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ताल –शिवशक्ति शर्मा
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि जिले के सभी धार्मिक स्थलों, संस्थाओं का राजनैतिक कार्यों के लिये उपयोग करना पूर्णतः वर्जित है। ऐसे स्थलों में समारोह आयोजित कर धर्म, जाति, समुदाय के बीच शत्रुता, आपसी घृणा या वैमनस्यता की भावना भड़काने पर संस्था के प्रबंधक या अन्य कर्मचारी (धार्मिक संस्था या उसके आध्यात्मक गुरू) द्वारा किसी भी आयोजन के संबंध में संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाना प्रभारी को उसकी सूचना देना अनिवार्य है सूचना न देना भी एक आपराधिक कृत्य है और सूचना न देने वाले के विरुद्ध अधिनियम की धारा-3, 5, 6, 7 एवं 9 के तहत् आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा। जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा आरोपित व्यक्ति पर 5 वर्ष तक का कारावास और रू. 10 हजार का अर्थदण्ड साथ ही भारतीय दण्ड विधान की धारा 176 के तहत एक माह तक का कारावास या रू. 500 का अर्थदण्ड अथवा दोनों दण्ड दिये जा सकते हैं।
अधिनियम के उक्त प्रावधानों के तहत् विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2023 के दौरान सतत् निगरानी रखते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी और अधिनियम के उक्त प्रावधानों से अपने अनुभाग, तहसील, पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थापित सभी धार्मिक स्थलों के धर्म गुरुओ एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों, सदस्यों को धार्मिक स्थलों के सूचना पटल पर चस्पा के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि उक्त अधिनियम के तहत् जो कार्य प्रतिबंधित किये गये हैं उन पर सतत् निगरानी रखी जाकर विधिसम्मत कार्यवाही अमल में लाई जायें।