कर्मचारी संघमध्यप्रदेशरतलाम

पटवारियों द्वारा राजस्‍व महाभियान 2.0 में आ रही व्‍यावहारिक समस्‍याओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री

 

किशनगढ़ ताल

ठाकुर शंभू सिंह तंवर

रतलाम जिले के पटवारियों द्वारा प्रांतीय पटवारी संघ के आह्वान पर जियो बेस्‍ड ई डायरी एवं चल रहे राजस्‍व महाभियान 2.0 में आ रही व्‍यावहारिक समस्‍याओं को लेकर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्‍टर कार्यालय पहुंच कर दिया। इस ज्ञापन में शिक्षक संघ के सर्वेश कुमार माथुर भी उपस्थित रहे। साथ ही पटवारी संघ के जिला अध्‍यक्ष लक्ष्‍मीनारायण पाटीदार सहित सभी तहसीलों के अध्‍यक्ष एवं जिले भर से आये पटवारियों ने बडी संख्‍या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

पटवारी संघ अध्‍यक्ष पादीदार द्वारा बताया कि पटवारी एक बार फिर से शासन के विरूद्ध खडे हो रहे हैं उसका प्रमुख कारण यह है कि उनकी पूर्व की मांगो और समस्‍याऐं तो जस के तस खडी है । पिछले वर्ष की हउताल के समय स्‍वीकृत भत्‍ते 6 माह से मिलना बंद हो गये है एवं पूर्व के स्‍वीकृत भत्‍ते भी अब प्राप्‍त नहीं होते। हडताल अ‍वघि का वेतन देने की बात भी हइताल खत्‍म करते समय की गयी थी जो आज तक प्राप्‍त नहीं हुआ। केंद्र सरकार की महत्‍वाकांक्षी स्‍वामित्‍व योजना का कार्य 3 वर्ष से जिले में चल रहा है उसके मानदेय का भुगतान 3 कलेक्‍टर बदलने के उपरांत भी नहीं हुआ है। पटवारी द्वारा कार्य में लापरवाही होने पर तुरंत कार्यवाही की जा‍ती है लेकिन दूसरे विभाग के कर्मचारियों पर कलेक्‍टर के आदेश का भी कोई असर नहीं होता । राजस्‍व विभाग के सारे कार्यो का संपादन पटवारी के माध्‍यम से ही होता है। उसके बाद भी पटवारी से दिन रात एक कराकर डंडे के जोर पर सारा कार्य पूरा करा लिया जाता है और बाद में पटवारी के चंगुल से जनता को मुक्‍त करने की बात कर मुफत की वाहवाही लूटी जाती है।

पटवारी द्वारा ई-डायरी का विरोध क्‍यों – वर्तमान में पटवारियों की कार्य प्रकृति डिजिटल तथा सभी कार्य ऑनलाइन है , साथ ही हम कार्यालयीन कर्मचारी ना होकर फील्ड के कर्मचारी है।। ऐसी स्थिति में पटवारी ई डायरी सह ऑनलाइन अटेंडेंस एवम लोकेशन ट्रेस व्यवस्था हम पर लागू किया जाना अव्यवहारिक है। पूर्व समय मे दूरभाष एवम परिवहन व्यवस्था नही होने से पटवारी हल्का मुख्यालय पर निवास करते हुए तहसील कार्यालय में महीने के मात्र 2 दिवस जाना निर्धारित था उस समय कार्य की प्रगति हेतु डायरी प्रचलन में थी। नवीन कार्य पद्धति के चलते प्रतिदिन तहसील मुख्यालय पर भी जाते है। अन्य विभागों के कार्य एवम कानून व्यवस्था की ड्यूटी के चलते समय बेसमय सम्पूर्ण तहसील क्षेत्र में कही भी तैनाती देनी होती है। इस निर्धारित हल्के (क्षेत्र) की जिम्मेदारी एवम प्रभार 7 दिवस 24 घंटे कार्यरत रहकर सम्भालते है।

राजस्‍व महाभियान की व्‍यावहारिक समस्‍या –महाभियान के अंतर्गत नक्‍शा बटांकन हेतु जरीब लेकर खेतों में घूमना होगा काफी संख्‍या में महिला पटवारियों के भी कार्यरत रहने से इस समय फसल खडी होने से विवाद होने एवं खेतों में पानी भरा होने एवं जहरीले जीव जंतुओ का भी खतरा होता है। जबकि वर्षाकाल प्रचलित होने पर सभी सींमांकन संबंधी कार्य बंद हो जाते है।

पूर्व के राजस्‍व महाभियान के दौरान भी सर्वर पर लोड बढ जाने से दिन में कार्य नहीं हो पाता था जिस कारण पटवारियो द्वारा रात रात भर जागकर सर्वर पर कार्य पूर्ण किये थे। जो कि एक विकट समस्‍या है। मृतक नामांतरण हेतु पटवारियों को बी 1 का वाचन करना पडता है जो कि 2 वर्ष पुरानी होकर सर्वर पर उपलब्‍ध है। मूल संसाधनों की अनुपलब्‍धता के चलते अभियान की असफलता का ठीकरा पटवारी के माथे की फोडा जायेगा।

पूर्व के महाभियानो में पटवारियों द्वारा उत्‍कृष्‍ट कार्य किया गया जिस हेतु विगत वर्ष वर्ष जुलाई में महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 9 राज्यों के 68 कलेक्टर रिकॉर्ड सुधार हेतु पुरस्कृत हुए थे जिसमें 15 कलेक्टर मध्य प्रदेश के थे। लेकिन वर्तमान में अधिकांश कार्य विवादित श्रेणी का ही लंबित चल रहा है जिसे दबाव देकर दिन-रात कार्य करवाकर अधिकारियों की नम्बर 01 आने की होड़ में गलती होने की संभावना अधिक होती है जिससे किसान व पटवारी को न्यायालय के चक्कर लगाकर सुधार कराना पडता है एवं अनावश्यक परेशान होना पड़ता है।

पटवारी के विविध कार्य –

1. निर्धारित दिवस को ग्राम पंचायत में उपस्थित होकर विभिन्न शासकीय कार्यों का निर्वहन करना व तहसील कार्यालय में रिपोर्ट करना।

2. भू अभिलेख विभाग के कार्य:- गिरदावरी, सीमांकन, बटांकन, नामांतरण व बटवारा मैं मौका जांचकर रिपोर्ट देना रास्ता विवाद अतिक्रमण जांच व भूमि आवंटन आदि प्रकरणों में जांच रिपोर्ट देना।

3. राजस्व विभाग के कार्य :- जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन, विभिन्न शिकायतों की जांच, विभिन्न आर्थिक सहायता जैसे मकान क्षति , फसल क्षति आदि की रिपोर्ट, भू राजस्व वसूली व डायवर्सन वसूली, बाढ़ आपदा, मेला ड्यूटी, विभिन्न लॉ एंड आर्डर मे ड्यूटी करना।

4. कृषि विभाग के कार्य :- फसल प्रयोग, पी.एम. किसान, सी.एम. किसान, बीमा हेतु पत्रक तैयार करना, ई-केवाईसी, एनपीसीआई

5. पंचायत विभाग:- स्वामित्व योजना का कार्य, बीपीएल जांच, जाति प्रमाण पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच, ईडब्ल्यूएस की जांच आदि।

6. शिक्षा विभाग:- विभिन्न बोर्ड व अन्य परीक्षाओं के प्रश्न पत्र निकालने मे कलेक्टर प्रतिनिधि की ड्यूटी करना।

7. पुलिस विभाग:- विभिन्न प्रकरणों में नजरी नक्शा व ट्रेस नक्शा बनाना।

1. राजस्व महा अभियान में करवाए जा रहे कार्य रूटिन का कार्य होकर निरंतर चलने वाले कार्य हैं जिसे दबाव देकर दिन-रात कार्य करवाकर अधिकारियों की नम्बर 01 आने की होड़ में गलती होने की संभावना अधिक होती है जिससे किसान व पटवारी को न्यायालय के चक्कर लगाकर सुधारना पड़ता है वह अनावश्यक परेशान होना पड़ता है।

2. हड़ताल अवधि में स्वीकृत मांगे वेतन विसंगति, समय मान वेतनमान विसंगति, हड़ताल अवधि का वेतन, यात्रा भत्ता बढ़ाना आज तक लंबित।

3. गृह भाड़ा भत्ता :- 257 रुपए में मकान किराए से मिलना मुश्किल आज दिनांक तक भत्ते की मांग लंबित।

4. ई-अटेंडेंस / डायरी पर उपस्थिति बंद नहीं की गई तो पटवारी संघ सामूहिक अवकाश पर जाने हेतु बाध्य होगा।

पटवारी के द्वारा किए गए कार्य की वजह से ही शासन व प्रशासनिक अधिकारी पुरस्कृत हो रहे हैं एवं पटवारी कार्य करने के बाद भी प्रताड़ित व शोषण हो रहा है। जिले में पटवारी पर नियंत्रण रखने हेतु अधिकारी राजस्व-निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, सहायक-अधीक्षक, भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-अभिलेख, अनुविभागीय अधिकारी, कलेक्टर भू-अभिलेख, अपर कलेक्टर, कलेक्टर उक्त समस्त अधिकारी समय-समय पर पटवारी के कार्यों की समीक्षा करते है इसलिए ई-डायरी व्यवस्था औचित्यहीन है।उपरोक्त जानकारी दिग्विजय जलधारीजिला मिडीया प्रभारी पटवारी संघ रतलाम ने दी।

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