मंदसौर जिलासीतामऊ

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य जन्मोत्सव मनाया

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य जन्मोत्सव मनाया

सीतामऊ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रभु उपहार भवन में भगवान् श्रीकृष्ण का महा आरती कर नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति तथा मटकी फोड़ प्रतियोगिता के साथ भव्य जन्मोत्सव मनाया गया।

इस अवसर ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी ने अपने ज्ञानामृत में कहा कि आज के दिन पूरे भारत में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।इस अवसर पर हर घर घर में खुशियां मनाई जाती है।हर माताएं बहनें चाहतीं हैं कि पुत्र पति भाई कृष्ण हो। भगवान कृष्ण को काला दिखाया गया, लक्ष्मीनारायण को भी काला दिखाया गया। जबकि लक्ष्मीनारायण हर तरह से संपन्न हैं। कहते हैं कि पहले भारत में जब घी दूध कि नदियां बहती थी उस समय सभी में बहुत प्रेम था। उस समय लक्ष्मीनारायण कृष्ण राम गौरे थे। शरीर से नहीं आत्मा शुद्ध पवित्र थी इसलिए उसको गौरा कहते हैं।शरीर काला होने से नहीं आत्मा में शुद्धता सुचिता हो तो सबको अच्छा लगता है।

भगवान ने कई रुपों में जन्म लिया और सबको ज्ञान का पाठ पढ़ाया है।कृष्ण जन्माष्टमी इसलिए मनाते हैं कि योगेश्वर का आठ जन्म लिए,फिर राम के रुप में नौवां जन्म को रामनवमी मनाते हैं।

कृष्णा दीदी ने आगे कहा कि पहले जनसंख्या कम थी। और परिवार बडे़ थे पर सभी देवता तुल्य थे। कसी के मन में छल कपट नहीं था, वहां लड़ाई झगडे का कोई काम नहीं था। चारों ओर आनंद उल्लास रहता था सब स्वस्थ्य रहते थे। इसलिए उस समय आयु भी 150 -200वर्ष थी। आज के मनुष्य कि बात ही अलग है भगवान ने 24 घंटे का दिन रात दिया। भगवान इसमें कम ज्यादा भी समय करते तो भी आज के मनुष्य को समय नहीं मिलता है।समय निकाल कर आत्मा को परमात्मा से मिलन करने से ही कल्याण जीवन में आनंद संभव है।

छल कपट स्वार्थ से भरी बाहरी मटकी फुटते ही चारों ओर आनंद दिखाई देगा

मटकी फोड़ आयोजन को लेकर कृष्णा दीदी ने कहा कि मटकी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित होती है उस समय जो मटकी फोड़ते हैं उनके आंखों पर अच्छे से पट्टी बांध दी जाती है ताकि बाहर कुछ भी दिखाई नहीं दे ओर फिर उसको अपने अंतर ज्ञान से मटकी को देखकर फोड़ते हैं। इस प्रतियोगिता से यह ज्ञान मिलता है कि बाबा से मिलना है तो आंखों पर पट्टी बांध कर अंतर ज्ञान से चलते हुए बाबा के आनंद धाम तक पहुंच कर छल कपट स्वार्थ से भरी बाहरी मटकी फुटते ही चारों ओर खुशीयां ही खुशीयां आनंद दिखाई देगा।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी, प्रिती दीदी, पूजा पंथी, नवीन विश्वास द्विवेदी राजेन्द्र राठौड़, लक्ष्मीनारायण मांदलिया, सुरेश गुप्ता, प्रभुलाल राठौर राजू शर्मा लदुना अमीत गौड़ , पदमा माहेश्वरी, सुशीला राठौर पूनम माहेश्वरी, सुशीला माहेश्वरी, आदि बहिनों ,भाईयों द्वारा बाल गोपाल श्री कृष्ण कि महाआरती की। जन्माष्टमी महोत्सव का बालिका रितिका राठौर ने संचालन किया।

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