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आरोपियों ने नाबालिग से भी किया था दुष्कर्म, 30 तक जा सकती है पीड़िताओं की संख्या, सिंगरौली की छात्राओं ने भी की शिकायत

 

✍🏻 विकास तिवारी

सीधी। मोबाइल एप के जरिए आवाज बदलकर बुलाने और एक नाबालिग समेत सात छात्राओं से दुष्कर्म करने के सनसनीखेज मामले का शनिवार शाम पुलिस ने राजफाश किया। मुख्य आरोपित बृजेश प्रजापति व उसके दो अन्य साथियों राहुल और संदीप प्रजापति को पुलिस ने गिरफ्तार कर चार दिनों के रिमांड पर लिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि दुष्कर्म से पीड़ित छात्राओं की संख्या 30 तक जा सकती है। सीधी के अलावा सिंगरौली जिले की छात्राओं ने भी शिकायतें की हैं। मामले की पहली रिपोर्ट 16 मई को सीधी के मझौली थाने में की गई थी। इस मामले से जुड़ी अब तक चार एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं।

मुख्य आरोपित बृजेश मोबाइल के जरिए वाइस चेंजिंग एप डाउनलोड कर पीड़िताओं से संजय गांधी कालेज की मैडम बनकर बात करता था। उनकी समस्याओं के निदान के लिए उनके घर से नजदीकी स्थान पर बुलाता था। इसके बाद मोटर साइकिल पर बैठाकर जंगल में बने एक खंडहर में ले जाकर दुष्कर्म करता था और उनसे उनका मोबाइल फोन छीन लेता था।

रीवा रेंज के आइजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि आरोपितों के विरुद्ध दुष्कर्म, लूट सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। एसडीओपी रोशनी ठाकुर के नेतृत्व में एसआइटी का गठन भी किया गया है, रिपोर्ट सात दिन में मांगी गई है।

घर पर चला बुलडोजर

पुलिस ने शनिवार को मुख्य आरोपित बृजेश के जमोड़ी थानांतर्गत ग्राम नवगवां दर्शन सिंह में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। अन्य आरोपितों के घर पर भी बुलडोजर चलाने की तैयारी है। पुलिस ने मुख्य आरोपित बृजेश पर 30 हजार का इनाम भी घोषित किया था।

वह मोबाइल वाइस एप के जरिए छात्राओं को कालेज में मिलने वाली छात्रवृत्ति आवेदन पर हस्ताक्षर कराने और पैसा नहीं निकलने की स्थिति की जानकारी लेकर बुलाता था। आरोपित के पास से अपराध से संबंधित चार मोबाइल फोन जव्त किए गए हैं। इसके साथ ही लूट की 16 मोबाइल फोन भी उसके पास से मिले हैं। आरोपित लड़कियों से बात करने के लिए वह सिम और मोबाइल बदल लेता था।

30 तक पहुंच सकती है पीड़िताओं की संख्या

पुलिस पड़ताल में आरोपित ने सात छात्राओं से दुष्कर्म तो स्वीकारा ही, साथ ही कहा कि उसे संख्या याद नहीं है। यह 30 तक हो सकती है। जिले के जमोड़ी थाना निवासी आरोपित पेशे से मजदूर है। उसने लड़कियों के नंबर पाने के लिए आठ छात्राओं से मोबाइल छीने और इनमें लड़कियों के नाम से दर्ज नंबरों पर काल करके जाल में फंसाता था।

ऐसे हुआ राजफाश

करीब एक सप्ताह पहले मड़वास चौकी में एक लड़की ने मोबाइल लूट की रिपोर्ट दर्ज कराई। जैसे ही बृजेश गिरफ्त में आया तो मामला खुल गया। आरोपित के दोनों हाथ एक फैक्ट्री में कार्य के दौरान जल गए थे। इसलिए वह हमेशा ग्लव्स पहनता था। पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि यह सब यू-ट्यूब में देखकर सीखा। वह पढ़ा-लिखा नहीं था, ऐसे में वह राहुल प्रजापति और संदीप प्रजापति के सहयोग से अपने मोबाइल में वाइस एप डाउनलोड कराया था।

ऐसा कार्य करने वाले समाज के दुश्मन

मुख्यमंत्री डा़ मोहन यादव ने कहा कि ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं। आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने और ठोस साक्ष्य संकलित करने के लिए एसआइटी का गठन कर दिया गया है।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरते हुए कहा कि मामले की तत्काल उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री से पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दिए जाने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

धोखा देने वालों से ऐसे बचें

– वाइस चेंजर एप्लीकेशन से बदली आवाज बेहद सुरीली और कंप्यूटराइज्ड होती है। ध्यान से सुनें कहीं ये आवाज बनावटी तो नहीं लग रही।

– किसी अनजान नंबर से आई काल पर कतई विश्वास नहीं करें।

– यदि कोई सुनसान जगह पर मिलने के लिए बुलाता है तो नहीं जाए या स्वजन को साथ लें।

– कभी ऐसी कोई काल आए तो तुरंत नजदीकी साइबर सेल या पुलिस को सूचना अवश्य दें।

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई एप उपलब्ध हैं, जिनके जरिए आवाज को बदला जा सकता है। सजग, सावधान रहने से ही ऐसे धोखों से बचा जा सकता है। जब भी ऐसी कोई काल आती है तो सबसे पहले उसे काट दें, फिर स्वयं लगाकर देखें। तब वास्तविक स्थिति का पता चल जाता है। घबराए बिना निर्णय लें। डिजिटल अरेस्ट होने से बचें।

– रश्मि खरया, पुलिस अधीक्षक साइबर सेल, जबलपुर

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