मध्यप्रदेशरतलाम

समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 09 नवंबर 2025 रविवार

स्तनपान की सही तकनीक से शिशुओं के वजन और ऊंचाई में बढ़ोतरी हुई मिशन न्यूट्रिशन में जिला प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न

वसा और कार्बोहाइड्रेट का उपयोग कम करें, प्रोटीन का उपयोग बढ़ाएं -डॉ रूपल दलाल

रतलाम जिले के मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई में व्हील्स ग्लोबल फाऊंडेशन के तत्वावधान में माताओं और शिशुओं के पोषण के संबंध में 3 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हुआ । प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भारत की वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रूपल दलाल एम डी पीडियाट्रिशन ने बताया कि डब्लू एच ओ के मानक अनुसार जन्म के समय शिशु का सामान्य वजन 3 किलोग्राम होना चाहिए , 6 माह होने पर शिशु का वजन 8 किलोग्राम और 12 माह का होने पर लगभग 10 किलोग्राम होना चाहिए, स्तनपान की सही तकनीक और उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन आहार के माध्यम से शिशु का वजन और ऊंचाई के आदर्श मानक प्राप्त किया जा सकते हैं।

प्रशिक्षण के दौरान जिला प्रशिक्षकों से उनके द्वारा क्षेत्र में व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन के द्वारा बनाए गए वीडियो के आधार पर परामर्श से माताओं और शिशुओं के वजन में बढ़ोतरी होना पाई गई। जिला प्रशिक्षक श्री लोकेश वैष्णव ने बताया कि 29 नवंबर 2024 को शिवांश माता सुमित्रा पिता संजय गांव- खारा खेड़ी रतलाम ग्रामीण जिला रतलाम को परामर्श देना प्रारंभ किया गया था । 3 दिन की आयु में  शिशु का वजन 3 किलो 140 ग्राम था तथा ऊंचाई 51 सेंटीमीटर थी , परामर्श उपरांत 1 अप्रैल को साढ़े 5 माह की आयु में वजन 7 किलो 585 ग्राम हो गया और ऊंचाई 67.7 सेमी हो गई। अब 11 माह की अवस्था में शिशु का वजन 9 किलो 900 ग्राम हो गया है, साधारण श्रमिक परिवार में शिशु की माता ने मोबाइल के माध्यम से वीडियो देखें और परामर्श के आधार पर शिशु को पोषण प्रदान किया। इसी प्रकार से अनेक जिला प्रशिक्षकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में शिशुओं के वजन और ऊंचाई में उल्लेखनीय बढ़ोतरी आधारित सफलता की कहानी सुनाई गई।

प्रशिक्षण में वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ देव पाटिल कंसलटेंट ने कहा कि  वर्तमान में जिले में पोषण प्रशिक्षक उपलब्ध है।  पोषण प्रशिक्षक मिलकर अपने क्षेत्र की कम से कम एक पंचायत में पोषण परामर्श संबंधी गतिविधियां करें और प्रतिदिन फॉलो करके जिले की 100 पंचायतों में बच्चों के वजन और ऊंचाई में बढ़ोतरी लाने की रणनीति बनाकर कार्य करें,  ताकि स्वस्थ,सक्षम और बुद्धिमान पीढ़ी का विकास किया जा सके। प्रोटीन आधारित डाइट से बच्चों की कार्य क्षमता में सुधार आता है,जिससे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता कदम चूमती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान रतलाम जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिला प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा वीडियो दिखाने के बाद परीक्षा आयोजित कर जिला प्रशिक्षक तैयार किए गए थे , जिनके द्वारा अन्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान कर गर्भवती माताओं, प्रसूता माताओ को परामर्श प्रदान कर शिशुओं के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार लाया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि श्री राजेश सोलंकी ने रतलाम जिले में श्री चैतन्य काश्यप फाउंडेशन के माध्यम से आयोजित किया जा रहे सुपोषण कार्यक्रम की भी चर्चा करते हुए बताया कि मंत्री श्री चैतन्य काश्यप के मार्गदर्शन में आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा रही है ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन के डॉ दीपाली फरगाड़े, सुश्री शीतल हीवाले, श्री तरुण कुमार शर्मा, श्री विनायक पांचाल, डीपीएम डॉक्टर प्रमोद प्रजापति , जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर वर्षा कुरील, आशीष चौरसिया, सरला वर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी आदि उपस्थित थे।

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शासकीय स्वास्थ्य केंद्र बाजना में मानसिक स्वास्थ्य शिविर संपन्न

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य  कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व मानसिक स्वास्थ्य माह के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संध्या बेलसरे के निर्देशानुसार  जिला चिकित्सालय रतलाम की मन कक्ष टीम द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजना में कैंप आयोजित किया गया । कैंप में मरीजो का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया । कार्यक्रम मे बी.पी.एम., मेडिकल ऑफिसर, समस्त सी. एच.ओ., ए. एन. एम., नर्सिंग स्टॉफ एवं आशा कार्यकर्ताओ  को बताया गया कि मानसिक स्वास्थ्य एवं मुख्य मानसिक रोग की पहचान करें एवं उपचार के लिए रेफर  करें, प्रत्येक गुरुवार मानसिक स्वास्थ्य ओ. पी. डी. में मरीजों का परीक्षण करे। आत्महत्या रोकथाम के लिए प्रयास करें, मंदबुद्धि बच्चो एवं अन्य रोगों के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाए , मातृत्व  मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो एवं मदद करे, उमंग क्लिनिक में किशोर किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए।

आपसी सहयोग बनाये, स्वयं के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें, साथ ही टेलीमानस और मनहित एप की जानकारी दी गई । मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबंधित प्रचार सामग्री का वितरण किया गया।  कार्यक्रम मन कक्ष प्रभारी डॉ. निर्मल कुमार जैन, क्लिनिकल साइकोलॉजीस्ट डॉ अंचला दीक्षित एवं नर्सिंग ऑफिसर्स नागेश्वर राठौर, उमंग काउंसलर सुनीता द्वारा संपन्न किया गया

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जिले में रबी सीजन हेतु उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता, किसानों को फास्फोरस युक्त उर्वरकों के उपयोग की सलाह

उप संचालक कृषि श्रीमती नीलम चौहान ने बताया कि जिलें मे रबी सीजन मे 302130 हेक्‍टेयर में बोनी हेतु प्रस्‍तावित रकबा है । लगभग 182970 हेक्‍टेयर में गेहू, चना, मसूर, सरसों, मटर, अलसी, फसलों की बोनी हो चुकी है ।

वर्तमान में उर्वरक की उपलब्धता सहकारिता एवं निजी में यूरिया क्रमशः 1644 मेट्रिक टन एवं 1210 मेट्रिक टन कुल 2854 उपलब्ध है, सहकारिता एवं निजी में DAP क्रमशः 1183 मेट्रिक टन एवं 663 मेट्रिक टन कुल 1846 – मेट्रिक टन, MOP क्रमशः 345 मेट्रिक टन एवं 880 मेट्रिक टन कुल 1225 मेट्रिक टन, तथा  सहकारिता एवं निजी में  NPK क्रमशः 2157 मेट्रिक टन एवं 3393 मेट्रिक टन कुल 5550 मेट्रिक टन एवं SSP क्रमशः 3431 मेट्रिक टन एवं 6176 मेट्रिक टन कुल 9607 मेट्रिक टन, उपलब्ध है । इस तरह जिलें में कुल 21082 मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्‍ध है । किसी भी प्रकार की उर्वरक की कमी नहीं है । प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति एवं निजी विक्रेताओं के यहां उर्वरक पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध है ।

मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के दिलीप नगर केंद्र पर यूरिया 20.25- टन, फास्फोरस युक्त उर्वरक जैसे  TSP- 62.20 टन, 20:20:00:13 – 20 टन, 20:20:0 – 54.50 टन, SSP- 9.20 टन, बिरियाखेडी केंद्र पर यूरिया -101.16 टन एवं फास्फोरस युक्त उर्वरक जैसे TSP – 59.10 टन, 20:20:00:13- 47.55 टन, 20:20:0 – 49.70 टन, SSP-15.30 टन, उपलब्ध है । किसान भाईयों से अपील की जाती है कि विपणन संघ के गोदामो में, प्राथमिक कृषि साख समितियों में एवं निजी विक्रेताओं के यहां पर्याप्त मात्रा में फास्फोरस युक्त उर्वरक उपलब्ध है। डी.ए.पी. एवं 12:32:16 के स्थान पर उपलब्ध अन्य फास्फोरस युक्त उर्वरकों का उपयोग करें ।

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विधिक सेवा सप्ताह 9 नवंबर से कानून और अधिकारों पर जागरूकता अभियान की होगी शुरुआत न्यायोत्सव के दौरान बाईक/साईकिल रैली भी आयोजित की जाएगी

10 नवंबर को जेलों में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित होगें, जहां कैदियों को उनके कानूनी अधिकारों और मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में बताया जाएगा।

11 नवंबर को विश्व शिक्षा दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में कानूनी विषयों पर चर्चा होगी। 12 नवंबर को ग्रामीण और श्रमिक क्षेत्रों में जागरूकता शिविर आयोजित होगें, जहां नागरिकों को कानूनी अधिकारों और सरकारी सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। 13 नवंबर को बाल देखभाल संस्थानों का निरीक्षण और जागरूकता शिविर होगा, जिसमें बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित किया जाएगा।

14 नवंबर को बाल दिवस पर कानूनी और जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा, जिसमें बच्चों के लिए सांस्कृतिक गतिविधियां और आत्मविश्वास बढ़ाने वाले सत्र होगें। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी और जागरूकता को बढ़ावा देना है। न्यायोत्सवः के दौरान बाईक/साईकिल रैली भी आयोजित की जाएगी, जिसमें पैरालीगल वालेंटियर्स, लीगल एड डिफेंस काउंसिल, पैनल अधिवक्ता और एनजीओ शामिल होगें। इस पहल का मुख्य संदेश ‘‘हर बच्चे के लिए न्याय’’ होगा।

 

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