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भारत रत्न: अब तक 50 विभूतियों का हुआ है सम्मान भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है जिसे अब तक 50 विभूतियों को दिया गया है। सबस पहले 1954 में तीन लोगों को भारत रत्न सम्मान दिया गया था। भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री – सी. राजगोपालाचारी, भारत , भारत के पहले उपराष्ट्रपति – सर्वपल्ली राधाकृष्णन और नोबेल पुरस्कार विजेता और भौतिक विज्ञानी सी वी रमन तब से यह पुरस्कार 50 व्यक्तियों को दिया गया है, जिनमें 15 को मरणोपरांत सम्मानित किया गया था।
2014 में, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, जो उस समय 40 वर्ष के थे, सबसे कम उम्र के प्राप्तकर्ता बने; जबकि समाज सुधारक धोंडो केशव कर्वे को उनके 100वें जन्मदिन पर सम्मानित किया गया।
सम्मानित होने वाले पहले गायक एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी थे और सम्मानित होने वाले पहले अभिनेता एम.जी.रामचंद्रन थे।
– भारत रत्न मदर टेरेसा, अब्दुल गफ्फार खान और नेल्सन मंडेला को भी दिया गया है।- सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), गायक-संगीत निर्देशक भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी सम्मानित किया है।
– इस वर्ष कर्पूरी ठाकुर को सम्मानित करने की घोषणा हुई और अब लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है।
मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में अब तक सात विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित किया है।
अटल बिहारी वाजपेयी ,महामना पंडित मदन मोहन मालवीय, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका, नानाजी देशमुख ,कर्पूरी ठाकुर,लाल कृष्ण आडवाणी

इनमें तीन भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं- अटल बिहारी वाजपेयी, नानाजी देशमुख और लाल कृष्ण आडवाणी ,प्रणब मुखर्जी खालिस कांग्रेसी नेता रहे, वहीं कर्पूरी ठाकुर कांग्रेस विरोधी समाजवादी नेता ,भूपेन हजारिका को संगीत में उनके योगदान के लिए भारत रत्न दिया गया ,महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का स्वतंत्रता आंदोलन में अतुलनीय योगदान रहा और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई ,इनमें चार भारत रत्न मरणोपरांत दिए गए
02 जनवरी 1954 को स्थापित यह पुरस्कार जाति, व्यवसाय, स्थिति या लिंग के भेदभाव के बिना “उच्चतम क्रम की असाधारण सेवा/प्रदर्शन” की मान्यता में प्रदान किया
यह पुरस्कार मूल रूप से कला, साहित्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवाओं में उपलब्धियों तक सीमित था, लेकिन सरकार ने दिसंबर 2011 में इसका विस्तार किसी भी क्षेत्र तक कर दिया। भारत रत्न के लिए सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं, जिसमें प्रति वर्ष अधिकतम तीन नामांकित व्यक्तियों को पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार के साथ कोई आर्थिक अनुदान जुड़ा नहीं है।
मूल क़ानून में मरणोपरांत सम्मान का प्रावधान नहीं था लेकिन उन्हें अनुमति देने के लिए जनवरी 1955 में संशोधन किया गया था। पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री मरणोपरांत सम्मानित होने वाले पहले व्यक्ति बने।
पीएम मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी की जमकर तारीफ की
भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है. केंद्र सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद एक्स पर पोस्ट करके इस बारे में जानकारी दी है. पीएम मोदी ने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी भारत रत्न से सम्मानित होंगे. अपने सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी की जमकर तारीफ भी की.
लालकृष्ण आडवाणी को पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज मैं यह शेयर करते हुए बहुत खुश हूं कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जाएगा. मैंने उनसे बात की और इस सम्मान के लिए बधाई भी दी. वह हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में एक हैं, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया और उपप्रधानमंत्री के रूप में भी हमारे देश की सेवा की. वह हमारे देश के गृहमंत्री और आईबी मिनिस्टर भी रह चुके हैं. उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा फॉलो करने वाले हैं.