औरंगाबाद सदर अस्पताल मे हुई घटना को लेकर सांसद पर लगाए जा रहे आरोप को बीजेपी ने बताया निराधार, राजद का बताया षडयंत्र
बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
सदर प्रखंड के फेसर थाना क्षेत्र के बाकन गाँव के समीप ट्रैक्टर के अनियंत्रित होकर पलट जाने से बघोई खुर्द निवासी विनय सिंह की मौत हो गई थी और उनके पुत्र रौशन कुमार को घायल अवस्था में सदर अस्पताल लाया गया था अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरती गई थी और इलाज के आभाव में रौशन कुमार का मृत्यु हो गई थी।
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी मितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल में एक रोस्टर में दो डॉक्टर की ड्यूटी रहता है उस समय मात्र एक डॉक्टर ही ड्यूटी में थे लोगों के द्वारा समय से इलाज नहीं होने पर परिजन के द्वारा विरोध किया गया और परिजन के द्वारा सांसद सुशील कुमार सिंह को सूचना दिया गया। सांसद और भाजपा जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा और मुखिया प्रतिनिधि अमरीश सिंह अस्पताल पहुँचे और स्थिति की जानकारी ली लेकिन सिविल सर्जन,अस्पताल उपाधीक्षक,अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टर उपस्थित नही रहने पर सांसद ने सभी बातो से जिला पदाधिकारी को अवगत कराया। सांसद को पहुंचने के बीस मिनट के बाद सिविल सर्जन और उपाधीक्षक अस्पताल में पहुँचे जब सांसद ने पूछा कि इलाज में लापरवाही क्यों बरती गई और आप उस समय कँहा थे सिविल सर्जन ने कहा कि मैं और अस्पताल उपाधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रहे मीटिंग में मौजूद था।
सांसद ने कहा कि जब कोई इमरजेंसी केस आया था तब क्यों नहीं इलाज किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कौन कौन लोग थे इसकी भी जाँच होनी चाहिए कि यह झूठ बोल रहे है कि सच इन सभी बातों को लेकर अस्पताल कर्मियों के द्वारा 28 मार्च को सुबह 9 बजे से धरना पर बैठ गए और अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। इस घटना की सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गई थी कि नहीं यह जाँच का विषय है और अगर दी गई थी तो सिविल सर्जन,अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक के द्वारा इमरजेंसी के लिए पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
इस धरने के कारण और इमरजेंसी में व्यवस्था नही रहने के कारण नबीनगर प्रखंड के कालापहाड़ निवासी अशोक कुमार सिंह का इलाज के अभाव में अस्पताल में आधे घंटे तक तड़पने के बाद दोपहर 2:40 पर मौत हो गई और कर्मी धरना पर बैठे रहे और इलाज नही किया गया सांसद पर जो आरोप लगाए गए हैं वह बिल्कुल गलत है इसका जाँच अस्पताल के वीडियो फुटेज से हो जाएगा यह सभी बातें राजद के नेताओं के द्वारा षड्यंत्र कर किया गया है।
राजद के नेता अपने सरकार और बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के नाकामयाबी को छिपाने के लिए धरना पर बैठे हुए थे। मैं यह माँग करता हुँ कि इसकी उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए और अशोक कुमार सिंह का मृत्यु हुआ है उसका जिम्मेवार धरना पर बैठे राजद के नेता और सिविल सर्जन,अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक और स्वास्थ्य कर्मी लोग है। इन सभी के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और जल्द से जल्द गिरफ्तारी होना चाहिए और मृत परिवार के सदस्यों को 50 लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए। आए दिन हमेशा इस तरह का लापरवाही देखने को मिलता है और कभी भी इलाज के आभाव में लोगों की मौत हो जाती है।