एसडीएम और अपर आयुक्त के आदेश के बाद भी ढाई साल से जारी मनमानी, अपर आयुक्त के आदेश को ठेंगा ! बैंक ने नहीं हटाया किसान का बंधक
एसडीएम और अपर आयुक्त के आदेश के बाद भी ढाई साल से जारी मनमानी, अपर आयुक्त के आदेश को ठेंगा ! बैंक ने नहीं हटाया किसान का बंधक
बंशीदास बैरागी
मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अपर आयुक्त उज्जैन और एसडीएम मल्हारगढ़ के आदेश के बावजूद किसान की भूमि का बंधक आज तक नहीं हटाया गया है। मामला दोबड़ा पंचायत के किसान परिवार का है, जिनकी जमीन वर्ष 2007-08 में कथित रूप से फर्जी पंजीकरण के जरिए हड़पी गई थी।
फर्जी पंजी से खुला घोटालाः फरियादि चंद्रबाई बेवा परमानंद विद्याशंकर (ब्राह्मण, निवासी दोबड़ा) ने बताया कि श्यामलाल पिता नंदलाल और पुष्पाबाई बेवा भगतराम ने साजिशन सर्वे नंबर 120, हल्का नंबर 71 की भूमि का फर्जी बंटवारा कर उप तहसील संजीत में पंजी करा लिया था। जब रजिस्ट्री के अभिलेख खंगाले गए तो पूरा खेल सामने आ गया।
एसडीएम कोर्ट का आदेश, पुरानी स्थिति कायम करोः मामला एसडीएम कोर्ट मल्हारगढ़ पहुंचा। प्रकरण क्रमांक 33/अपील/2021-22 में 30 मार्च 2022 को आदेश हुआ कि अपील स्वीकार की जाती है और भूमि को पूर्व स्थिति में बहाल किया जाए।
इसके बाद अपर आयुक्त उज्जैन और एसडीएम मल्हारगढ़ ने भी नायब तहसीलदार संजीत को आदेश जारी किया कि संबंधित पंजी खारिज कर
पंजाब नेशनल बैंक बूढ़ा और एचडीएफसी बैंक मंदसौर पर किसानों का आरोप
अपर आयुक्क्त का आदेश एसडीएम मल्हारगढ़ भूमि सर्वे नंबर 120 को मूल स्थिति में दर्ज किया जाए।
बैंकों को मिला लिखित आदेश, फिर भी नहीं हटाया बंधकः दिनांक 18 जनवरी 2024 को नायब तहसीलदार अभिषेक चौरसिया ने पत्र क्रमांक 48/ रीडर/2024 जारी करते हुए PNB बूढ़ा और HDFC बैंक मंदसौर को सूचित किया कि सर्वे नंबर 120/2, जो श्यामलाल पिता नंदलाल के नाम से PNB बूढ़ा में बंधक है, और सर्वे नंबर 120/5, जो पुष्पाबाई बेवा भगतराम के नाम से HDFC बैंक मंदसौर में बंधक है, दोनों को बंधन मुक्त (रीलीज) किया जाए।परंतु एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी दोनों बैंकों ने आदेश का पालन नहीं किया।
बंधक हटाने के लिए मांगे पैसे?: किसान विद्याशंकर ने बताया कि जब वह लगभग पांच माह पूर्व PNB बूढ़ा शाखा प्रबंधक से मिला तो उसने बंधक हटाने के एवज में रिश्वत की मांग की। इसी तरह HDFC बैंकमंदसौर में कार्यरत फारूक नामक अधिकारी ने भी पैसे की मांग कर दी। किसान हताश, एक साल से न्याय के लिए दर-दर भटक रहाः सरकारी आदेशों के बावजूद भूमि बंधक न हटने से किसान का खाता ठप पड़ा है। नीम न वह अपनी जमीन बेच सकता है, न क्षेत्र ऋण ले सकता है।*_
हताश होकर किसान घर बैठ गया है। वह कहता है ‘जब एसडीएम और अपर आयुक्त का आदेश ही कोई नहीं मानता तो किसान जाए तो जाए कहाँ ?
सवाल बड़ा है, क्या मल्हारगढ़ में बैंकें प्रशासन से भी ऊपर ?
यह पूरा मामला सवाल खड़ा करता है, क्या प्रशासनिक आदेश अब बैंकों के लिए महज कागजी हैं?
तंत्र आखिर कहाँ सो रहा है? किसानों को न्याय दिलाने वाला


