बिहारऔरंगाबाद

भाजपा की जातीय रणनीति ने बिहार में NDA को 202 सीटें दिलाईं, क्या RJD इसे चुनौती दे पाएगी?

भाजपा की जातीय रणनीति:-बिहार की राजनीति में एक नया मोड़

बिहार में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की नई जातीय रणनीति ने सबका ध्यान खींचा है। पार्टी ने OBC (सम्राट चौधरी कुशवाहा) और EBC (प्रेम कुमार चंद्रवंशी) को उपमुख्यमंत्री और विधानसभा के स्पीकर बनाकर एक मजबूत जातीय समीकरण बनाने का प्रयास किया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह रणनीति भाजपा के लिए सफल होगी, या समाजवादी दल इसे चुनौती देंगे?

भाजपा की रणनीति: क्या यह काम करेगी?

भाजपा की इस रणनीति के पीछे का तर्क यह है कि OBC और EBC वोटबैंक को साधकर पार्टी अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है। बिहार में ये दोनों वर्ग महत्वपूर्ण हैं और इनके समर्थन से भाजपा को चुनाव में फायदा हो सकता है। हाल के परिणामों के अनुसार, NDA (भाजपा+जेडीयू) ने 202 सीटें जीतकर बहुमत हासिल की है, जबकि महागठबंधन (RJD+कांग्रेस) को केवल 35 सीटें मिली हैं।

समाजवादी दलों की चुनौती-

समाजवादी दलों, खासकर RJD और अन्य दल के लिए यह रणनीति एक बड़ी चुनौती है। उन्हें अपने पारंपरिक वोटबैंक को एकजुट रखना होगा और जातीय राजनीति से ऊपर उठकर विकास और रोजगार जैसे मुद्दों पर जोर देना होगा। Tejashwi Yadav की RJD ने बेरोजगारी और सामाजिक न्याय को मुख्य मुद्दा बनाया है, लेकिन अभी तक के परिणामों में उन्हें भाजपा की रणनीति का मुकाबला करना मुश्किल लग रहा है।

बिहार की राजनीति का भविष्य

बिहार की राजनीति का भविष्य कई कारकों पर निर्भर करेगा:-

– वोटर टर्नआउट- 2025 के चुनावों में रिकॉर्ड 67.13% मतदान हुआ, जो मतदाताओं की सक्रियता को दर्शाता है।

– जातीय समीकरण: OBC, EBC, और दलित वोटों का संतुलन किसके पक्ष में जाता है।

विकास और रोजगार: युवाओं की उम्मीदें और बुनियादी सुविधाओं का मुद्दा।

– नेतृत्व:- नीतीश कुमार की मध्यस्थ भूमिका का भविष्य। समाजवादी विचारधारा के समर्थकों को उम्मीद है कि जदयू मजबूत हो, और सबसे बड़ी पार्टी बने, लेकिन भाजपा OBC-EBC को साधने में जुटी है।

भाजपा की रणनीति फिलहाल मजबूत दिख रही है, लेकिन समाजवादी दलों के पास अभी भी समय है अपनी रणनीति को मजबूत करने का। बिहार की राजनीति अभी भी अनिश्चित है, और परिणाम कई मायनों में आश्चर्यजनक हो सकते हैं।फिर भी बिहार में समाजवादीयो के लिए अवसर उपलब्ध है,बिहार और यूपी में बहुत बड़ी समाजवादी पार्टी है, नेता हैं, कार्यकर्ता हैं। सभी चाहते हैं कि बिहार की सबसे बड़ी पार्टी जदयू बने, जिसका नेत्रित्व नीतीश कुमार करे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon
Whatsapp
ज्वॉइन करें
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}