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बृहस्पति ग्रह के कारण देश में हो सकते हैं मध्यावधि चुनाव, भोपाल में हुए सम्मेलन में ज्योतिषी का दावा

बृहस्पति ग्रह के कारण देश में हो सकते हैं मध्यावधि चुनाव, भोपाल में हुए सम्मेलन में ज्योतिषी का दावा

भोपाल। बृहस्पति ग्रह 25 मई से अतिक्रमी हो गया है। यानी इसकी गति सामान्य से तेज हो गई है। इस बढ़ी हुई गति का असर देश की राजनीतिक-आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा। इसके प्रभाव से 2027 में ही संसदीय चुनाव के योग बन रहे हैं। यह दावा किया है कि उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष और ज्योतिषी डॉ. नंदकिशोर पुरोहित ने। वे मेपकास्ट में आयोजित छठवें कालिदास राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में शोधपत्र प्रस्तुत कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर बृहस्पति एक राशि से दूसरी में 13 महीनों में प्रवेश करता है। अभी उसकी गति अतिक्रमी हो गई है। इसका प्रभाव यह होगा कि वही दूरी वह 10.5 महीनों में पूरी कर लेगा। बृहस्पति की यह बढ़ी हुई चाल 2033 तक बनी रहेगी। इस बीच जिन स्थानों पर इसका प्रभाव अधिक होगा वहां राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों में तेजी अचानक तेजी आएगी। इसके प्रभाव से चुनाव जल्दी होंगे।

आर्थिक प्रगति की रफ्तार होगी तेज-:

उन्होंने कहा इस दौरान आर्थिक प्रगति की रफ्तार भी तेज हो जाएगी। भारत और उसके पड़ोसी देश इससे अधिक प्रभावित होने वाले हैं। सम्मेलन के संयोजक पं. विनोद गौतम ने बताया कि मंगल, शनि, राहु और केतु की समभाव में उपस्थिति वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव उत्पन्न कर सकती है।

डिजिटल भ्रम, डेटा चोरी की घटनाएं बढ़ सकती हैं-:

कार्यक्रम में शोध आधारित दृष्टिकोण के साथ वैदिक ज्योतिष के समसामयिक विषयों पर विमर्श हुआ। सम्मेलन में देश भर के ज्योतिषियों ने शोधपत्र पढ़े, समस्याओं पर चर्चा की। ज्योतिषियों ने भृगु और रावण संहिताओं पर आधारित ज्योतिषीय विश्लेषण में यह चेतावनी दी गई कि बुध की कमजोर स्थिति और राहु-केतु के प्रभाव से डिजिटल भ्रम, डेटा चोरी व फर्जीवाड़े की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

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