
दिल्ली ।
२ अगस्त भारत के राष्ट्रीय ध्वज निर्माता, स्वर्गीय पिंगली वेंकैया के जन्म दिन के उपलक्ष पर, चलो कुछ न्यारा करते है फाउंडेशन शिक्षा विभाग ने पिंगली बेंकैया एजुकेटर अवार्ड से एजुकेटर्स को सम्मानित किया ।
इस दौरान इस अवार्ड के लिए विश्व भर से टीचर्स, असिस्टेंट प्रोफेसर , एसोसिएट प्रोफेसर, विद्यालय, महाविद्यालय तथा विश्व विद्यालय के प्रिंसिपल, ट्रस्टी, आदि लोगो ने अप्लाई किया था।
जिसमे से, दार्जिलिंग वेस्ट बंगाल के , विद्यासागर कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ सविता मिश्रा, उत्तर प्रदेश के बीएलएस गुरुकुल के शिक्षक अरविंद घरुई, बालाघाट के सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ देवदास मंडल, वेस्ट बंगाल के जलंगी महाविद्यालय के फैकल्टी मेंबर डॉ कृत्तिबास दत्ता, भागलपुर मारवाड़ी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर बासुकी कुमार, भाबंस कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमन गुप्ता, मानवी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी की प्रिंसिपल डॉ मुक्त गोयल, ज्योति विद्यापीठ विमेंस यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमन देवी, जजान यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉ विपिन शर्मा, सिलीगुड़ी बीएड कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीता मित्रा, बालूरघाट कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रतिमा चामलिंग राय, फलकता बीएड कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जयंता चक्रबर्ती, महावीर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमन बालियां, विद्यासागर कॉलेज ऑफ एजुकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर परितोष महोतो, अद्यपीठ आनंद बीएड कॉलेज की की असिस्टेंट प्रोफेसर मौसमी मंडल, मारवाड़ी कॉलेज भागलपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय कुमार, भवंस त्रिपुरा कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ उदय मोदक, एसकेएचएस गडरा के असिस्टेंट टीचर डॉ पार्थ घोष, आदि को पिंगली वेंकैया एजुकेटर अवार्ड २०२४ से सम्मानित किया गया।
एक बयान में फाउंडेशन के शिक्षा विभाग के निर्देशक प्रित्तेश तिवारी ने सभी एजुकेटर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा की, इस अवॉर्ड समारोह का मुख्य उद्देश्य था कि एजुकेटर्स के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करना और उनके प्रति सम्मान प्रकट करना है। शिक्षक न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि छात्रों के जीवन में मार्गदर्शन और प्रेरणा का भी स्रोत होते हैं। उन्हें सम्मानित करने से उनकी भूमिका और उनके कार्यों के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है, जिससे उन्हें और भी बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है। यह छात्रों और समाज में शिक्षा की महत्ता को भी उजागर करता है और शिक्षकों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद कहने का एक तरीका है। जीवन में गुरु तथा शिक्षक का स्थान बोहोत ऊंचा होता है, जैसे बिना धड़कनों के यह शरीर अधूरा है वैसे ही बिना गुरु के मार्गदर्शन के यह मानव जीवन अधूरा है।
इस अवसर पर सभी एजुकेटर्स को शुभकामनाएं दिए फाउंडेशन के संचालक मंडल अध्यक्ष राघब चंद्र नाथ तथा फाउंडेशन के शिक्षा विभाग के निर्देशक प्रित्तेश तिवारी ने।