मनरेगा अभियंता संघ मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने सौपा ज्ञापन

मनरेगा अभियंता संघ मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने सौपा ज्ञापन

जबकि अनेकों बार मनरेगा अभियंता संघ का प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करता रहा. एवं आदेश जारी करने हेतु अनुरोध करता रहा।लेकिन आज दिनांक तक मांगों का न काई निराकरण हुआ ना कोई आदेश जारी।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आदेश जारी करने के आश्वासन देकर केवल बात को टाला जा रहा है। साथ ही विगत 3 माह से मनरेगा अभियंताओं को वेतन भी नही दिया गयाइस से प्रदेश के मनरेगा के 1335 उपयंत्री मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ित महसूस कर रहे है।अभी तक मनेरगा के उपयंत्री शांति पूर्ण गांधीवादी तरीके से आंदोलनरत है। लेकिन अब तक कोई उचित परिणाम ना मिलने पर एवं अधिकारियों द्वारा मांगों पर ध्यान ना देने के कारण मनरेगा के 1335 अभियंता 8 सूत्रीय मांगों की पूर्ति हेतु आंदोलन को उग्र रूप देने पर विवश है।
अगर मनरेगा अभियंताओं की प्रमुख मांगे वेतन विसंगति, वरिष्ठता के आधार पर सहायक यंत्री का प्रभार अनुकंपा नियुक्ति, ग्रेच्यूटी एव संविदा समाप्ति की जगह निलंबन के आदेश आगामी 5 दिवसों में जारी नहीं किए जाते तो हम चरणवाद उन आंदोलन करने पर विवश होंगे।
- मांगोंका निराकरण ना होने पर प्रदेश के 1335 उपयंत्री सामूहिक त्यागपत्र देंगे एवं अपने परिवार एवं बच्चों सहित इच्छा मृत्यु की माँग करेंगे।
- मांगोंका निराकरण ना होने पर विकास भवन भोपाल में माता जी. पिताजी, पत्नि, बेटा, बेटियों सहित अनशन पर माग पूर्ति तक बैठने पर विवश होगें 3. मांगो का निराकरण ना होने पर सभी जिलों में जिला पंचायत के सामने माता जी, पिताजी, पत्नि, बेटा, बेटियों सहित अनशन पर मांग पूर्ति तक बैठने पर विवश होंगें।
- मांगोका निराकरण ना होने पर परिवार सहित माननीय न्यायालय एवं मानव अधिकार आयोग जाने के लिए विवश होगे।
मनरेगा के उपयंत्री विगत 15 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है। वर्ष 2023 में माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री मान शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा प्रदेश के सभी साथियों को भोपाल बुलाकर घोषणाएं की गई थी जिसके अनुक्रम में सामान्य नीति जारी की गई थी जो प्रशासन विभाग द्वारा संविदा नीति 22 जुलाई 2023 कि मनरेगा में लागू नहीं की गई।
अगर ये नीति मनरेगा में लागू हो जाती तो मनरेगा अभियंताओं की बहुत सी मांगों का निराकरण स्वतः हो जाता।जबकि अन्य विभाग (स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा विभाग, पाठ्य पुस्तक निगम इत्यादि) द्वारा अपने संविदा कर्मचारियों के लिए 22 जुलाई 2023 नीति लागू कर दी गई है।
इस से मृत संविदा उपयंत्री के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति के रूप में सहायता मिल जाती, रिटायर्ड हुए संविदा कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिल जाता, दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त संविदा उपयंत्री को दुर्घटना बीमा की सहायता मिल जाती ।
विनम्र अनुरोध है प्रदेश के 1335 अभियंताओं की 8 सूत्रीय मांगों पर विचार करते हुए शीघ्र निराकरण करने की कृपा करे आंदोलन के दौरान मांगों का निराकरण ना होने पर, संविदा अभियंताओ पर दंडात्मक / दमनकारी कारवाही की जाती या संविदा अभियंताओं के परिवार, बच्चों, माता, पिता को मानसिक, आर्थिकया शारीरिक क्षति पहुंचती है, मृत्यु या कोई दुर्घटना होती है और उसके परिवार को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जाती और परिवार शेष जीवन परेशान रहता है तो इस सब की सम्पूर्ण जवाबदारी प्रमुख सचिव पंचायत ग्रामीण विकास विभाग आयुक्त मनरेगा, मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कार्य पालन यंत्री ग्रा या सेवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं शासन प्रशासन की होगी।
मनरेगा अभियंताओं का यह आंदोलन मांगों की पूर्ति तक अनवरत जारी रहेगा एवं शीघ्र मांगो के लिखित आदेश जारी नहीं किए गए तो प्रदेश के 1335 अभियंता चरणबद्ध उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होगे।