सदैव प्रसन्न रहना ईश्वर कि सच्ची भक्ति है-पंडित डॉ. नागर जी

सदैव प्रसन्न रहना ईश्वर कि सच्ची भक्ति है-पंडित डॉ. नागर जी

सीतामऊ।देवाधिदेव महादेव ताड़का सुर का वध करने के लिए देवताओं कि रक्षा करने और माता पार्वती से विवाह करने निकल पड़े।केवल एक मात्र देवता हैं जो नंदी पर उल्टे बैठे थे।शिव योग जागृत करने आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है। उक्त उद्गार पंडित डॉ मिथिलेश जी नागर ने रामेश्वरम बालाजी धाम पर आयोजित शिवपुराण कथा में भक्तों को ज्ञानामृत पान कराते हुए कही।
डॉ नागर जी ने कहा कि जिसका शिव योग जागृत हो जाता है तो उसको इस शरीर के साथ दिव्य दृष्टि भी प्राप्त हो जाती है ।
श्री नागर जी ने कहा कि जहां चमड़े कि आंख नहीं पहुंची वहां एक्सरे, सोनोग्राफी, इसीजी, सीटीस्कैन, एम आर आई नहीं पहुंचती वहां थर्ड आई तीसरी आंख देख सकती है। बस शिव योग जागृत करने कि आवश्यकता है। सदैव प्रसन्न रहना ईश्वर कि सच्ची भक्ति है। जितने भी संत जिनके ज्ञान के नेत्र खुल जाते हैं तो वह सब कुछ प्राप्त कर लेता देख सकता है।
श्री नागर जी ने कहा कि बारात में तोरण पर जाते समय भोलेनाथ उल्टा मुंह करके इसलिए बैठे कि उनको देखकर लोग डर नहीं जाए। मैना ने देखा ये कैसा दूल्हा उल्टा मुंह करके बैठें। नारद जी ने भगवान भोलेनाथ से कहा प्रभु सासु मां पूजन करने आई है सीधे बैठो भोलेनाथ जैसे सीधे हुए मैना धुनी रमाए भोलेनाथ देख होश खो बैठी। मैना के जीवन में कोई गुरु नहीं होने से उन्हें शिव तत्व का ज्ञान नहीं था। सत गुरु के रुप में नारदजी ने मैना के पास गए और समझाया।
श्री नागर जी ने कहा कि 100 में से 99 लोग नकारात्मक सोच रखते हैं।कांच का आधा भरा कि सोच पर दृष्टि नहीं आधा खाली गिलास पर जाती है। नकारात्मक सोच ही अपने आप को गिरा रही है। सोच बदलो सकारात्मक सोच कि ओर चलों उठों। तभी तुम आगे बढ़ सकतें हैं। जब मैंना को शिव तत्व का बोध हुआ तो शंकर भोलेनाथ में भभूती कि जगह चंदन और
लक्ष्मी प्राप्त पुत्रों ने विवाह को मनोरंजन बना दिया-
श्री नागर जी ने कहा कि विवाह मंनोरंजन का साधन नहीं होना चाहिए।विवाह सनातन संस्कृति का आधार है धर्म रक्षक धर्मपाद है मनोरजन का साधन नहीं दो पवित्र आत्माओं का मिळण है विवाह को भगवान ने जिनको लक्ष्मी दी उन लक्ष्मी प्राप्त पुत्रों ने विवाह को मनोरंजन बना दिया।आज आप कुसंस्कार फैला रहे और मजाक बना रहे हैं।कल उन्हीं का मजाक बन जाएगा। फिर पछताना पड़ेगा। महिला संगीत के नाम से जो फुल्हडता फैल रहीं हैं। अपनों से बड़ों ससुर के सामने नंगा नाच होता है। आजकल कोड़ीयोग्राफर आता है।वह घर आकर उस घर के पुरुष कि अनुपस्थिति में महिलाओं लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करते हैं। फिर परिवार कि क्या स्थिति रहेगी। उज्जैन कि घटना से शिक्षा लेने कि बात कही। हमने संस्कार को संस्कार नही समझा इंदौर की बेटी ने अहिल्याबाई की नगरी को कलंकित किया
बेटीयों को संकल्प दिलाया-
श्री नागर जी ने कहा कि कोड़ीयोग्रफर प्रेम जाल में फंसाकर फोन से बात करने लगता हैं। और फिर शादी का झुठा दिलासा दिलाते हैं। और आपका सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। महिला संगीत, महिला हो या पुरुष कोरियोग्राफर को बुलाना बंद करों। विवाह में महिला संगीत पर भजन संध्या रखो।आज नाचना फैशन बन गया है। नृत्य करना मना नहीं करते हैं।नृत्य कहा पर कैसे करना यह ध्यान रखना पड़ेगा।
डॉ मिथिलेश जी नागर ने आगे कहा कि नवरात्री गणेश उत्सव पर डीजे पर नाचने का चलन चला दिया यह हमारी संस्कृति है क्या हमारी संस्कृति यह है कि दुर्गा चालीसा शिव चालीसा गणेश चालीसा भजन करो यह हमारी संस्कृति है।
प्री विडियो शुट कैसे हो रहें इसको जानों जो काम विवाह के बाद होना चाहिए वो होटल में पहले भी हो गया तो फिर विवाह किस बात का कर रहे हैं।
प्री-वेडिंग के दौरान शराब पार्टीयां होती है। और आपकी लक्ष्मी बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता है।कई करोड़ पति सेठो को हमने देखा आज उनके बेटे बेटियां भीख मांगने की स्थिति में पहुंच गए इस अवसर पर सभी उपस्थित मातृशक्ति बेटीयों को महिला संगीत प्री-वेडिंग नहीं करने और कोरियोग्राफर नहीं बुलाने का संकल्प दिलाया गया।
डॉ नागर जी ने चौघड़िये का महत्व बताते हुवे कहा कि विवाह शुभ मुहूर्त में होना चाहिए। विवाह केवल जीमना और जिमाना नहीं है। रोग में बिमारी नहीं जाएगी।दोनों में किसी न किसी को बीमारी रहेगी उद्वेग के चौघडिये में हुवा तो तो दोनों में कभी नहीं बनेगा, धनि ओरत की कभी नहीं बानगी झगड़ा रहेगा काल के चोघडिये में एक घंटा एक माह एक साल में दोनों में से एक को जाना पड़ेगा।
डॉ मिथिलेश जी नागर ने चार पांच साल पुरानी घटना बताते हुवे कहा शामगढ़ कि लड़की मंदसौर कि लड़का परिवार ने फोर व्हीलर दी धूमधाम से विवाह किया। पर विवाह काल के चौघड़िया मुहूर्त में होने का परिणाम।लाड़ा लाड़ी दोनों पीछे बैठी रास्ते में बस ई नदी पर गाड़ी रुकवाई और नदी में कुद गई। पंडित जी से फेरें लग्न का समय जाना तो उस समय 8.30 बजे पंचांग देखा तो उस समय काल का चौघड़िया था। लड़की ब्युटी पालर से देर से आने का परिणाम हुआ।
पंडित डॉ मिथिलेश जी नागर ने नशा मुक्ति को लेकर कहा कि किसी को किसी से तुलना नहीं करना चाहिए अपने विवेक के अनुसार करना चाहिए। कोई भी वस्तु जो खाई जाते हैं चाहे गांजा भांग हो अगर सिमित मात्रा में लि जाए तो दवाई बन जाती है।संत ऋषि अगर गांजा भांग धतूरा पीते हैं तो उन्होंने ने अपने आपको परमात्मा को समर्पित कर दिया है। उनका शिव तत्व जागृत हो गया है। अगर गृहस्थी जीवन वाले खाने पीने लग जाता है तो वह बर्बाद हो जाता है।
डॉ नागर जी ने शिव पार्वती विवाह कार्तिक गणेश पुत्रों का जन्म कथा का वृतांत श्रवण कराया। जिसमें पार्वती ने अपने शरीर पर उबटन लगाकर कर स्नान करने गई वहां उबटन से बालक का पुतला बनाकर कर रखा और जल छिड़काव किया तो बालक प्रगट हो गया। और मां कह कर पुकारा बालक को बाहर सुरक्षा में खड़ा कर दिया। गणेश जी को लेकर बहुत सारे गलत तर्क दिए जाते हैं ।
माताओं बहनों से सावधान करते हुए कहा कि आजकल फर्जी झांगुर बाबा जैसे बाबा संत बहुत हो गये उनसे मत जुड़ो उनका आधार कार्ड देखो। चमत्कार नहीं जादू दिखाकर आपको फसाने का काम कर रहे। इसलिए सावधान रहें।
जो व्यक्ति अपनी मातृभाषा और अपनी माता से प्रेम नहीं करता है उससे बड़ा देश द्रोही कोई नहीं है।माता पार्वती ने हल्दी चंदन का लेपन उबटन कर स्नान करती है।मेल से नहीं उस उबटन से गणेश कि उत्पत्ति हुई।दिल्ली के एम्स में महामृत्युंजय मंत्र का शोध किया गया है।
देवाधिदेव महादेव देवी पार्वती ने गणेश कार्तिकेय कुमार के विवाह परिक्षा ली। कार्तिक को मयूर और गणेश को मूषक को पृथ्वी कि परिक्रमा करने को लिए वाहन दिया। कार्तिकेय ने परिक्रमा प्रारंभ कर ली और गणेश ने माता पिता कि सात बार परिक्रमा कर कहा कि मैंने अपने माता-पिता कि सात बार परिक्रमा कि सात बार पृथ्वी कि परिक्रमा हो गई। बालक गणेश कि तीव्र बुद्धि को देख गणेश का विवाह कर दिया।नारद जी कहने पर कार्तिक जब घर आए तो गणेश का विवाह होता देख। कार्तिकेय को क्रोध आया और आजीवन विवाह नहीं करने का ठान लिया और दक्षिण कि और निकल गये। गणेश अपने परिवार के साथ रहने लगे।
डॉ नागर जी ने कहा कि बारह ज्योतिर्लिंग के नाम जो लेता हैं उसके सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और पूण्य उदय हो जातें हैं।
डॉ नागर जी ने कहा कि 12 नहीं 14 ज्योतिर्लिंग है। 12 भारत देश है 2 विदेशों में एक मकेश्वर तथा दुसरा मदेश्वर महादेव माहत्मा रावण द्वारा स्थापित किया। कर्नाटक के हम्पी में 14 ज्योतिर्लिंग का प्रमाण है।
हाथ से हाथ जोड़कर एक होना पड़ेगा, जिस जगह अमावस्या कि हुकूमत हो वहां सब दीप से दीप जलकर प्रकाश मान करना होगा।
डॉ नागर जी ने कहा ननोरा तहसील मल्हारगढ़ में 100 बच्चों का आवासीय गुरुकुल कि स्थापना हो रही है। कथा में प्राप्त दान धर्म राशि सभी गुरुकुल में लगाई जा रही है। सांसद श्री सुधीर गुप्ता का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने 4 लाख रुपए सहयोग राशि प्रदान करने कि घोषणा की। सांसद श्री गुप्ता जी का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।
कथा विश्रांति के अंतिम दिवस बडी संख्या में क्षेत्रीय विधायक श्री हरदीप सिंह डंग द्वारा 9151 रुद्राक्ष वितरण किए गए।
कार्यक्रम में विधायक हरदीप सिंह डंग, पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र बामनिया, जिला योजना समिति सदस्य अनिल कुमार पाण्डेय गौशाला अध्यक्ष संजय लाल जाट आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर सुवासरा भाजपा मंडल अध्यक्ष अध्यक्ष दिलीप सिंह तरनोद, नप उपाध्यक्ष सुमित रावत सभापति सुशीला राजेन्द्र राठौड़, राधा सोनी, राधेश्याम जोशी विष्णु राठौर चंचलेश व्यास पिपलिया मंडी प्रशांत चतुर्वेदी, दिनेश पोरवाल साताखेडी़ सहित पार्षद सभापति नगर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि गण गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।संचालन विवेक सोनगरा ने तथा आभार नपं अध्यक्ष श्री मनोज शुक्ला ने व्यक्त किया।