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तुमको देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप तुम घना साया


संगीत सरिता दिल से भाग-2 में सदाबहार गीतों व गजलों की प्रस्तुति पर झूम उठे संगीत प्रेमी

मन्दसौर। नगर के फिल्मी व गजल संगीत से जुड़े संगीत प्रेमियों के लिये संगीत संस्था ‘‘संगीत सरिता दिल से-2’’ का सफल आयोजन लाफ्टर फेम मुन्ना बेट्री की अध्यक्षता, संगीत में पीएचडी करने वाली शहर की बहू श्रीमती सोना सोनी के मुख्य आतिथ्य एवं शार्ट फिल्म निर्माता निर्देशक मनी शामगढ़ वाला एवं डॉ. के.एल. राठौर की गरिमामय उपस्थिति में नगर के प्रबुद्धजन डॉ. के.सी. श्रीमाल, आशा श्रीमाल, डॉ. विक्रांत भावसार, फिल्म निर्देशक प्रदीप शर्मा, साहित्य परिषद के नरेन्द्र भावसार, रेकी ग्रैंड मास्टर चंदा डांगी, शा. कन्या महाविद्यालय प्रोफेसर डॉ. कविता बुंदेला, मालवामेवाड़ फिल्म अध्यक्ष रमेश गंगवानी, असद अंसारी, राजेन्द्र तिवारी, एमआर राकेश गुप्ता के समक्ष सदाबाहर फिल्मी गीतों एवं गजलों की प्रस्तुतियों पर झूम उठे नगर के संगीत प्रेमी।
इस अवसर पर उदसिंह सिसौदिया ने ‘‘रिम झिम, रूम झुम, भीगी भीगी ऋतु में हम चलते‘‘गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सोना सोनी ने चित्रा सिंह की गजल ‘‘सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो’’ प्रस्तुत की। राजकुमार अग्रवाल ने ‘‘दिल में हो तुम आँखों में तुम बोलो तुम्हे कैसे चाहूं‘‘ सुनाया। स्वाती रिछावरा ने ‘‘सुनो सजना पपीहे ने सबसे कहा पुकार के’’ गाया।
नंदकिशोर राठौर ने ‘‘लाखों है निगाह में जिंदगी की राह में सनत हंसी जवां’’ सदाबहार अंदाज में सुनाया। रानी राठौर ने ‘‘और इस दिल में क्या रखा है’’ तथा हार्दिक दुबे ने ‘‘वो कम ले आ मेरे नादान दिल’’ गाया। आबिद भाई ने ‘‘कोई नजराना लेकर आया हूॅ दिवाना तेरे लिये’’, श्याम गुप्ता ने ‘‘ आज मौसम बड़ा बेईमान है’’, शाईन खान ने ‘‘दिल हूम, हूम करें घबराये’’ कलेश गडिया ने गजल ‘‘ हमारी संासों में आज तक वो खुश्बू महक रही है’’, योगेश गोविंदानी ने ‘‘आजा रे आजा रे सुनले पुकार हो मितवा हो’’ को सुनाया।
फैनी जैन ने बासुरी पर गीत ‘‘एक लड़की सीधी साधी सी’’ धुन निकाली, लोकेन्द्र पाण्डे ने ‘‘रूठ न जाना मैं जो कहूं तो मैं इन आंखों से रहूूं जो’’, सिमरन बेलानी ने जगजीतसिंहजी की गजल ‘‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप तुम घना साया’’ की प्रस्तुति दी। डॉ. विक्रांत भावसार ने ‘‘पहला नशा पहला खुमार को मस्ती भरे लहजे में सुनाया।  भरत लखवानी ने ‘‘जिंदगी आ रहा हूॅ मैं पर सबको झूमने पर’’ मजबूर किया। सूरज प्रजापत ने ‘‘चल अकेला चल अकेला गीत मुकेश के अंदाज में गाया। नरेन्द्र सागोरे ने ‘‘गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा’’। हिमांशु वर्मा ने ‘‘पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है‘‘, महेश त्रिवेदी ने ‘‘मेरे दिल में तड़प के नाम तेरा पुकारा’’, विजय अग्निहोत्री ने ‘‘जीना यहां मरना यहां’’, डॉ. के.एल. राठौर ने ‘‘कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है’’ सुनाया। ज्योति राठौर ने ‘‘रंग लारे तेरे रंग में‘‘, राजा भैया सोनी ‘‘जिंदगी की ना टूटे लड़ी, प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी’’, महेश सौलंकी ने ‘‘आज मौसम बड़ा बेइमान है’’ सुनाया।
लाल बहादुर श्रीवास्तव ने माउथ आर्गन पर फिल्मी गीतों की धुन सुनाई। इस अवसर पर  मनी चौहान ने अपने दोहे ‘‘आखंे मुझको देखकर यू फेरे हमराह जैसे पलके हो गई लक्ष्मण रेखा आज’’। कार्यक्रम में श्रीमती चंदा डांगी ने कपड़े की थैली का उपयोग पालीथीन में सामग्री लाने के बजाय करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में श्री राकेश गुप्ता द्वारा लाफ्टर फेम मुन्ना बैट्री एवं शासकीय संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी अध्यक्ष नरेंद्र त्रिवेदी का स्केच चित्र बनाकर उन्हें भेंट किया गया। अंत में कार्यक्रम में श्रीमती सोना सोनी एवं नगर के गायक आशीष मराठा का जन्मदिन पर शाल श्रीफल एवं पुष्पहारों से स्वागत किया गया व सभी ने बधाई दी।  संचालन नरेन्द्र त्रिवेदी ने किया व आभार रानी राठौर ने माना।

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