
ब्राह्मण समाज ने वैदिक विधि से श्रावणी उपाकर्म किया नगर मे कई दिनों के बाद हुई बारिश
किशनगढ़ ताल
ठाकुर शंभू सिंह तंवर
श्रावण मास के अंतिम दिन पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन के अवसर पर ब्राह्मण समाज ताल द्वारा वैदिक विधि विधान से श्रावणी उपाकर्म का आयोजन श्री झारखंडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में किया गया जहां विद्वान आचार्य पंडित सत्यनारायण चतुर्वेदी के द्वारा सभी उपस्थित ब्राह्मणों एवं अन्य वर्णों के यज्ञोपवीतधारी को वैदिक विधान से कर्म करवाया गया। आचार्य चतुर्वेदी ने कहा कि श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मण समाज का मुख्य त्यौहार होकर इसका बहुत वैदिक महत्व है यह कर्म बहुत पुण्य फल दायी होकर रोग दोष ओर पापों का विनाश करता है। इससे शरीर ओर आत्मा कि शुद्धि होती है तथा भगवान विष्णु एवं अरूंधती सहित सप्तऋषि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कार्यक्रम कि जानकारी देते हुए पं. मोहित शर्मा ने बताया कि लगभग 50 कि संख्या मे ब्राह्मणजन एवं अन्य नगर के धार्मिक बंधु एकत्रित होकर हेमाद्री स्नान कर सूर्य उपस्थान किया गया एवं विष्णु पूजन तथा ऋषि पूजन पश्चात नवीन यज्ञयोपवित धारण करवाया गया। पश्चात मे यज्ञ तथा गुरु पूजन हुआ साथ ही वैदिक मंत्रो का प्रभाव हुआ ओर नगर मे कई दिनों से बंद पड़ी बारिश अचानक कर्म पूरा होते ही मूसलाधार वर्षा शुरु हो गई जिसपे सभी उपस्थित ब्राह्मणो ने भगवान का धन्यवाद एवं जय जयकार किया। आचार्य ने करने योग्य तथा ना करने योग्य कर्मो के बारे मे उपस्थित जन को उपदेश किया।
उक्त कार्यक्रम मे आचार्य पं. सत्यनारायण चतुर्वेदी, पं. रमेश मुखिया, ज्योतिषाचार्य पं. दिलीप शर्मा, सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष पं. ललिता शंकर दूबे, पं. घनश्याम भट्ट, पं. अरुण दूबे, पं.अश्विन मेहता, पं. मनीष भट्ट, पं. योगेश मुखिया, पं. गोपाल चतुर्वेदी, पं. बंटी दूबे, पं. मुकेश शर्मा, पं. मोहित शर्मा, नगर गामोठ पं. प्रेमशंकर शर्मा, पं.सतीश शर्मा, पं. शुभम दूबे, पं. गोविन्द शर्मा, पं. प्रदीप जोशी, पौराणिक पं. विवेक नागर, सहित मदन लाल बैरागी, व्यापारी हेमंत सेठिया, किशन परमार, शाश्वत परमार, कृष्णा टेलर आदि उपस्थित थे।