आलेख/ विचारमंदसौरमध्यप्रदेश
राज्यसभा का टिकट दिया श्री गुर्जर को ,यह काम भाजपा ही कर सकती है

विक्रम विद्यार्थी
समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार मंदसौर

लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, एक डेढ़ पखवाड़े में चुनाव तिथियां घोषित होने के आसार हैं, वैसे भी संसदीय क्षेत्र की मंदसौर सीट को छोड़ शेष सात विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। श्री गुर्जर के राज्यसभा में जाने पर मौजूदा सांसद श्री सुधीर गुप्ता एवं उनके समर्थकों को राहत मिल गई।
श्री गुर्जर के पहले राज्यसभा में डॉ. रघुवीरसिंह, श्री बालकवि बैरागी (दोनों कांग्रेस), श्री रघुनंदन शर्मा (भाजपा) एक-एक कार्यकाल तक राज्यसभा में मंदसौर संसदीय क्षेत्र का नाम गौरवान्वित कर चुके हैं।
पिछले पांच दशक से श्री बंसीभाई संगठन के छोटे पद से लेकर प्रदेश भाजपा महामंत्री तक तथा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी तक रहे। कृषि उपज मंडी मंदसौर के अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में मंडी का दर्जा अग्रणी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बंसीभाई को उनके समर्थक पहले विधायक तथा बाद में लोकसभा में सांसद बनने की अभिलाषा पिछले चार दशकों से रखे हुए थे। आम चुनाव में इस लोकसभा सीट की उम्मीदवारी में इनका नाम शुमार था किन्तु भाजपा हायकमान ने किसानों तथा गुर्जर समाज को संतुष्ट करते हुए यह अवसर प्रदान कर दिया।
भाजपा श्रेष्ठि नेतृत्व चुनाव को चुनौति के रूप में लेकर हर वर्ग, प्रमुख समाजों को जोड़ने के लिये प्रयत्नशील रहा है, एक तथा तीन बार के विधायक को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयोग पिछले विधानसभा चुनाव में किया है।
मंदसौर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिये चुनौती और बढ़ गई है। संसदीय क्षेत्र से उपमुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, सांसद राज्यसभा बंसीलाल गुर्जर, पूर्व मंत्री हरदीपसिंह डंग, ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक राजेन्द्र पांडे, दिलीपसिंह परिहार, चंदरसिंह सिसौदिया, माधव मारू, भाजपा लोकसभा उम्मीदवार के लिये ढाल बनकर खड़े रहेंगे।
और कांग्रेस . . . ! किसे अपना उम्मीदवार बनाती है इसका निर्णय होते ही यानि पलक झपकते ही पता चल जाएगा कि जनता की निगाह में वह उम्मीदवार किस मुकाम तक रहेगा।
लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मी आरंभ होगी। वैसे पिछल विधानसभा चुनाव में भाजपा के सात सीटों के जीत के आंकड़े पौने दो लाख वोट अधिक हैं। कांग्रेस हायकमान सही उम्मीदवार उतारेगा या तिकड़म, गुटबाजी के आधार पर अपना फैसला सुनाएगा। इस निर्णय की प्रतीक्षा लगभग 19 लाख मतदाता कर अपना फैसला मतदान के जरिए सुना देंगे।