एमपी में भाजपा में बड़े बदलाव के तेजी से बढ़ते आसार, बेलगाम अफसरशाही से नाजुक दौर से गुजर रहा प्रदेश

एमपी में भाजपा में बड़े बदलाव के तेजी से बढ़ते आसार, बेलगाम अफसरशाही से नाजुक दौर से गुजर रहा प्रदेश
मध्यप्रदेश सत्ता एवं BJP संगठन में बदलाव की चर्चा सियासी गलियारों में तेज है। भाजपा के बड़े नेताओ का भोपाल से दिल्ली तक दौड़, मुलाकातो का दौर शुरू है। मोहन सरकार में बढ़ती प्रशासनिक अराजकता, अपने हक एवं अधिकारों की मांग करने वाली जनता को अफसरों द्वारा पुलिसिया दमन से जबरदस्त आक्रोश उसी तरह से नजर आ रहा जैसे कि मध्यप्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं खस्ताहाल है तो वहीं विभागों में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, पुलिस, परिवहन और खनिज विभाग की खुलेआम अवैध बसूली दिग्गी राजा की सरकार के खिलाफ जनआक्रोश ने 2003 में सत्ता से बेदखल कर दिया था।
राजनीतिक जानकारों की माने तो मध्यप्रदेश में मोहन यादव की रीति नीति से भाजपा में गुटबाजी पर विराम लगाने के लिए उन्हें कुर्सी से उतारने के सिवाय कोई दूसरा चारा नही है।
हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व इसके पहले भी ऐसा कदम उठा चुका है, जब बाबूलाल गौर को CM की कुर्सी से उतारकर सूबे की कमान शिवराज सिंह को सौंप दिया था।
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