रूपी में अल सुबह उस समय अफरा- तफरी का माहौल बन गया, जब अज्ञात लोगों ने पंडित राजाराम शर्मा के घर पर दबिश दी

रूपी में अल सुबह उस समय अफरा- तफरी का माहौल बन गया, जब अज्ञात लोगों ने पंडित राजाराम शर्मा के घर पर दबिश दी
पिपलियामंडी। समीपस्थ गांव रूपी में बुधवार अल सुबह उस समय अफरा- तफरी का माहौल बन गया, जब करीब 25 से 30 अज्ञात लोग स्कॉर्पियो और अन्य वाहनों में सवार होकर गांव पहुंचे और पंडित राजाराम शर्मा के घर पर दबिश दी। ग्रामीणों का कहना है कि ये लोग बिना किसी पहचान और वर्दी के थे, सभी सिविल ड्रेस में थे, जिस कारण गांव में भय और दहशत फैल गई।जानकारी के अनुसार सुबह करीब 6 बजे जब घर पर कोई नहीं था, तभी स्कॉर्पियो वाहनों में सवार होकर 25-30 लोग पहुंचे। घर का मुख्य गेट बंद था, जिसे नकुचे से तोड़ा गया। वहीं कुछ लोग सीढ़ियों के सहारे दीवार फांदकर भीतर घुसे। इसके बाद पूरे घर और बाड़े की तलाशी ली गई। ग्रामीणों के मुताबिक घर का सामान अस्त-व्यस्त कर दिया गया। गांव के लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई के दौरान किसी को यह नहीं बताया गया कि छापा किस विभाग द्वारा मारा जा रहा है और इसका कारण क्या है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। सूत्रों की मानें तो दबिश देने वालों में पुलिस और नारकोटिक्स विभाग के कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह कार्रवाई किसी विभाग की ओर से की गई थी, तो टीम को वर्दी और पहचान पत्र के साथ आना चाहिए था, लेकिन सभी लोग चोरों की तरह रात के अंधेरे और सुबह-सुबह दबिश देकर चले गए।घटना की जानकारी मिलते ही किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द अपने समर्थकों के साथ गांव पहुंचे। लेकिन तब तक दबिश देने वाले लोग रवाना हो चुके थे। मौके पर ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि यह सब किसानों को प्रताड़ित करने की साजिश है।
श्यामलाल जोकचन्द ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों के इशारे पर पुलिस और नारकोटिक्स किसानों पर दबाव बना रहे हैं।किसानों के घरों में आधी रात और अल सुबह दबिश देकर परिवारों को डराया जा रहा है।फर्जी मुकदमे लादे जा रहे हैं और करोड़ों रुपये की वसूली की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही इस तरह की कार्रवाइयों पर रोक नहीं लगी तो एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।गांव रूपी के लोगों का कहना है कि घटना के बाद से पूरे गांव में भय और आक्रोश व्याप्त है। लोग अपने घरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि आखिर बिना किसी सूचना और वारंट के इस तरह की कार्रवाई कैसे की जा सकती है।
घटना की सूचना फैलते ही क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई। हालांकि अभी तक न तो पुलिस और न ही नारकोटिक्स विभाग की ओर से इस दबिश की आधिकारिक पुष्टि की गई है। जिससे ग्रामीणों की शंका और भी गहरी हो गई है।
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