किटनाशक दवाई से खराब हुई लहसुन का
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने देखी खराब हुई फसल, दुकानदार द्वारा किसान को दवाई का ओवरडोज देना बताया कारण
नगरी — नगर में किसान द्वारा किटनाशक दवाई छिड़काव के बाद खराब हुई लहसुन के मामले में शुक्रवार को कृषि विज्ञान केन्द्र अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने किसान के खेत पर पहुंच कर खराब हुई लहसुन फसल का निरीक्षण किया। किसान ने नगरी के ही सांवरिया कृषि सेवा केन्द्र से लहसुन पर स्प्रे करने के लिए दवाई खरीदी थी। दवाई छिड़काव के बाद पांच छः दिनों में लहसुन सुख गई। किसान का करीब 85 हजार से ज्यादा का नुक़सान बताया जा रहा है। नगरी के किसान सुरेश पपोंडिया ने बताया कि डेढ़ बीघा खेत में ऊटी लहसुन लगाई थी। लहसुन पर थीपस आने पर स्थानीय कृषि दवाई विक्रेता जगदीश धाकड़ से दवाई खरीदकर छिड़काव किया था। छिड़काव के करीब पांच दिनों बाद फसल सिंचाई करने के बाद लहसुन पीली होकर सुखने लगी। संबंधित दुकानदार से मार्गदर्शन लेने पर उसने ओर दवाई दी। किंतु उसके छिड़काव से भी फसल में कोई लाभ नहीं हुआ। मामले में दवाई विक्रेता जगदीश धाकड़ ने अधिकारियों को दिए बयान में बताया कि लहसुन मेरे द्वारा दी गई दवाई से नहीं बल्कि किसी खरपतवार नाशक से सुखी है। फसल खराब होने के बाद किसान ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी थी। कृषि विभाग द्वारा गठित दल के कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निषिथ गुप्ता, सहायक संचालक कृषि पीएस कटारा, उद्यानिकी विभाग से पप्पू पाटीदार ने शुक्रवार को किसान के खेत पर पहुंच कर खराब हुई लहसुन का निरीक्षण किया। डॉ गुप्ता ने बताया कि एक दवाई से जो काम हो सकता था, उसके लिए दुकानदार द्वारा चार दवाईयां दी गई। प्रथम दृष्टया ओवरडोज के कारण फसल खराब हुई है। टीम ने मौके पर पंचनामा बनाकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
दवाई सेंपल लिए –– गुरुवार शाम को वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी चेतन पाटीदार एवं कृषि विस्तार अधिकारी राजेश सेठिया ने नगर के सांवरिया कृषि सेवा केन्द्र के साथ ही अन्य कृषि दवाई दुकानों पर पहुंच कर कृषि दवाई के सेंपल लिए। पाटीदार ने बताया कि किसान की किसान की लहसुन पर जो दवाई छिड़काव किया गया था उसके सेंपल जांच के लिए लेब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने में थोड़ा समय लगेगा।



