सिंगोलीनीमच

द्वितीय संयम महोत्सव व पिच्छिका परिवर्तन समारोह 16 नवंबर को आयोजित होगा

द्वितीय संयम महोत्सव व पिच्छिका परिवर्तन समारोह 16 नवंबर को आयोजित होगा

 

सिंगोली(मुकेश जैन) – नगर के पुण्य उदय से मेवाड़ प्रान्त कि धार्मिक नगरी सिंगोली में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज आचार्य श्री ज्ञैयसागर सागर जी महाराज कि परम प्रभावित शिष्या व अर्ह योग प्रणेता मुनिश्री प्रणम्य सागर जी महाराज के आशीर्वाद से गुरु मां आर्यिका श्री प्रशममति माताजी व आर्यिका श्री उपशममति माताजी का भव्य द्वितीय संयम महोत्सव व पिच्छिका परिवर्तन समारोह 16 नवंबर रविवार को संगीतमय पूजन के साथ बड़े धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया जाएगा प्राप्त जानकारी के अनुसार पुज्य गुरु मां आर्यिका श्री प्रशममति माताजी व आर्यिका श्री उपशममति माताजी का नगर में चातुर्मास समापन के दोरान संयम का उपकरण के रुप में पिच्छिका को ही रखते है यह अहिंसा के पालन के लिए किया जाता है पिच्छी जैन साधुओं के लिए एक उपकरण है जिसका उपयोग वे जमीन साफ सफाई करने के लिए करते हैं सालभर में उसकी कोमलता कम होने से नई पिच्छीका समाजजनों द्वारा नियमों के साथ प्रदान कि जाती है दिगंबर श्रमण साधु संयमी जीवन शैली व अहिंसा महाव्रत के निर्दोष पालन करने के लिए मयुर पिच्छिका को हमेशा अपने साथ रखते है मयूर पिच्छिका का इतना महत्त्व है कि आवश्यकता न होने पर बिना कमंडल व शास्त्र के तो अपनी अन्य क्रियाएं कर सकते है पर बिना पिच्छिका के सात कदम भी नही चल सकते है दिगंबर जैन श्रमण संयम उपकरण पिच्छिका का उपयोग अपनी दिनचर्या मे प्रतिपल करते है उठते बेठते विश्राम करते चलते आहर आदी क्रियाओ में निरन्तर परिमार्जन के रूप मे पिच्छिका का सहायक होती है वही माताजी का द्वितीय संयम महोत्सव बड़े धूमधाम व उत्साह के साथ बाल ब्रह्मचारी मनीष भय्या बा,ब,शशि दिदी बा,ब,रेखा दिदी व एवं सघस्थ बहनें के निर्देशन में समाजजनों द्वारा मनाया जाएगा इस अवसर पर बडी संख्या में आसपास के गांवों व नगरों से समाजजन उपस्थित रहेंगे

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