समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 02 जुलाई 2024
समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 02 जुलाई 2024
पंच – ज अभियान अंतर्गत विशेष वृक्षारोपण शिविर का आयोजन किया गया
मंदसौर 1 जुलाई 24/ माननीय मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के
निर्देशानुसार 72 दिवसीय वृहद वृक्षारोपण अभियान दिनांक 5 जून से 15 अगस्त तक आयोजित किया
जा रहा है। इसी अनुक्रम में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
मंदसौर श्री कपिल मेहता के मार्गदर्शन में जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
मंदसौर श्री सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशन में 1 जुलाई को शंकर विहार गोल्ड कॉलोनी में अचलेश्वर
मंदिर समिति के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया
गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव श्री सिद्धार्थ तिवारी ने सभी कॉलोनी वासियों से कहा
कि यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम सब आज रोपित किए गए पौधों को पोषण प्रदान
करेंगे। उन्होंने समस्त निवासियों से आग्रह किया कि वे सब एक-एक पौधे को पालने की जिम्मेदारी
लेवें। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री प्रवीण कुमार, श्री राजेश बंशीलाल गुर्जर,
श्री नरेंद्र प्रहलाद बंधवार , पैरा लीगल वालंटियर श्री संजय नीमा, श्री मुकेश आचार्य , श्रीमती सीमा
नागर, श्रीमती आशा कोठारी एवम अन्य कॉलोनीवासी उपस्थित रहे।
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एक पौधा मां के नाम अभियान अंतर्गत व्यापक स्तर पर पौधारोपण करें : आयुक्त श्री गुप्ता
भारत सरकार की योजनाओं का अच्छे से निगरानी करें तथा आम जनता को लाभ प्रदान करें
2 जुलाई को जिला स्तरीय जनसुनवाई गरोठ में आयोजित होगी : कलेक्टर
साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक संपन्न
मंदसौर 1 जुलाई 24/ साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक कलेक्टर सभागार में आयोजित की
गई। बैठक के दौरान उज्जैन आयुक्त श्री संजय गुप्ता द्वारा कहा गया कि एक पौधा मां के नाम अभियान अंतर्गत
जिले में व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया जाए। साथ ही एक पौधा मां के नाम सेल्फी लेकर अपलोड भी
करें। इसके लिए वन मंडल अधिकारी लिंक सभी को उपलब्ध कराएं तथा फोटो कैसे अपलोड किया जाएं
उसकी प्रक्रिया भी बताएं। पौधा लगाने के पश्चात सेल्फी के साथ उसे रजिस्टर जरूर करें । सेल्फी के साथ में
मां को भी रखें। माता के नहीं होने की स्थिति में सेल्फी के दौरान उनका फोटो जरूर साथ में रखें। बैठक के
दौरान उज्जैन आयुक्त श्री संजय गुप्ता, कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री कुमार
सत्यम, अपर आयुक्त श्री रणजीत कुमार, वन मंडल अधिकारी, सहित सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।
आयुक्त श्री गुप्ता द्वारा निर्देश दिए गए की, भारत सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं। सभी विभाग
उन योजनाओं का अच्छे से निगरानी करें तथा संचालन करें। आम जनता को उन सभी योजनाओं को बहुत
अच्छे से लाभ मिलना चाहिए। साथ ही सभी योजनाओं का बेहतर परफॉर्मेंस भी प्रदान करें। सभी विभागों
को निर्देश देते हुए कहा कि कार्यों में गुणवत्ता का विशेष तौर पर ध्यान रखें। पीएचई विभाग पाइपलाइन
डालते समय गहराई का विशेष तौर पर ध्यान रखें। 3 फीट गहराई में पाइपलाइन डाले। सहकारिता विभाग
को निर्देश देते हुए कहा कि सोसायटियों का कंप्यूटराइजेशन शत प्रतिशत पूर्ण करें। कार्य पूर्ण होने के पश्चात
कार्य का ऑडिट भी करें। एमपीईबी विभाग ग्रिड निर्माण, लाइन डालने के कार्य में तेजी के साथ जल्द कार्य
पूर्ण करें।
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा कहा गया कि आगामी 2 जुलाई को जिला स्तरीय जनसुनवाई
गरोठ में आयोजित होगी। जनसुनवाई के दौरान जितने भी आवेदन आते हैं। उनका सभी जिलाधिकारी तुरंत
समाधान करेंगे। एक पौधा मां के नाम अभियान अंतर्गत पौधारोपण के लिए सभी विभाग विशेष प्लान तैयार
करें तथा अधिक से अधिक पौधारोपण करें। पौधा लगाने के पश्चात पोधे को पानी कैसे मिलेगा, पौधा
सरवाइव करेगा या नहीं, पौधे की लंबी उम्र हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी कॉलेज, स्कूल एवं
सरकारी भवनों में पौधारोपण किया जाए।
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स्वामित्व योजना अंतर्गत शत प्रतिशत कार्य पूर्ण करें : आयुक्त श्री गुप्ता
अविवादित बटवारा, सीमांकन एवं नामांतरण के प्रकरण एक माह से अधिक समय तक लंबित न रहे
राजस्व अधिकारियों की बैठक संपन्न
मंदसौर 1 जुलाई 24/ आयुक्त उज्जैन श्री संजय गुप्ता की अध्यक्षता में राजस्व अधिकारियों की
बैठक सुशासन भवन सभागृह में आयोजित की गई। बैठक के दौरान सभी राजस्व अधिकारियों को
निर्देश देते हुए कहा कि स्वामित्व योजना अंतर्गत मिशन मोड में कार्य करें। सभी अधिकारी कार्य को
पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर लग जाए। ड्रोन सर्वे में जो गांव छूट गए हैं। उसके लिए एक्सपर्ट
पटवारी की एक टीम बनाएं। गांव के सर्वे में कोई भी क्षेत्र न छुटे इसका विशेष तौर पर ध्यान रखा
जाए। भौतिक सत्यापन का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण करें। इसके साथ ही इस कार्य में सभी एसडीएम
प्रतिदिन निगरानी करें। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री
कुमार सत्यम, अपर आयुक्त श्री रणजीत कुमार, एसडीएम, तहसीलदार मौजूद थे।
विवादित नामांतरण, बटवारा एवं सीमांकन के प्रकरण एक माह से अधिक समय तक लंबित
नहीं रहना चाहिए। अब तक जितने भी प्रकरण लंबित है, उनका एक माह के अंदर निराकरण करें।
विवादित प्रकरणों का 6 माह में निराकरण करें। आरसीएमएस के अंतर्गत जितने भी प्रकरण है, उनका
भी शीघ्र निराकरण करें। आरसीएमएस के प्रकरणों में देरी नहीं की जानी चाहिए। आरसीएमएस के
प्रकरणों का निराकरण होने की पश्चात 24 घंटे के अंदर कंप्लेन करवाए। साइबर तहसील स्थापित हो
जाने के पश्चात इसके अंतर्गत आने वाले प्रकरणों का 10 दिन के अंदर ही निराकरण होना चाहिए। कोई
भी प्रकरण 10 दिन से अधिक समय तक लंबित न रहे। कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा
आयुक्त श्री संजय गुप्ता को दशपुर जनपद एवं दिव्य दशपुर पुस्तक भेंट की ।
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भारतीय स्टेट बैंक के स्थापना दिवस पर बैंक कर्मियों का किया स्वागत
मन्दसौर। भारतीय स्टेट बैंक के स्थापना दिवस पर बैंक के वरिष्ठ ग्राहक अजय डांगी एवं चंदा डांगी में स्थानीय नई आबादी ब्रांच पहुंचकर ब्रांच मैनेजर श्री सुमित गुप्ता एवं अन्य बैंक कर्मियों को स्थापना दिवस पर बधाई दी एवं मिठाई वितरित की।
इस अवसर पर चंदा डांगी ने समस्त बैंक कर्मियों को कपड़े की थैली भंेटकर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश भी दिया।
ब्रांच मैनेजर श्री सुमित गुप्ता ने कहा कि शिकायत लेकर तो अक्सर ग्राहक बैंक में आते है परन्तु स्थापना दिवस पर बैंक के वरिष्ठ ग्राहकों द्वारा यह नवाचार स्वागत योग्य है एवं संस्थाओं को इससे बड़ा संबल प्राप्त होता है।
भारतीय न्याय संहिता, सुरक्षा संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम में किए गए आमूल चूल परिवर्तन
नवीन कानून के संबंध में जिला पंचायत सभागार में कार्यशाला संपन्न
मंदसौर 1 जुलाई 24/ भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य
अधिनियम 2023 में किए गए संशोधन एवं नवीन कानून के संबंध में एक विशेष कार्यशाला जिला पंचायत
सभागार में आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार,
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक
श्री अनुराग सुजानिया, पूर्व मंत्री श्री नरेंद्र नाहटा, पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, सीईओ जिला
पंचायत श्री कुमार सत्यम, श्री नानालाल अटोलिया, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता प्रितेश चावला,
कार्यक्रम का संचालन एडिशनल एसपी श्री गौतम सिंह सोलंकी द्वारा किया गया एवं आभार सीएसपी श्री
सतनाम सिंह द्वारा किया गया।
कार्यशाला के दौरान बताया गया कि इन नए कानून से भारतीय न्याय संहिता में आमूल चूल परिवर्तन
किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता में बदल गया है। अब न्याय संहिता पीड़ित
केंद्रित हो गई है। अब जनता को जल्द न्याय मिलेगा। न्याय जल्द मिले इसके लिए समय सीमा निर्धारित कर
दी गई है। अब पीड़ित स्वयं अपनी तरफ से वकील भी ले जा सकता है। किसी भी केस में पीड़ित को सुनना
अब बहुत जरूरी है। बिना सुने किसी भी केस की वापसी नहीं होगी। नवीन धाराओं में जुर्माने के साथ-साथ
सजा की अवधि भी बढ़ाई गई है। कई नई धारा जोड़ी गई है और कुछ हटाई गई है। जीरो एफआईआर और ई
एफआईआर का प्रावधान किया गया है। पहले 167 धारा हुआ करती थी, जिसको बड़ाकर अब 170 कर दी
गई है। सुरक्षा के साथ न्याय दिलाने पर ज्यादा फोकस किया गया है। आतंकवादी कृत्य को भी इसमें शामिल
किया गया है। राजद्रोह को अब देशद्रोह के रूप में बदल दिया गया है। अब न्याय समय के साथ शीघ्र मिलेगा।
आपराधिक कानून का संकलन एनसीआरबी मोबाइल ऐप के माध्यम से भी देखा जा सकता है।
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प्रमुख सचिव खनिज साधन ने समस्त कलेक्टर्स को वर्षाकाल में रेत खदानों के संचालन पर प्रतिबंधित अवधि में अवैध खनन रोके जाने के दिये निर्देश
मंदसौर 1 जुलाई 24/ प्रमुख सचिव खनिज श्री निकुंज श्रीवास्तव ने समस्त कलेक्टर्स को
वर्षाकाल में रेत खदानों के संचालन पर प्रतिबंध अवधि में अवैध खनन रोके जाने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि खदानों के पहुँच मार्ग बंद किये जाकर जाँच चौकियों पर सतत् निगरानी की व्यवस्था
की जाये। अवैध खनन पाये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाये।
प्रमुख सचिव श्री श्रीवास्तव ने कहा कि विगत वर्षों में कतिपय ऐसे प्रकरण शासन के संज्ञान में
आये हैं, जहाँ ठेकेदारों द्वारा वास्तविक रूप से रेत का परिवहन कर अनुज्ञप्ति में भंडारित करने के
स्थान पर पोर्टल से ईटीपी जारी कर आभासी स्टॉक क्रिएट कर मानसून अवधि में स्टॉक की कमी की
पूर्ति खदान से उत्पादन करने का प्रयास किया जाता है।
प्रमुख सचिव श्री श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून अवधि में रेत की आपूर्ति निरंतर रखने के
लिये मध्यप्रदेश रेत खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार नियम अनुसार रेत भंडारण अनुज्ञप्तियाँ
जारी करने का प्रावधान है। मानसून अवधि में मात्र रेत भंडारण ही संचालित रहते हैं। उन्होंने
कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि जिले में स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्ति स्थलों का ड्रोन के माध्यम से 7 जुलाई,
2024 तक वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस पूर्ण करायें। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि भंडारण
अनुज्ञप्ति में वास्तविक रूप से भंडारित मात्रा से अधिक मात्रा का निवर्तन न किया जाये।
==============स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण छात्रवृत्ति के आवेदन 14 अगस्त तक करें
मंदसौर 1 जुलाई 24/ सचिव मध्य प्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल मंदसौर द्वारा बताया
गया कि स्लेट पेंसिल उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों एवं सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित, विधवा महिलाओं एवं
मृत श्रमिकों के बच्चों को मंडल द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। वर्ष 2024- 25 में स्लेट पेंसिल उद्योग में
कार्यरत श्रमिकों के बच्चे 1 जुलाई से 14 अगस्त 2024 तक छात्रवृत्ति के आवेदन मंडल कार्यालय में जमा
करावे।
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सबके लिए त्वरित न्याय की अवधारणा पर आधारित हैं नये आपराधिक कानून- डॉ. मोहन यादव
मंदसौर 1 जुलाई 24/ भारत में आपराधिक कानूनों में परिवर्तन और सुधार एक महत्वपूर्ण विषय है,
जो समाज की बदलती आवश्यकताओं और न्याय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए समय-समय पर
किया जाता है। हाल ही में, भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य
अधिनियम जैसे आपराधिक कानूनों को संसद में पारित किया गया। अब एक जुलाई 2024 से पूरे देश में
यह लागू हो रहा है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने संसद में कानून को पेश करते हुए कहा कि खत्म
होने वाले ये तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे ।
इनका उद्देश्य दंड देने का था, न की न्याय देने का। तीन नए कानून की आत्मा भारतीय नागरिकों को
संविधान में दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना, इनका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना होगा।
भारतीय आत्मा के साथ बनाए गए इन तीन कानूनों से हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत बड़ा
परिवर्तन आएगा। पुराने कानूनों में गुलामी की बू आती थी। ये तीनों पुराने कानून गुलामी की निशानियों
से भरे हुए थे क्योंकि इन्हें ब्रिटेन की संसद ने पारित किया था और हमने सिर्फ इन्हें अपनाया था। इन
कानूनों में पार्लियामेंट ऑफ यूनाइटेड किंगडम, प्रोविंशियल एक्ट, नोटिफिकेशन बाई द क्राउन
रिप्रेज़ेन्टेटिव, लंदन गैज़ेट, ज्यूरी और बैरिस्टर, लाहौर गवर्नमेंट, कॉमनवेल्थ के प्रस्ताव, यूनाइटेड किंगडम
ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड आयरलैंड पार्लियामेंट का ज़िक्र है। इन कानूनों में हर मैजेस्टी और बाइ द प्रिवी
काउंसिल के रेफेरेंस दिए गए हैं, कॉपीज़ एंड एक्सट्रैक्ट्स कंटेट इन द लंदन गैज़ेट के आधार पर इन
कानूनों को बनाया गया, पज़ेशन ऑफ द ब्रिटिश क्राउन, कोर्ट ऑफ जस्टिस इन इंग्लैंड और हर मैजेस्टी
डॉमिनियन्स का भी ज़िक्र इन कानूनों में कई स्थानों पर है। अच्छी बात यह कि गुलामी की निशानियों को
पूरी तरह मिटा दिया गया है। जिसके तहत 475 जगह ग़ुलामी की निशानियों को समाप्त कर दिया गया
है। हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत समय लगता है, कई बार न्याय इतनी देर से मिलता है कि
न्याय का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है, लोगों की श्रद्धा उठ जाती है और अदालत में जाने से डरते हैं।
इन कानूनों को बनाने के पीछे बहुत लंबी प्रक्रिया रही है। इन कानूनों को आज के समय के अनुरूप
बनाने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त, 2019 में सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों, देश के
सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और देश के सभी कानून विश्वविद्यालयों को पत्र लिखे थे। वर्ष
2020 में सभी, महामहिम राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और सांसदों एवं संघ-शासित प्रदेशों के महामहिम
प्रशासकों को पत्र लिखे गए। इसके बाद व्यापक परामर्श के बाद ये प्रक्रिया कानून बनने जा रही है। इसके
लिए 18 राज्यों, 6 संघशासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट, 16 हाई कोर्ट, 5 न्यायिक अकादमी, 22 विधि
विश्वविद्यालय, 142 सांसद, लगभग 270 विधायकों और जनता ने इन नए कानूनों पर अपने सुझाव दिए
हैं। यह प्रक्रिया सरल नहीं थी, काफी मेहनत की गई बीते 4 सालों में। खूब विचार विमर्श किया गया है।
इस संदर्भ में हुई 158 बैठकों में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह उपस्थित रहे हैं।
इन कानूनों में क्या बदलाव हुआ है, इस पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने
बताया कि आज तक आतंकवाद से परिचित सभी थे लेकिन आतंकवाद की परिभाषा, व्याख्या नहीं थी।
अब ऐसा नहीं रहेगा। अब अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियां, अलगाववाद, भारत की
एकता, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने जैसे अपराधों की पहली बार इस कानून में व्याख्या की
गई है। इससे जुड़ी संपत्तियों को ज़ब्त करने का अधिकार भी दिया गया है। जांचकर्ता पुलिस अधिकारी
के संज्ञान पर कोर्ट इसका आदेश देगा। गौरतलब है कि अनुपस्थिति में ट्रायल के बारे में केंद्र सरकार ने
एक ऐतिहासिक फैसला किया है। सेशंस कोर्ट के जज द्वारा प्रक्रिया के बाद भगोड़ा घोषित किए गए
व्यक्ति की अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और उसे सज़ा भी सुनाई जाएगी, चाहे वो दुनिया में कहीं भी
छिपा हो। उसे सज़ा के खिलाफ अपील करने के लिए भारतीय कानून और अदालत की शरण में आना
होगा। अभी तक देखा गया है कि देश भर के पुलिस स्टेशनों में बड़ी संख्या में केस संपत्तियां पड़ी रहती
हैं। अब इस ओर भी तेजी लाई जाएगी। यानी अब इनकी वीडियोग्राफी करके सत्यापित प्रति कोर्ट में
जमा करके इनका निपटारा किया जा सकेगा।
इन कानूनों में अत्याधुनिकतम तकनीकों को समाहित किया गया है। दस्तावेज़ों की परिभाषा का
विस्तार कर इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड्स, ई-मेल, सर्वर लॉग्स, कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन, लैपटॉप्स,
एसएमएस, वेबसाइट, लोकेशनल साक्ष्य, डिवाइस पर उपलब्ध मेल और मैसेजेस को कानूनी वैधता दी
गई है, जिनसे अदालतों में लगने वाले कागज़ों के अंबार से मुक्ति मिलेगी। इस कानून को डिजिटलाइज
किया गया है, यानी एफआईआर से केस डायरी, केस डायरी से चार्जशीट और चार्जशीट से जजमेंट तक
की सारी प्रक्रिया को डिजिटलाइज़ करने का प्रावधान इस कानून में किया गया है। अभी सिर्फ आरोपी
की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सकती है, लेकिन अब पूरा ट्रायल, क्रॉस क्वेश्चनिंग (cross
questioning) सहित, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संभव होगी। शिकायतकर्ता और गवाहों का परीक्षण,
जांच-पड़ताल और मुक़दमे में साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग और उच्च न्यायालय के मुक़दमे और पूरी अपीलीय
कार्यवाही भी अब डिजिटली संभव होगी। सर्च और ज़ब्ती के समय वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर
दिया है, जो केस का हिस्सा होगी और इससे निर्दोष नागरिकों को फंसाया नहीं जा सकेगा। पुलिस
द्वारा ऐसी रिकॉर्डिंग के बिना कोई भी चार्जशीट वैध नहीं होगी।
आजादी के 75 सालों के बाद भी दोष सिद्धि का प्रमाण बहुत कम है। यही कारण है कि मोदी
सरकार ने फॉरेंसिक साइंस को बढ़ावा देने का काम किया है। तीन साल के बाद हर साल 33 हज़ार
फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट्स देश को मिलेंगे। साथ ही श्री अमित शाह ने लक्ष्य रखा है
कि दोष सिद्धि के प्रमाण को 90 प्रतिशत से ऊपर लेकर जाना है। इसके लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान
किया गया है कि 7 वर्ष या इससे अधिक सज़ा वाले अपराधों के क्राइम सीन पर फॉरेंसिक टीम की
विजिट को अनिवार्य किया जा रहा है। इसके माध्यम से पुलिस के पास एक वैज्ञानिक साक्ष्य होगा
जिसके बाद कोर्ट में दोषियों के बरी होने की संभावना बहुत कम हो जाएगी। वर्ष 2027 से पहले देश
की सभी अदालतों को कंप्यूटराइज्ड कर दिया जाएगा। इसी प्रकार मोबाइल फॉरेंसिक वैन का भी
अनुभव किया जा चुका है। दिल्ली इसका उदाहरण है। दिल्ली में इसका सफल प्रयोग किया गया। इसके
तहत 7 वर्ष से अधिक सज़ा के प्रावधान वाले किसी भी अपराध के स्थल पर फॉरेंसिक साइंस
लैबरोटरी (एफएसएल) की टीम पहुंचती है। इतना ही नहीं मोबाइल एफएसएल को भी लॉन्च किया
गया। बता दें कि यह संकल्पना पूर्ण रूप से सफल है। यही वजह है कि अब हर ज़िले में 3 मोबाइल
एफएसएल रहेंगी और अपराध स्थल पर जाएंगी। निरंतर पेज 3 पर
यौन हिंसा के मामले में भी पहले के कानून में फेर-बदल किया गया है। इसके अंतगर्त यौन हिंसा
के मामले में पीड़ित का बयान अनिवार्य कर दिया गया है और यौन उत्पीड़न के मामले में बयान की
वीडियो रिकॉर्डिंग भी अब अनिवार्य कर दी गई है। पुलिस को 90 दिनों में शिकायत का स्टेटस और
उसके बाद हर 15 दिनों में फरियादी को स्टेटस देना अनिवार्य होगा। पीड़ित को सुने बिना कोई भी
सरकार 7 वर्ष या उससे अधिक के कारावास का केस वापस नहीं ले सकेगी, इससे नागरिकों के
अधिकारों की रक्षा होगी। ऐसा पहली बार हुआ है कि कम्युनिटी सर्विस को सज़ा के रूप में इस कानून
के तहत लाया जा रहा है। छोटे मामलों में समरी ट्रायल का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। अब 3 साल
तक की सज़ा वाले अपराध समरी ट्रायल में शामिल हो जाएंगे। इस अकेले प्रावधान से ही सेशंस कोर्ट्स
में 40 प्रतिशत से अधिक केस समाप्त हो जाएंगे। आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 90 दिनों की समय
सीमा तय कर दी गई है और परिस्थिति देखकर अदालत आगे 90 दिनों की परमिशन और दे सकेंगी।
इस प्रकार 180 दिनों के अंदर जांच समाप्त कर ट्रायल के लिए भेज देना होगा। कोर्ट अब आरोपित
व्यक्ति को आरोप तय करने का नोटिस 60 दिनों में देने के लिए बाध्य होंगे। बहस पूरी होने के 30
दिनों के अंदर माननीय न्यायाधीश को फैसला देना होगा, इससे सालों तक निर्णय लंबित नहीं रहेगा
और फैसला 7 दिनों के अंदर ऑनलाइन उपलब्ध कराना होगा।
पुराने आपराधिक कानूनों को निरस्त करना और नए कानूनों को अपनाना देश की वर्तमान
वास्तविकताओं को दर्शाता है। भारतीय लोकाचार और संस्कृति को प्रतिबिंबित करने के लिए इन
कानूनों का नाम बदला गया। जैसे कि भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 – पुरातन ब्रिटिश औपनिवेशिक युग से प्रस्थान का प्रतीक
है, जिसमें सजा पर न्याय पर जोर दिया जाता है। पिछले दशक में प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी
जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने धार्मिक कट्टरवाद और आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाया है। आतंकवाद
और उग्रवाद को लेकर सरकार की शून्य-सहिष्णुता नीतियों और कार्यों के कारण ये ताकतें अब
रक्षात्मक मुद्रा में हैं।इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने यूएपीए समेत संबंधित अधिनियमों
में आवश्यक संशोधन किए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी को विदेशों में भारतीयों और भारतीय हितों से
संबंधित आतंकी अपराधों की जांच करने का अधिकार दिया गया है। नए आपराधिक कानूनों ने
अनुपस्थिति में मुकदमे की अनुमति देकर इस बदलाव को और मजबूत किया है।
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पीजी कॉलेज में नव-प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए दीक्षारंभ समारोह का आयोजन
मंदसौर -(प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज मंदसौर के प्राचार्य डॉ- बी- आर- नलवाया ने बताया कि उच्च-शिक्षा विभाग] मध्यप्रदेश शासन] भोपाल के निर्देशानुसार महाविद्यालय में सत्र 2024&25 के नव-प्रवेशित विद्यार्थियों हेतु दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 1 जुलाई से 3 जुलाई 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय की स्थानीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष माननीय श्री नरेश जी चंदवानी थे। शुभारंभ समारोह में सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप दीपन के पश्चात अतिथि स्वागत हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ- बी-आर- नलवाया ने स्वागत भाषण दिया एवं विद्यार्थियों को महाविद्यालय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। विद्यार्थियों को विज़न एवं मिशन से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री नरेश जी चंदवानी ने नव-प्रवेशित विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा उन्हें बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। आपने विगत सत्रों में महाविद्यालय की अकादमिक, सांस्कृतिक एवं खेल से संबंधित उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। आपने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने शैक्षणिक उत्थान के साथ ही महाविद्यालय को अपना 100% देकर अपने माता&पिता] गुरुओं के साथ&साथ नगर] प्रदेश एवं देश के भविष्य निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्दान करें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ- एस-पी- पंवार ने विद्यार्थियों को समस्त महाविद्यालयीन स्टॉफ की शैक्षणिक योग्यता एवं उनकी विषय विशेषज्ञता के बारे में जानकारी प्रदान की। महाविद्यालयीन प्रवेश प्रकोष्ठ एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नोडल अधिकारी प्रो. गौरव पाटीदार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों एवं सफल क्रियान्वयन के संबंध में विद्यार्थियों को जागरूक किया। डॉ- पाटीदार ने महाविद्यालय की एन-एस-एस- एवं एन-सी-सी- इकाइयों] लाइब्रेरी] महाविद्यालय में चल रही विभिन्न छात्रवृत्तियों एवं शासन की विभिन्न योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
कार्यक्रम में पूर्व छात्रों ने भी अपने व्यक्तिगत अनुभव नव&प्रवेश विद्यार्थियों के साथ साझा किये। दीक्षारंभ कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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बी.ए./बी.कॉम. प्रथम/द्वितीय कम्प्यूटर प्रायोगिक परीक्षा
मन्दसौर। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मन्दसौर के प्राचार्य डॉ. बी.आर. नलवाया ने जानकारी प्रदान करते हुऐं बताया कि बी.ए./बी.कॉम. प्रथम वर्ष कम्प्यूटर फंडामेंटल (ओपन इलेक्टिव) एवं बी.ए./बी.कॉम. द्वितीय वर्ष प्रोग्रामिंग इन सी (ओपन इलेक्टिव) की प्रायोगिक परीक्षा दिनांक 03.07.2024 को कम्प्यूटर विभाग में आयोजित की गई है। उक्त विषय के विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा में उपस्थित रहें तथा अधिक जानकारी के लिए कम्प्यूटर विभाग में सम्पर्क करें।
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जैएसजी गोल्ड के तत्वावधान में रातडिया परिवार द्वारा किया गया बगीचे का निर्माण
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एमपी रीजन के अध्यक्ष प्रीतेश गदिया, इलेक्ट अध्यक्ष राहुल चपरोड़, इंटरनेशनल डायरेक्टर अभिषेक सेठिया, एमपी रीजन के सचिव मुकेश धोका, अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली के महामंत्री अभय श्रीमाल, वरिष्ठ मार्गदर्शक अभय सुराणा ग्रुप अध्यक्ष श्रीमती रेखा निर्विकार रातडिया आदि मंचासीन थे।
अतिथियों का स्वागत ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष कांतिलाल रातड़िया, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रोजेक्ट चेयरमेन निर्विकार रातडिया, पूर्व अध्यक्ष मनोज जैन, अभय जैन कल्पेश मेहता राजकुमार भंडारी अलका जैन, रश्मि जैन आदि ने किया स्वागत ।
उद्बोधन रेखा रातडिया ने दिया। कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि एमपी रीजन के अध्यक्ष प्रीतेश गदिया ने बताया कि इस वर्ष रीजन द्वारा 51 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। ‘‘एक पेड़ यानी एक जिंदगी’’ हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम अधिक से अधिक पौधे लगाएं व पर्यावरण की सुरक्षा करें। साथ ही उनके देखभाल की जिम्मेदारी भी स्वयं ले।
इस अवसर पर दिवाकर मंच के महामंत्री द्वारा गायों को प्रतिदिन नवकार मंत्र सुनने के लिए गौशाला में स्पीकर एमपी 3 प्रदान किए गए। कार्यक्रम में शशि अग्रवाल, भारती पारीक, विपिन पारेख, रेखा जैन , नीलम वीरवार, श्रुति परलेचा , अनीता जैन विनय जैन आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सचिव रश्मि जैन ने किया आभार अलका जैन ने माना।