हरदाखेल-स्वास्थ्य

जन शिक्षा केंद्र और युविसम फाउंडेशन बघवाड़ के सहयोग से प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

जन शिक्षा केंद्र और युविसम फाउंडेशन बघवाड़ के सहयोग से प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

रहटगांव (हरदा), 21 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश के हरदा जिले के टिमरनी ब्लॉक में स्थित रहटगांव सरकारी कन्या शाला (पालीवाल स्कूल) में सामाजिक-भावनात्मक-नैतिक शिक्षा (Social Emotional Ethical Learning – SEEL) प्रोग्राम के अंतर्गत आज दूसरा प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह सत्र जन शिक्षा केंद्र और युविसम फाउंडेशन बघवाड़ के सहयोग से आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को कहानी एवं अनुभव आधारित सीख के माध्यम से SEEL की गहन समझ विकसित करना था, ताकि वे इसे अपनी कक्षाओं में प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। सत्र की शुरुआत दलाई लामा की प्रेरक कहानी से हुई, जिसके जरिए करुणा, आत्म-अनुशासन, सहानुभूति और नैतिक मूल्यों को सरल एवं प्रभावशाली तरीके से समझाया गया। इस कहानी आधारित प्रस्तुति ने शिक्षकों को यह बोध कराया कि भावनात्मक शिक्षा को बच्चों के दैनिक जीवन और कक्षा शिक्षण से कैसे जोड़ा जा सकता है।

प्रशिक्षण में RTE (शिक्षा का अधिकार अधिनियम), FLN/FLM (Foundational Literacy & Numeracy/Mathematical Fluency), SEL (Social Emotional Learning) और SEEL के बीच घनिष्ठ संबंध को स्पष्ट किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि पढ़ने-लिखने, गणना और समझ विकसित करने की प्रक्रिया तब अधिक सफल होती है, जब बच्चे भावनात्मक रूप से सुरक्षित, आत्मविश्वासी और नैतिक मूल्यों से संपन्न होते हैं।

शिक्षकों के साथ संवादात्मक गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें यह समझाया गया कि FLN के लक्ष्य तभी पूर्ण रूप से हासिल किए जा सकते हैं, जब SEL और SEEL को कक्षा की रोजमर्रा की शिक्षण प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाया जाए। शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और चर्चा की कि कहानी, संवाद तथा समूह गतिविधियों से बच्चों में सीखने की रुचि कैसे बढ़ाई जा सकती है।

इस प्रशिक्षण सत्र में युविसम फाउंडेशन के डायरेक्टर आनंद, जितेंद्र गंदवाने और अनिल सरेयाम विशेष रूप से उपस्थित रहे। इन्हीं के द्वारा शिक्षकों को विस्तृत प्रशिक्षण एवं ओरिएंटेशन प्रदान किया गया। उन्होंने SEEL के प्रमुख मॉड्यूल को विस्तार से समझाया और शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे इसे अपनी-अपनी स्कूलों में तुरंत लागू करें तथा स्कूल स्तर पर छोटे-छोटे स्तर पर इसे क्रियान्वित करने का प्रयास करें।

जन शिक्षा केंद्र के प्रभारी श्री सिद्धार्थ जोशी, जन शिक्षक श्री कमलेश गौर एवं अन्य शिक्षक साथियों की सक्रिय उपस्थिति में यह सत्र अत्यंत सार्थक, प्रेरणादायी और ज्ञानवर्धक रहा। प्रशिक्षण के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया गया कि SEEL केवल एक अलग विषय नहीं है, बल्कि RTE और FLN के लक्ष्यों को मजबूत बनाने का एक शक्तिशाली माध्यम है।

इस द्वितीय प्रशिक्षण ने शिक्षकों को नई दिशा और दृष्टि प्रदान की है। यह विश्वास मजबूत हुआ कि भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ जुड़ी सीख बच्चों के सर्वांगीण विकास की मजबूत नींव रखती है। SEEL के माध्यम से शिक्षा अब नई दिशा में अग्रसर हो रही है, जहां ज्ञान के साथ-साथ हृदय और चरित्र का विकास भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।

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