मंदसौर जिलासीतामऊ

आधी अधूरी सुविधाओं के साथ आनन-फानन में सीतामऊ में हो रहा सिविल हॉस्पिटल का लोकार्पण 

 सिविल अस्पताल कि सुविधाओं से ज्यादा अपनी लोकप्रियता के लिए लोकार्पण किया जा रहा -श्री पंवार 

लदुना।सीतामऊ नगर से 2 किलोमीटर दूर नागरिकों की नजर से ओझल, आधी- अधूरी सुविधाओं के साथ आनन-फानन में लगभग 20 करोड रुपए की लागत से बनाए गए सिविल हॉस्पिटल का लोकार्पण 6 नवंबर को करवा कर नगर को एक और सौगात देने की लोकप्रियता प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है । जबकि लोकार्पण से पूर्व नवनिर्मित अस्पताल में नियुक्त मुख्य चिकित्सक यह स्वीकार कर चुके हैं कि आज तक कई कार्य अधूरे हैं यथा सुरक्षा के उपाय , एप्रोच रोड, पी,एम, रुम, बाउंड्री वॉल, ड्रेनेज आदि अभी तक नहीं बन पाई है ।

जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पवार में बताया कि वर्तमान में यह स्वास्थ्य केंद्र नगर की हृदय स्थली में स्थित है एवं रेफर हॉस्पिटल के नाम से ख्याति प्राप्त हैं, क्या नगर से दूर आधी अधूरी सुविधा युक्त नवीन भवन में यह सिविल हॉस्पिटल अपनी पुरानी छवि से मुक्त हो पाएगा ।

इतिहास साक्षी है कि पूर्व में इसी प्रकार सीतामऊ के लिए बनी चंबल पेयजल योजना का सप्लाय सीतामऊ शहर के लिए ताबड़तोड़ में प्रारंभ किया गया था , जिसका दुष्परिणाम आज भी नगर के नागरिक भोग रहे हैं । उपरोक्त अधूरी नल जल योजना की सांसे फूल रही है, कहीं पाइप लाईन फूट रही है तो कहीं पर आज भी पाइप ऊपर दिखाई दे रहे हैं । शहर की आधी आबादी आज भी पुराने जल स्रोतों पर निर्भर हैं ।

श्री पंवार ने बताया कि सीतामऊ शहर के लिए बनी तत्कालीन चंबल पेयजल योजना में जो तकनीकी खामियां विधानसभा द्वारा गठित जांच दल (भोपाल के अधिकारियों ) द्वारा बताई गई थी वह खामियां आज भी यथावत है ‌।

यह की सीतामऊ तालाब सौंन्दर्यीकरण के नाम पर किए गए कार्य आज भी अधूरे हैं । आपने यह भी बताया कि नगर की खेल प्रतिभाओं को सर्व सुविधा युक्त खेल मैदान उपलब्ध करवाने हेतु क्षेत्रीय विधायक द्वारा एक करोड रुपए की लागत से राधा बावड़ी के पास बनवाया गया स्टेडियम आज भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है एवं असामाजिक तत्वों की शरण स्थली बना हुआ है ।

श्री पंवार ने बताया की उपरोक्त प्रमाणित तथ्यों के आधार पर नगर एवं क्षैत्र के जन सामान्य एवं प्रबुद्ध वर्ग में चर्चा है कि आधी अधूरी सुविधाओं के साथ जीस नवीन सिविल हॉस्पिटल का लोकार्पण किया जा रहा है क्या भविष्य में इन अधूरे एवं अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने की कोई सुध लेगा ।

जनता का प्रतिनिधि जनता के लिए होता है पर यहां लोकप्रियता पहले हो गई है इस सुलगते सवाल का जवाब लोकार्पण से पूर्व जवाब दार जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन को देना होगा एवं अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने की समय सीमा से जन सामान्य को अवगत कराना होगा ।

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