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सीबीआई ने उज्जैन के सीबीएन निरीक्षक सहित बिचौलिए को 3 लाख रिश्वत लेते पकडा

सीबीआई ने उज्जैन के सीबीएन निरीक्षक सहित बिचौलिए को 3 लाख रिश्वत लेते पकडा

उज्जैन-केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई की जयपुर टीम ने उज्जैन में पदस्थ केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो सीबीएन के इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह जाट और उसके बिचौलिए जगदीश मेनेरिया को 3 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में इनके तीन ठिकानों पर गुरूवार को सीबीआई ने तलाशी भी ली है।

सीबीआई ने अपनी अधिकृत रूप से जारी बयान में बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन), उज्जैन के एक अधिकारी और उसके बिचौलिए को शिकायतकर्ता से 3 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने गुरूवार को उक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीएन के अधिकारी ने अपने बिचौलिए के माध्यम से शिकायतकर्ता से उसे और उसके परिवार को नारकोटिक्स मामले में न फंसाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। सीबीआई ने गुरूवार को जाल बिछाया और सीबीएन अधिकारी की ओर से शिकायतकर्ता से 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए उक्त बिचौलिए को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उक्त बिचौलिए से रिश्वत की राशि सफलतापूर्वक बरामद कर ली गई, जिसने उक्त सीबीएन अधिकारी के निर्देश पर रिश्वत ली थी।गुरूवार को ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में आरोपियों के 03 अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी ली गई। जांच चल रही है।

इंस्पेक्टर के लिए रिश्वत ली बिचौलिए ने

सीबीआई ने ट्रैप का जाल बिछाकर परिवादी को रिश्वत की रकम देने के लिए भेजा। रिश्वत के 3 लाख रुपए लेते ही सीबीआई टीम ने बिचौलिए को रंगे हाथों पकड़ लिया। सीबीएन के आरोपी इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह के कहने पर आरोपी बिचौलिए जगदीश मेनेरिया ने रिश्वत ली थी। सीबीआई टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में सीबीएन उज्जैन के इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह और बिचौलिए जगदीश मेनेरिया को गिरफ्तार किया है। सीबीआई टीम ने आरोपियों के राजस्थान और मध्य प्रदेश में अलग-अलग तीन ठिकानों पर तलाशी ली। टीम ने तलाशी में डॉक्युमेंट जब्त किए है।

ये बताया जा रहा मामला

दरअसल, जांच में सामने आया कि मार्च 2025 में लावारिस हालत में मिली गाड़ी से 400 KG डोडा-चूरा पकड़ा गया था। परिवादी व उसके परिवार को इंस्पेक्टर बराबर दबाव बना रहा था। बिचौलिए के जरिए परिवादी किसान और उसके परिवार को झूठे केस में नहीं फंसाने के नाम पर 1 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। बिचौलिए जगदीश के जरिए इंस्पेक्टर महेन्द्र पिछले काफी समय से रिश्वत की डिमांड कर रहा था। इसके बाद 53 लाख रुपए में सौदा तय होने पर 3 लाख रुपए लेने के दौरान बिचौलिये को सीबीआई ने धर-दबोचा।

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