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भ्रष्ट्राचार रोकने के लिए एसपी ने किया रोस्टर सिस्टम लागू, जिले में हर तीन से छह माह में होंगे थानेदार के तबादले

इस प्रकार का नवाचार करने वाला मंदसौर प्रदेश में पहला जिला बना 

मंदसौर। अक्सर सुनने में आता है पुलिस की छवि पर कई बार अलग-अलग तरह से दाग लगते है।जांच होती है, कभी आरोप साबित होता है, कभी नहीं होता।

वहीं वर्तमान पुलिस कार्यप्रणाली पर देखा जाए तो जिले में थाना प्रभारियों पर ड्रग्स से लेकर शराब तस्करों के साथ मिलीभगत के कई आरोप छह माह में लगे व साबित भी हो गए। इससे निपटने एसपी विनोद मीना ने नई कार्ययोजना बनाई है।

पुलिस अधीक्षक श्री मीणा द्वारा नई रोस्टर प्रणाली लागू कि गई जिसकी कार्य-योजना अनुसार पुलिस थानों पर किसी भी थाना प्रभारी को तीन से छह माह से अधिक नहीं रहने दिया जाएगा। प्रदेश में इस प्रकार का नवाचार कर रोस्टर प्रणाली लागू करने वाले पहले मंदसौर जिले के एसपी मीणा बन गए है।

एक नज़र जिले को देखा जाए तो जिले में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी सबसे अधिक होती है। कई बार तस्करों से पुलिस अधिकारियों से लेकर पुलिसकर्मियों का गठजोड़ भी खुले रूप से सामने आए है। हाल ही में ही तस्करों से रुपए लेन-देन के मामले भी उजागर हुए है। जिसके बाद शामगढ़ के तत्कालीन थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे, उपनिरीक्षक अविनाश सोनी, प्रधान आरक्षक दिलीप बघेल और एक आरक्षक को निलंबित किया। इसी दौरान जिले के दलौदा थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी मनोज गर्ग पर भी लेन-देन के आरोप लगे और लाइन अटैच किया।

रोस्टर सिस्टम से होंगे यह लाभ– पुलिस का मानना है जिले में रोस्टर सिस्टम से लाभ होगा। इसमें थाना प्रभारियों को अपने थाना क्षेत्र में बेहतर से बेहतर काम करने को लेकर प्रतिस्पर्धा होगी। दावा है इस सिस्टम से राजनीतिक हस्तक्षेप भी कम होगा। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियानों में ओर बेहतर परिणाम आना शुरु होंगे। थाना प्रभारियों को अलग-अलग थानों पर काम करने का मौका मिलेगा।

भ्रष्टाचार जीरो प्रतिशत हो सकेगा- रोस्टर अच्छा सिस्टम है। इसके फायदे के आंकलन के बाद ही इसको लागू कर रहे है। इससे सबसे बड़ा लाभ यह है कि भ्रष्टाचार जीरो प्रतिशत हो सकेगा।

-विनोद मीना पुलिस अधीक्षक मंदसौर

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