विश्व में 800 साल पुराना 9 गेट वाला रहस्यमयी किला रायसेन मध्य प्रदेश: जहां राजा ने काट दिया था रानी का सिर
पारस पत्थर का रहस्य धातु को भी बना देता सोना, यहां मौजूद मंदिर और मस्जिद
पंकज पाराशर छतरपुर✍️
मध्य प्रदेश में एक रहस्यमयी किला है, जिसका नाम है रायसेन का किला । इस किले में कुछ ऐसा हुआ था कि राजा ने अपनी रानी का ही सिर काट दिया था । यह किला अपने अंदर कई तरह के राज समेटे हुए है।
ऐतिहासिक किला रायसेन शताब्दियों पहले बना था, लेकिन कहानियां आज भी लोगों की जुबां पर रहती हैं। किले से जुड़ी सबसे फेमस कहानी यही है कि यहां राजा ने अपनी रानी को मार दिया था, पर आखिर क्यों….
किसने बनवाया था रायसेन किला ?
परमार राजवंश के राजा राय पिथौरा ने इस किले को 800 साल पहले बनवाया था । किले का नाम राजा के नाम पर रखा गया। 16वीं शताब्दी में मालवा के सुल्तान बाज बहादुर ने यहा राज किया। मुगल सम्राट अकबर और शेरशाह सूरी ने भी इस किले को अपना साम्राज्य बनाया था।
किस किले में राजा ने काटा था रानी का सिर ?
इस किले से जुड़ी एक कहानी शेरशाह सूरी से भी जुड़ी है। उन्होंने धोखा देकर किला जीता था, तांबे के पिघलाकर पत्थर बनवाए गए थे। झंडा भी फहराया था। धोखा देने में शेरशाह सूरी का साथ राजा के लोगों ने ही दिया था। जो किले में रहते थे, उस वक्त राजा पूरणमल का किले पर शासन था। उन्हें जैसे ही यह बात पता चला तो उन्होंने रानी दुर्गावती को दुश्मनों से बचाने के लिए सिर काट दिया था।
पारस पत्थर का रहस्य
कहा जाता है कि इस किले में पारस पत्थर भी है। यह एक मिथकीय पत्थर होता है, जो धातु को भी सोना बना सकता है। जो चीज इस पत्थर को छूती थी सोना हो जाती थी। यह बात कई लोग जानते भी थे, जिस वजह से कई युद्ध हुए। कई कहानियां सुनाई जाती हैं कि इन पत्थरों की रखवाली के लिए किले जिन्न रहते हैं। कई लोगों ने कोशिश की लेकिन आज तक पत्थर किसी के हाथ नहीं लगा है।
हीरों से सजी हैं दीवारें
इस किले में एंट्री लेने के 9 गेट हैं । बादल, राजा रोहिणी, हवा, जहांगही और धोबी जैसे कई महल भी बने हैं. कहा जाता है कि जहांगीर महल को दीवारों को हीरों और कमल की नक्काशी से सजाया गया है। हवा महल में एक बड़ा रानी ताल (पूल) है। जिसे शाही महिलाएं इस्तेमाल करती थीं ।
यहां मौजूद हैं मंदिर और मस्जिद
रायसेन किले का इसलिए भी खास है क्योंकि इसके परिसर में मंदिर और मस्जिद बना है। कई गुंबद बनी हैं, रायसेन हजरत पीर फतेह उल्लाह शाह बाबा की दरगाह भी किले में बनी है। वो मुस्लिम संत थे। लोगों का कहना है कि रायसेन किले में मांगी हुई हर मन्नत पूरी होती है।