मंदसौरमध्यप्रदेश
अशिक्षित को साक्षर बनाने का अभिनव प्रयास, जिले के 25 हजार 322 नवसाक्षर ने उत्साह के साथ दी परीक्षा
An innovative effort to make the illiterate literate

1273 सामाजिक चेतना केन्द्रों पर अक्षर साथियों ने अपनी निःशुल्क सेवाएं देकर अशिक्षित को शिक्षित करने में मदद की


मन्दसौर। जिले में 20 सितंबर को उल्लास नवभारत साक्षरता की परीक्षा हुई। जिसमें जिले के 1273 सामाजिक चेतना केन्द्रों पर 25 हजार 322 नवसाक्षरों में गजब की उत्सुकता व उत्साह देखा गया। ये एल्डर्स पहली बार किसी परीक्षा में शामिल हुए। गांव के ही साक्षर साथियों ने इनकी पढ़ाई में मदद की तथा खूब पढ़ाई के बाद परीक्षा में सम्मिलित हुए।
उक्त जानकारी देते हुए जिला समन्वयक रामलाल लोदवार ने बताया कि 15 वर्ष से अधिक आयु के हर नागरिक को साक्षर बनाने की दिशा में भारत सरकार के निर्देश पर जिले में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत शनिवार को नवसाक्षरों की मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन हुआ। जिसमें से 25322 ने उपस्थिति दर्ज कराई।
श्री लोदवार ने बताया कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुकुल जैन के निर्देशन में साक्षरता दर बढ़ाने के लिये जिले के 1273 सामाजिक चेतना केन्द्र पर प्रातः 10 से सायं 5 तक परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा के लिये कुल मूल्यांकन 150 अंकों का था, जिसमें पढ़ना लिखाना एवं गणित में 50-50 अंक निर्धारित किए गए। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद ग्रेड का आंकलन कर सफल होने पर प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। इस बार विशेषता यह रही कि सामाजिक चेतना केन्द्रों पर ही उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर मूल्यांकन किया गया तथा परीक्षा परिणाम ऑनलाइन दर्ज कराया गया।
श्री लोदवार ने बताया कि जिले में अशिक्षित को साक्षर बनाने के लिये बनाये गये 1273 सामाजिक चेतना केन्द्रों पर अक्षरसाथियों ने अपनी निःशुल्क सेवाएं देकर उन्हें शिक्षित करने में मदद की। परीक्षा में ऐसे नवसाक्षर शामिल हुए जो नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत सर्वे के माध्यम से चिन्हांकित किये गये थे तथा अक्षर साथियों ने इनका नामांकन कर इनको प्राथमिक शिक्षा प्रदान की थी। इनमें ऐसे नवसाक्षर भी शामिल रहे जो पूर्व में आंतरिक मूल्यांकन में सफल रहे है, लेकिन प्रमाणीकरण नहीं हो सका था।


