजी रिंच्छा आदि मौजूद थे ।