10वीं व 12वीं के परीक्षा शुल्क में 300 रुपये की बढ़ोतरी, प्रवेश नीति जारी
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✍️विकास तिवारी
भोपाल। मप्र बोर्ड की 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को इस सत्र से 300 रुपये अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। माशिमं ने बोर्ड का परीक्षा शुल्क 900 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया है। इस हिसाब से अगर जोड़ा जाए तो हर साल बोर्ड परीक्षा में करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। 300 रुपये की फीस बढ़ोतरी से मंडल को 54 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी। मंडल के अधिकारियों का कहना है कि तीन साल में शुल्क बढ़ोतरी का अधिकार है। कोरोना के चलते हमने ये वृद्धि पांच साल बाद की है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश नीति जारी की है, जिसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। स्कूलों को कुछ नए निर्देश सख्ती से पालन करने के लिए आदेश दिए हैं। इस बार बोर्ड परीक्षार्थी प्रवेश पत्र जारी होने के बाद विषयों का संशोधन नहीं कर सकेंगे। साथ ही नामांकन शुल्क में 250 रुपये के बजाय 350 रुपये कर दिया गया है। डुप्लीकेट अंकसूची के लिए अब 300 रुपये के बजाय 500 रुपये देने होंगे।
इसके अलावा अन्य शुल्कों में भी वृद्धि की गई है। मंडल के अधिकारियों का कहना है कि मंडल को शासन से कुछ भी बजट नहीं मिलता है। इस बार मूल्यांकनकर्ताओं व पर्यवेक्षकों के मानदेय में 35 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। साथ ही कर्मचारियों के वेतन में महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान देने के कारण वेतन में बढ़ोतरी होगी। इससे सभी प्रकार के परीक्षा शुल्क को बढ़ाया गया है।
स्कूल फीस जमा नहीं कर पाए तो परीक्षा से वंचित होंगे
इस बार अगर तय समय तक स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क जमा नहीं किया जाता है तो विद्यार्थी परीक्षा से वंचित हो जाएंगे। पिछले साल 700 से अधिक स्कूलों के करीब तीन हजार विद्यार्थियों का शुल्क जमा नहीं हो पाया था। इस कारण फिर से स्कूलों को विलंब शुल्क हटाकर फीस जमा कराई गई थी।
बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू
10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए सामान्य शुल्क 1200 रुपये के साथ एक जुलाई से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 30 सितंबर तक परीक्षा फार्म भरे जाएंगे। माइग्रेशन, विषय परिवर्तन, परीक्षा केंद्र परिवर्तन शुल्क समेत सभी मदों में वृद्धि की गई है।
2018 में बढ़ाया गया था शुल्क
मंडल ने 2018 में सभी प्रकार के शुल्क में बढ़ोतरी की थी। 2018 में परीक्षा शुल्क 550 से बढ़ाकर 900 रुपये किया गया था। इस सत्र से यह 1200 रुपये कर दिया गया है। मंडल के मुताबिक हर साल बोर्ड परीक्षा को संपन्न कराने में करीब 40 से 50 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
मंडल हर तीन साल में शुल्क में बढ़ोतरी कर सकता है। 2018 में वृद्धि की गई थी। कोविड काल के कारण पांच साल बाद इस सत्र से सभी प्रकार के शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। विद्यार्थियों के हित में भी कई निर्णय लिए गए हैं।
मुकेश मालवीय, जनसंपर्क अधिकारी, माशिमं।