सामाजिकनीमचमध्यप्रदेश

सफ़ल दांपत्य जीवन में सबसे पहली भूमिका मां की हैं, महिलाएं आत्ममंथन करे की वो एफबी पर क्या डाल रहीं हैं–श्रीमती बल्दवा

माहेश्वरी समाज नीमच की सफल दांपत्य जीवन पर परिचर्चा संपन्न, महिलाओं ने पूछे कई प्रश्न
नीमच । सफ़ल दांपत्य जीवन में सबसे बड़ी भूमिका मां की होती हैं,पुत्री जब विवाह कर ससुराल में अपना कदम रखती हैं। तभी से उसकी मां का महत्व बहुत बड़ा होता हैं,क्योंकि ससुराल में छोटी–छोटी और बड़ी–बड़ी बातों की जानकारी मां को मिलती हैं। अब ऐसे में मां ही होती हैं,जो या तो अपनी पुत्री को समझा कर मामले को शांत कर दे। या फ़िर उसमें अपना हस्तक्षेप कर विरोधाभास कर दे।आज की माताओं को चाहिए,की वे कठोर बने और अपनी पुत्री को ससुराल में लोगों से गुल मिल कर रहना सिखाए। महिलाओ और  नवयुवतियों को आज के इस परिवेष में एक और विषय पर आत्मंथन करने की जरूरत हैं,वो हैं सोश्यल मीडिया आप यह सोचिए की आप अपने पति या परिजनों के साथ कही घूमने गए हैं। और ऐसे में आपने इंजॉय के लिए क्या कुछ वस्त्र पहनें हैं,उसे आप सोश्यल मीडिया पर डालने में कतई देर नहीं करती हैं। लेकिन जरा यह सोचिए की इन सब चीजों के परिणाम क्या हैं,यह आत्मंथन कीजिए की आप इन सोशयल अकाउंट पर अपनी तस्वीरे किसे दिखाने के लिए डाल रहीं हैं। और यह सोचिए की आख़िर जो लोग आपकों देख रहे हैं,क्या वे सही लोग हैं। उक्त उद्गार रविवार सुबह शहर के माहेश्वरी समाज भवन,नीमच में नीमच जिला माहेश्वरी सभा के तत्वाधान में नीमच जिला माहेश्वरी महिला संगठन,नीमच जिला युवा माहेश्वरी संगठन,माहेश्वरी समाज नीमच,माहेश्वरी महिला मंडल नीमच व माहेश्वरी युवा संगठन नीमच के सहयोग से वर्तमान परिवेश में सफ़ल दांपत्य जीवन हेतु परिवार जनों की भूमिका विषय पर आयोजित परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में हैदराबाद की अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा कार्यसमिति सदस्य श्री एबीएमएम महेश भगवती बल्दवा एजुकेशन फाउंडेशन की मुख्य ट्रस्टी,विभिन्न उद्योगों की डायरेक्टर भगवती महेश बल्दवा माहेश्वरी समाजजनों को संबोधित करते हुए बोल रहीं थी।
कार्यक्रम की शुरुआत माहेश्वरी समाज के आराध्य देव भगवान महेश के चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्जवलित करके की गईं। तत्पश्यात समाज के पदाधिकारियों ने श्रीमती बल्दवा का गुलदस्ता भेट कर सम्मान किया। कार्यक्रम के आरंभ में नीमच जिला माहेश्वरी समाज संगठन के जिलाध्यक्ष सुनील गगरानी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया,तत्पश्यात माहेश्वरी समाज की विभा जागेटिया ने प्रखर वक्ता भगवती महेश बल्दवा का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। इस दौरान मंच पर नीमच जिला माहेश्वरी महिला मंडल की सचिव संध्या राठी व माहेश्वरी महिला मंडल नीमच की सचिव शारदा गट्टानी भी मंचासीन थी।
श्रीमती बल्दवा ने अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए कहा की बच्चों को संस्कृति से जोड़ने का काम हमें बचपन से करना होगा,अगर हम हमारे बच्चे को20 साल का होने के बाद मंदिर जाने की कहेंगे। तो वो नहीं जाएगा, बेटी विवाह के पहले अपने पिता की ओर विवाह के बाद सिर्फ अपने पति की सुन ले। तो उसे जीवन में कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं हैं,प्रखर वक्ता भगवती बल्दवा ने कहा की सारी दुनिया का सुख एक तरफ होता हैं। और मां बनने का सुख एक तरफ होता हैं,फिर भी आज की बेटियां संतान पैदा नहीं करना चाहती हैं। जबकि आज की बेटियों को अवश्य ही संतान पैदा करना चाहिए। श्रीमती बल्दवा ने कहा की विवाह विच्छेद होना या परिवार का विघटन होने का सबसे बड़ा कारण माताओं का बेटियों के परिवार में दखलंदाजी करना हैं,कुछ जगह वास्तविकता में बेटी परेशान हों सकती हैं। वहा जरूर उसका साथ दीजिए,लेकिन छोटी –छोटी कहासुनी में उसका साथ देने की बजाय उसे अपने परिवार के साथ आगे बढ़ना सिखाए। मंचीय कार्यक्रम के पश्चात प्रश्न–उत्तरी हुई। जिसमें समाज की महिलाओं तथा पुरुषों ने श्रीमती बल्दवा से विभिन्न प्रश्न किए, जिसके उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए।
कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश काबरा ने किया तथा अंत में आभार माहेश्वरी समाज नीमच अध्यक्ष सुरेशचंद्र अजमेरा ने व्यक्त किया। इस दौरान सचिव नवीन गट्टानी,आनंद कालानी,दिनेश लड्डा,मनमोहन गट्टानी,रमेश बाहेती,सत्यनारायण जागेटिया,सतीश तोतला,सुशीला कालानी,दीपक मुंदड़ा,चंचल बाहेती,मनोज माहेश्वरी,मंजू मंडोवरा, श्रीकांता कालानी, लक्ष्मी बिहानी, कांता अजमेरा सहित बड़ी संख्या में माहेश्वरी समाज की महिलाएं,पुरुष तथा युवा मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}