सात जिलों से लाए गए 5 सौ से लेकर 25 हजार रुपए तक के करोड़ों के स्टांप किए गए नष्ट
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रीवा- डिवीजन के 7 जिलों के करोड़ों रुपए के स्टाम्प को नष्ट कर दिया गया।ई-स्टाम्प प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद यह प्रचलन से बाहर हो गए थे।ई-स्टाम्प प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद यह प्रचलन से बाहर हो गए थे।कोष एवं लेखा विभाग ने रद्दी करार देते हुए इन स्टाम्पों को नष्ट करने के निर्देश दिए थे।जिसके बाद इनके विनष्टीकरण की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।इन स्टाम्पों को नष्ट करने की प्रक्रिया की गई।कोष एवं लेखा विभाग से निर्देश मिलने के बाद रीवा जोन के 7 जिलों से लाए गए करोड़ों के स्टाम्प को विनष्ट किया गया।शासन के निर्देश पर प्रशासन कोषालय और पंजीयन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में इनको कटर मशीन से काटने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।इनमें लगी चांदी की पतली तार को अलग कर लिया गया।जबकि काटने के बाद स्टाम्प पेपरों की कतरनों को ठेकेदार को बेच दिया गया। बताया गया कि 5 सौ से लेकर 25 हजार रुपए तक के थे स्टाम्प जिले के कोषालय में रखे यह स्टाम्प प्रचलन से बाहर हो गए थे। वर्ष 2015-16 के बाद से ई-स्टाम्प के माध्यम से रजिस्ट्रियां होने लगीं ऐसे में इनका उपयोग नहीं रह गया।आयुक्त कोष एवं लेखा विभाग की ओर से डिपो में रखे स्टाम्प पेपर को विनष्ट करने के निर्देश कोषालय अधिकारियों को दिए गए।इनमें 5 सौ रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक के स्टाम्प पेपर शामिल थे जिनके विनिष्टीकरण किया गया।
इन जिलों के स्टाम्प पेपरों को किया नष्ट-
दी गई जानकारी के अनुसार रीवा,सतना,सीधी,शहडोल, उमरिया सिंगरौली,अनूपपुर जिले के कोषालयों से स्टाम्प को जबलपुर लाया गया।इस लाट में सर्वाधिक 62 करोड़ 89 लाख 69 हजार 900 रुपए के स्टांप पेपर रीवा जिले से लाए गए। कलेक्ट्रेट परिसर में इनके विनष्ट करने की वीडियोग्राफी भी हुई। इस दौरान पुलिस भी मौजूद रही।
इन अधिकारियों को कहना-
इस संबंध में वरिष्ठ कोषालय अधिकारी के मुताबिक रीवा जोन में आने वाले सभी 7 जिलों से 100 रुपए से अधिक मूल्य वाले स्टाम्प मंगवाकर शासन के नियमों के अनुसार उनका विनष्टीकरण किया गया। जिसमें 5 सौ से लेकर 25 हजार रुपए तक के स्टाम्प पेपर शामिल थे। अब रजिस्ट्री अथवा अन्य अन्य कार्यों के लिए 100 रुपए से ऊपर के स्टाम्प ऑनलाइन जनरेट हो रहे हैं। शासन ने छपे हुए स्टाम्प के विक्रय के लिए समय दिया था, किंतु अधिकतम स्टाम्प स्ट्रांग रूम में ही पड़े रहे।सरकार ने जब 100 रुपए के नीचे के छोड़कर स्टाम्प पेपर की बिक्री पर रोक लगाई तो रद्दी हुए स्टाम्प की स्थिति सामने आ गई।शासन से मिले आदेश के तहत अप्रचलित नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर को विनष्ट करने की प्रक्रिया की गई है।