जातिगत आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करने कि मांग उठी दिया ज्ञापन

जातिगत आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करने कि मांग उठी दिया ज्ञापन
शामगढ़। राजपूत समाज में राजस्व रिकार्ड के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाने, जातिगत आरक्षण समाप्त कर पूरे देश में आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करने एवं राजस्व रिकार्ड के हिसाब से भूमि की रजिस्ट्री सुनिश्चित किए जाने को लेकर जय भवानी राष्ट्रीय राजपूत महासभा द्वारा मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल के नाम जिलाध्यक्ष ठा.श्याम सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कलेक्टर एवं शामगढ़ तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि जैसा कि आपको व पूरे देश को याद है कि राजपूत समाज ने देश की रक्षा के साथ-साथ अपनी आन-बान-शान के लिए अपने प्राणों को तक न्यौछावर किया है परन्तु कुछ स्वार्थी लोगों के कारण राजपूत समाज के लोगों के स्वाभिमान को ठेस भी पहुंची है, इसलिए हमारा विनम्र अनुरोध है कि वास्तविक जाति यह कि सौधवाड़ क्षेत्र के राजपूतों के नाम के पीछे जाति में सौंधिया राजपूत (क्षत्रिय) है और मात्र क्षेत्र विशेष को लेकर किन्ही स्वार्थी लोगों ने राजनैतिक आदि लाभ प्राप्त करने के लिए राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के सौधवाड़ क्षेत्रीय शब्द को सौंधिया क्षेत्रिय जाति प्रमाण पत्र राजस्व रिकार्ड के आधार पर बताना व जारी करना सुनिश्चित करवावें ताकि वास्ताविक जाति प्रमाण पत्र बन सके।, यह कि राजपूत समाज के लोगों का जाति प्रमाण पत्र राजस्व रिकार्ड के आधार पर बनाना व जारी करना सुनिश्चित करवावें ताकि वास्तविक जाति प्रमाण-पत्र बन सके।, यह कि पूरे देश में जातिगत आरक्षण पूर्णतया जातिगत आरक्षण पूर्णतया समाप्त किया जाये क्योंकि आज हर समाज में लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक हुई है और गरीब तो बनिया ब्राह्मण व राजपूत आदि समाज के लोग भी मिल जायेगे परन्तु उन्हें देश में चल रही आरक्षण सुविधा से लाभ की अपेक्षा नुकसान ही उठाना पड रहा है व वास्तविक होनहारों को भी आरक्षण आगे बढ़ने से रोक रहा है,
इसलिए जातिगत आधार पर आरक्षण की व्यवस्था जो तत्कालीन समय में उंच-नीच के भेदभाव व पिछड़ेपन के कारण मात्र 10 साल के लिए लागू की गई थी को समाप्त कर पूरे देश में आरक्षण सिर्फ सभी जाति समुदाय के ताकि देश में गरीबी अमीरी की खाई कम हो सके। अतः महोदय जातिगत आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने कि कृपा करें।