आंगनवाड़ी भर्ती मामले पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, जानें पूरा मामला
==============
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी भर्ती मामले पर सरकार की मनमानी पर नाराजगी जताई है। आंगनबाड़ी की नियुक्ति से जुड़े एक मामले में प्रदेश सरकार द्वारा पिछले 13 सालों से जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल, एक महिला अभ्यर्थी ने कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार पर आंगनवाड़ी भर्ती में मनमानी करने का आरोप लगाया था कोर्ट के द्वारा नोटिस जारी करने के बाद भी सरकार ने जवाब नहीं दिया इस मामले की सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने की
सीधी कलेक्टर को दिए निर्देश
आंगनवाड़ी भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जुर्माना राशि 3 दिनों में लीगल सेल अथॉरिटी में जमा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीधी कलेक्टर को अगली सुनवाई दौरान पूरे रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के निर्देश दिए हैं अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी दरअसल, सीधी जिले के गौरध गांव की निवासी सुधा गौतम ने साल 2011 में एक याचिका दायर कर सरकार पर आंगनबाड़ी की नियुक्तियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया था इस मामले में याचिकाकर्ता महिला की ओर से अधिवक्ता गोपाल सिंह बघेल ने पक्ष रखा।
2013 में कोर्ट ने सरकार से मांगा था जवाब
गोपाल सिंह बघेल ने अदालत को बताया कि ये मामला बीते 13 सालों से लंबित है। कोर्ट के द्वारा नोटिस जारी होने के बाद भी सरकार की ओर से अब तक इस मामले में जवाब पेश नहीं किया गया है, जबकि 9 जनवरी 2013 को जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया था इस मामले न्यायालय ने कहा कि इतने वर्षों में जवाब पेश न करना सरकार की उदासीनता को उजागर करता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जिसके बाद न्यायालय ने 50 हजार रु की कॉस्ट लगाते हुए सरकार को अंतिम अवसर प्रदान किया है। साथ ही सीधी कलेक्टर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति संबंधी सारे रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।