अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा 1971 में शहीद हुए सैनिकों को दीप प्रज्वलित कर दी श्रद्धांजलि

नन्हे मुन्ने बच्चों ने शहीद हुए सैनिकों को सलामी देकर श्रद्धांजलि अर्पित की
सीतामऊ। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा हर साल की तरह विजय दिवस के अवसर पर लदुना चौराहा पर सैनिकों द्वारा विजय दिवस में शहीद हुए सैनिकों को दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई आपको बता दे की सन 1971 के युद्ध में भारत और बांग्लादेश की संयुक्त सेना ने पाकिस्तान को पराजित किया था जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ था देश भर में 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है उल्लेखनीय है कि पूर्व सैनिको द्वारा हर साल की तरह इस आयोजन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन नेता इस आयोजन पर कन्नी काटते हुए नजर आते हैं जो मौके पर थे वह भी इधर-उधर गायब हो जाते हैं लेकिन आपको अवगत करा देते हैं कि इन्हीं सैनिको की वजह से आज आप लोग सुकून में जी रहे हैं और जीते रहेगे। लेकिन शहीद हुए सैनिकों नन्हे बच्चों ने सलामी देकर श्रद्धांजलि अर्पित की है यह स्थानीय नेताओं के लिए सबसे बड़ी शर्म की बात है कि इस आयोजन में नेताओं की अनुपस्थिति रही है इस श्रद्धांजलि आयोजन के अवसर पर वरिष्ठ पूर्व सैनिक 1971 के युद्ध में कार्यरत रहे महावीर प्रसाद परसाई लदुना कृष्णपाल सिंह पंवार भगवत सिंह सिसोदिया कोचरियाखेड़ी नंदलाल मांगीलाल राठौर महेंद्र जोशी सीतामऊ लालचन्द बादर सिंह लदूना राजेश नागदा खेड़ा दीपक सोनी सीतामऊ आकाश द्विवेदी सीतामऊ महेश राठौर लदूना संजय चौहान सहित इस आयोजन में उपस्थिति थे।
स्वयं सेवकों ने लगाए प्रहार
1971 में बांग्लादेश की लड़ाई में बलिदान होने वाले लगभग 3900 सैनिकों की याद में आरएसएस की शाखाओं पर 2011 से प्रहार दिवस मनाया जा रहा है। उस दिन भारत की बांग्लादेश पर जीत हुई थी और 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। यह भारत की बहुत बड़ी जीत थी।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी 1971 के युद्ध में शहीद हुए वीर सेनिको का स्मरण करते हुए उन्हें 16 दिसंबर के दिन श्रद्धांजलि अर्पित कर विजय दिवस को प्रहार दिवस के रूप में मनाया। प्रहार दिवस पर नगर के श्रीराम विद्यालय मैदान में प्रातः 7.30 बजे से 9 बजे एवं रात्रि 7.30 बजे विभिन्न संगठनों समाज जनों स्वयं सेवकों ने लट्ठ से प्रहार लगाकर प्रहार दिवस मनाया।



