जगन्नाथ रथ यात्रा की तर्ज पर नीमच इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित की जाएगी भव्य श्री जगन्नाथ रथ यात्रा ,
भजन, कीर्तन, नाच गाने के साथ ही विदेशी मेहमान रहेंगे आकर्षण का केंद्र
जगन्नाथ रथ यात्रा की तर्ज पर नीमच इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित की जाएगी भव्य श्री जगन्नाथ रथ यात्रा
भजन, कीर्तन, नाच गाने के साथ ही विदेशी मेहमान रहेंगे आकर्षण का केंद्र
नीमच। नीमच इस्कॉन मंदिर द्वारा पहली बार नीमच की धर्म प्रेमी जनता के लिए भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की तर्ज पर एक भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह रथ यात्रा 14 जुलाई रविवार को आयोजित होगी रथ यात्रा का प्रमुख केंद्र इस्कॉन मंदिर नीमच रहेगा।
इस्कॉन मंदिर नीमच के सन्यासी प्रभु रघुनाथ दास ने जानकारी देते हुए बताया कि नीमच इस्कॉन मंदिर के द्वारा जिले में पहली बार रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, यह रथ यात्रा 14 जुलाई रविवार को शाम 4:00 बजे फव्वारा चौक से प्रारंभ होकर बड़े बालाजी मंदिर, नरसिंह मंदिर, गोपाल मंदिर, श्री राम मंदिर, खाटू श्याम बाबा मंदिर, पुस्तक बाजार, भारत माता चौराहा, कमल चौक होते हुए समापन फव्वारा चौक पर होगा।
श्री जगन्नाथ रथ यात्रा में नीमच की धर्म प्रेमी जनता और इस्कॉन के भक्तों की टोली के साथ ही विदेशी मेहमान भी रहेंगे।
श्री जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान जी की सेवाएं निर्धारित की गई जिसमें पोशाक, रथ का चंदवा, रथ की पुष्प सजा, फूल माला साउंड सिस्टम, 56 भोग के साथ पांडाल सेवा, प्रचार प्रसार, वस्तु सेवा एवं प्रसाद सेवा है।
इस्कॉन अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ के रूप में जाना जाता है इस्कॉन के द्वारा भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में प्रसारित किया जा रहा है आज भारत के प्रमुख मंदिरों में जो विदेशी भक्त देखने को मिलते हैं उनके पीछे इस्कॉन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस्कॉन लगभग डेढ़ सौ देशों में अपने मंदिरों को स्थापित कर चुका है, इस्कॉन के मंदिर पूर्ण रूप से भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर शास्त्रों के अनुसार संचालित होते हैं।
श्री रघुनाथ दास प्रभु ने इस्कॉन पर लगने वाले आरोपो को लेकर बतलाया कि इस्कॉन का सारा पैसा शासन की निगाह में है और इसकी हमेशा ऑडिट होती है। इस्कॉन को मिलने वाला एक एक रुपया भारतीय कर प्रणाली के अंतर्गत ऑडिट किया जाता है। इस्कॉन को मिलने वाला चंदा एवं आर्थिक सहयोग भारत में ही इस्कॉन के मंदिरों पर खर्च किया जाता है।
इस्कॉन नीमच से जुड़कर कई वर्षों से लोग लाभान्वित हुए हैं और भगवान की भक्ति कर कर अपने जीवन को ईश्वरीय उद्देश्य की पूर्ति में लगाया है। 14 जुलाई को श्री जगन्नाथ रथ यात्रा द्वारा नीमच में भक्ति का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत होगा, सभी धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध है कि इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लें।