रूण्डी ग्राम में हुए आत्महत्या कांड का, 24 दिन हो गए तिनो कीअस्थियां नहीं समेटी

न्याय के लिए भटक रहा मृतक का परिवार, आरोपियों के मकान अब तक नहीं तोडें
परिजनों का कहना – कलेक्टर भी नहीं कर रहें कार्यवाही
मंदसौर। विगत दिनों मंदसौर जिले के ग्राम रूण्डी में दिल दहला देने वाला मामला हुआ था, जिसमें रुंडी गांव के रहने वाले प्रकाश बंजारा (35) ने अपनी बेटी सुमन (13) और बेटे विशाल (10) 4 मार्च को पेड़ पर फंदा डालकर फांसी लगाली थी। मामले में पुलिस ने राजू राठौर, कालू, सोनू, गोविंद, लीलाबाई, नोजीबाई और गीताबाई सभी रुंडी गांव के रहने वाले के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया था।
मृतक के परिजन पत्नी नैनीबाई, मां सीताबाई, पिता सूरजमल बंजारा, वकील बंजारा ने न्याय की आस में अभी तक बैठे हुए हैं और परिजनों की अस्थियां 24 दिन होने के बाद भी नहीं उठाई गई। बंजारा समाज में परंपरा है की सारी सरेन की प्रथा के चलते आरोपी ही हस्तियों को समेटेगा और गंगा जी ले जाएंगे ।
मृतक प्रकाश की पत्नी तथा दोनों बच्चों की मां नैनी बाई ने बताया कि पहले प्रशासन ने तीन दिन मकान तोडने का आश्वासन दिया था, उसके बाद 17 मार्च तक आरोपियों के मकान तोडने की कहा था लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
अब प्रशासन कह रहा है कि मकान तोड़ने की कार्रवाई चल रही थी न्यायालय का आदेश हो गया है उसके पालन अनुसार मकान नहीं तोड़ा जाएगा मैं और मेरा परिवार लगातार तहसीलदार, एसडीम कलेक्टर से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
मेरे पति और बच्चों की अस्थियां अब तक षमशान घाट में ही है जब तक हमें न्याय नहीं मिलता हम उन्हें नहीं उठायेंगे। नेनी बाई कहती हैं की मैं कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्महत्या कर लुगी और उसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
मृतक प्रकाश की मां तथा बच्चों की दादी सीताबाई ने बताया कि आरोपियों में अभी भी कानून या पुलिस का कोई खौफ नहीं है। मेरा बेटा तथा पोते- पोती मुक्ति के द्वार पर अभी भी खड़े हैं उनकी अस्थियां अभी तक नहीं समेटी गई अस्थियां समेटने के लिए अब हम गुहार लगा रहे हैं आरोपियों को कुछ समय के लिए गांव लाया जाए और अस्तियां समेटी जाए मेरे बच्चे तथा पोता- पोती को मुक्ति मिले हमारी सुनवाई हो।
मृतक प्रकाश के भाई वकील गरासिया ने बताया कि जेल के अंदर से भी वे हमारे पास धमकियों भरें संदेष दे रहे है । हम लोग बेहद परेशान हो चुके है हमारी मांग यह है कि आरोपियों के अवैध मकानों को जल्द से जल्द तोडा जायें और प्रशासन द्वारा अमृत आत्माओं की शांति के लिए अस्थियां समेटने के प्रयास करें आरोपियों को कुछ समय के लिए गांव लाया जाए।
मृतक प्रकाश के पिता सूरजमल बताते हैं कि हमारे समाज में सारी सोरन की प्रथम है जिसके चलते आरोपी ही अस्तियों को हाथ लगाएगा उसके बाद ही आगे मेरे बच्चे तथा पोते पोती को मुक्ति मिलेगी जब तक सातो आरोपी नहीं आएंगे तब तक अस्थियां ऐसे ही पड़ी रहेगी।