भोपालमध्यप्रदेश

लोकायुक्त में शिकायत से लेकर मुख्यमंत्री की नाराजगी के शिकार हुए मंत्री

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मुश्किल में घिरते दिख रहे मंत्री भूपेन्द्र सिंह

विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश में भाजपा के नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है। प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, विधायक शैलेंद्र जैन, विधायक प्रदीप लारिया और सागर जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने नगरीय आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह की मननमानियों और स्थानीय नेताओं की अनदेखी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधे शिकायत की है। चुनाव से ठीक पहले बुंदेलखंड में स्थानीय नेताओं में खींचतान को लेकर भाजपा नेता खासे चिंतित हैं। यही कारण है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री चौहान ने भूपेन्द्र सिंह को मिलने बुलाया और सभी नाराज मंत्री विधायकों के सामने उन्हें साफ शब्दों में मिलजुलकर रहने की सलाह दी है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में भूपेन्द्र सिंह को भी चेता दिया है कि वे स्थानीय नेताओं के सम्मान का ध्यान रखे और उनकी अनदेखी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

जिले में नहीं हो रही सुनवाई-

सागर जिले के स्थानीय नेताओं का आरोप है कि सागर जिले में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। जिले का प्रशासन नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के इशारे पर चल रहा है। नेताओं का कहना था कि भूपेंद्र सिंह ऐसे लोगों को प्रश्रय दे रहे हैं, जो उनके विरोधी हैं। इसके अलावा सागर में भूपेंद्र से पूछे बिना कोई काम नहीं हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बातचीत के दौरान स्थिति यहां तक पहुंच गई कि भूपेंद्र सिंह से नाराज गुट ने मुख्यमंत्री को यहां तक कह दिया कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। वहीं सीएम शिवराज सिंह ने काफी देर तक भार्गव और राजपूत की शिकायतों को गौर से सुना। यह सारी बातचीत बंद कमरे में हुई। इस दौरान किसी को कमरे में नहीं आने दिया गया। शिकायतें सुनने के बाद सीएम ने भरोसा दिया कि वे जल्द ही इस मसले पर बात करेंगे। नाराज गुट का कहना है कि वो इस मुद्दे को काफी पहले से उठा रहे हैं। लेकिन जब उनपर ध्यान नहीं दिया गया उन लोगों ने एक साथ मुख्यमंत्री से बात की।

भूपेन्द्र सिंह से नाराज हैं मुख्यमंत्री-

सूत्रों के अनुसार महाकाल कॉरिडोर में हुए भ्रष्टाचार की पोल खुलते ही मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह से खासे नाराज हुए हैं। उन्होंने भूपेन्द्र सिंह को साफ और कड़े शब्दों में समझा दिया है कि अगर इस घोटाले में जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री का यह तेवर देख भूपेन्द्र सिंह बुरी तरह से घबरा गये हैं और वे अब बगले झांक रहे हैं। जाहिर है कि पहले स्थानीय नेताओं की नाराजगी और फिर महाकाल कॉरिडोर में हुए भ्रष्टाचार की पोल ने भूपेन्द्र सिंह की मट्टी पलीत कर दी है।

आय से अधिक संपत्ति में घिरेंगे भूपेन्द्र-

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस की शिकायत पर मप्र लोकायुक्त ने जांच प्रारंभ की है। कांग्रेस ने बीते महीने भूपेंद्र सिंह द्वारा सरकार में रहते हुए आय से अधिक व बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए थे। हालांकि भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए शिकायतकर्ताओं पर झूठी शिकायत करने की बात कहते हुए मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही है। आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच प्रांरभ की है। यह जांच कांग्रेस द्वारा की गई शिकायत के आधार पर प्रारंभ की गई है, जिसमें उन पर पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए थे। यह शिकायत बीते 11 मई 2023 को लोकायुक्त से की गई थी। इधर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को तथ्यहीन व निराधार बताते हुए कहा कि यह केवल मेरे चुनावी शपथ पत्र के आधार पर शिकायत की गई है। उन्होंने राजधानी में मीडिया के सामने बात रखते हुए सागर में होटल कारोबार, डेयरी से लेकर खेती की जमीन व अन्य संपत्तियों की जानकारी भी देते हुए आय के स्रोत भी बताए हैं।

 

 

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