किसानों ने एसडीएम स्वाती तिवारी से करी फसल बीमा मुआवजा आदि विसंगतियों पर चर्चा, दिया निराकरण का आश्वासन

किसानों ने एसडीएम स्वाती तिवारी से करी फसल बीमा मुआवजा आदि विसंगतियों पर चर्चा, दिया निराकरण का आश्वासन
मन्दसौर। संयुक्त किसान मोर्चा मंदसौर के प्रतिनिधियों से मल्हारगढ़ एसडीएम स्वाती तिवारी ने फसल बीमा मुआवजा आदि विसंगतियों पर चर्चा की। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के साथ क्षेत्र के किसान भी उपस्थित रहे।
यह जानकारी किसान नेता महेश व्यास लदूसा ने देते हुए बताया कि किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा हुई जिसमें वर्ष 2019 में बाढ़ के समय मुआवजे से वंचित रहे किसान जिनकी राशि करोड़ों रू. शासन के ट्रेजरी विभाग में जमा होने के बाद भी किसानों को वितरण नहीं किया जा रहा है। एमएसपी पर केन्द्र सरकार की घोषणा बावजूद किसानों की सोयाबीन, उड़द, मक्का, मुुंगफली आदि उपज को खरीदी के लिये पंजीयन चालू नहीं होना, वर्ष 2018 में राज्य सरकार द्वारा चलाई गई जय किसान फसल ऋण माफी योजना से वंचित किसानों का कर्ज माफी एवं विद्युत विभाग, नकली खादबीज आदि समस्याओं को बैठक में रखकर अवगत कराया।
इस मौके पर जिला उपसंचालक कृषि विभाग के अधिकारी रविन्द्र मोदी ने खरीफ एवं रबी फसलों के सर्वे के मापदण्डों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि फसल खराबी पर सर्वे पांच मापदण्डों के आधार को मानकर फस की क्षतिपूर्ति नुकसानी की रिपोर्ट तैयार की जाती है। जैसे सैटेलाइट काडेरा जो कि हैदराबाद से रिपोर्ट आती है दूसरी फसल कटाई प्रयोग, तीसरी ग्राउंड ट्रथिंग (मोका फोटो निरीक्षण), चौथा स्थानीय आपदा (बादल फटना, जमीन धंसना), पांचवा बिफलन (जैसे बीज अंकुरित नहीं होना)। कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष फसल खराबी जलभराव, एरियल ब्लाइट, एनफ्रेग्नोज, स्टेमप्लाई (तनामक्खी), सफेद मक्खी एवं गर्डल बिटल तथा पीला मोजेक के कारण फसल खराब होने की रिपोर्ट आ रही है।
इस मौके पर भारतीय कृषि बीमा कंपनी के जिला प्रतिनिधि इन्द्रकुमार चौधरी भी उपस्थित थे, उनसे पूछे गए सवालों पर उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वर्तमान में पटवारी हल्के को इकाई मानकर नुकसानी का आंकलन कर क्लेम दिया जाता है। इस वर्ष जो बीमा राशि डली है वह वर्ष 2022-23 रबी, वर्ष 2023-24 रबी, एवं वर्ष 2024 खरीफ फसल की राशि डाली गई है। बाकी रहे किसानों को भी राशी डाली जाएगी।
बैठक में किसान संघर्ष समिति के दिलीप पाटीदार बुढ़ा, अशोक गुर्जर खेड़ा खदान, कुंजीलाल नैनोरा, धर्मेन्द्र धनगर रिच्छा, बाबूसिंह रिच्छा, सुरेन्द्रसिंह रिच्छा, नारायणसिंह रिच्छा, गोपाल धनगर रिच्छा, गोपाल पाटीदार बालागुढ़ा, बाबूलाल टकरावद, राजकुमार पाटीदार बरूजना, सुभाष पाटीदार नारायणगढ़, बलवंत पाटीदार पिपलिया विश्निया सहित जिले के अनेक किसान उपस्थित थे।