संघ शताब्दी वर्ष: सुवासरा में स्वामी विवेकानंद खेल मैदान में “युवा संगम” कार्यक्रम का हुआ आयोजन

संघ शताब्दी वर्ष: सुवासरा में स्वामी विवेकानंद खेल मैदान में “युवा संगम” कार्यक्रम का हुआ आयोजन
सुवासरा। नगर के स्वामी विवेकानंद खेल मैदान में “युवा संगम” के बैनर तले युवा संगम कार्यक्रम हुआ जिसमें सुवासरा खंड के 58 ग्राम से 750 से अधिक युवाओं ने सहभागिता करी। 2 घंटे के चले इस कार्यक्रम में खेल , गटश: वर्तमान समय की चुनौतियों के बारे में चर्चा के पश्चात बौद्धिक कार्यक्रम हुआ।जिसमें मंचासीन अतिथि श्री मांगीलाल मेहर खंड संघचालक मुख्य वक्ता श्री विनीत नवाथे प्रांत कार्यवाह ,मुख्य अतिथि निलेश गुर्जर निजी सैन्य प्रशिक्षण संचालक रहें।
मुख्य वक्ता श्री नवाथे ने बताया हर युग में जो भी परिवर्तन आये हैं वे युवाओं द्वारा ही आये हैं. त्रेता युग में राम, द्वापर में कृष्ण ने युवावस्था में ही जन जागृति लाई, समाज को संगठित किया और असुरी शक्तियों का नाश किया. सज्जनों की रक्षा की व धर्म की स्थापना की।
कलियुग में यही काम भगवान बुद्ध, आद्य शंकराचार्य, आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त, प्रताप, शिवाजी ने किया।
स्वामी विवेकानंद ने सारी दुनिया में हिंदुत्व का डंका बजाया. आचार्य जगदीश चंद्र बसू ने विज्ञान में तो जमशेद जी टाटा ने उद्योग में भारत का नाम ऊंचा किया।
स्वाधीनता संग्राम में लक्ष्मीबाई, भगत सिंग, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष सब युवा ही थे। युवाओं में सृजन और विध्वंस दोनों करने की शक्ति सामर्थय होता है।
अमेरिकन ट्विन टावर उडाने वाले और सारी दुनिया में आतंकी हमले करने वाले युवा ही हैं. नक्सली भी युवा ही हैं।
युवा शक्ति का उपयोग कौन किस लिए कर रहा है यह महत्वपूर्ण है.
स्वाधीनता आंदोलन में लगे डाक्टर हेडगेवार जी ने इस बात को पहचाना था. वो जान गये थे कि देश स्वाधीन तो हो जायेगा पर स्वतंत्र तो तब होगा जब समाज संगठित व स्वाभिमानी व राष्ट्र सर्वोपरि के भाव से भरा होगा. इसीलिए उन्हौंने 1925 की विजयादशमी को संघ आरंभ किया।
सौ वर्ष में संघ ने अनेक प्रतिबंध झेले, संघर्ष किये और आगे बढता रहा. स्वयंसेवकों ने अनेक संगठन खडे किये. आज सारी दुनिया संघ को स्वीकार कर रही है.
शताब्दी वर्ष मे संघ ने पंच परिवर्तन के संकल्प लिये हैं, युवाओं ने इनमें से स्वदेशी, और नागरिक अनुशासन का संकल्प लेना चाहिए।


