ग्रामीण अंचलों में शराब माफिया और आबकारी अफसरों का गठजोड़, से अवैध शराब बेची जा रही है तय मूल्य से अधिक में ?

========
ग्रामीण अंचलों में शराब माफिया और आबकारी अफसरों का गठजोड़, से अवैध शराब बेची जा रही है तय मूल्य से अधिक में ?
सीतामऊ- ग्रामीण अंचलों में शराब का कारोबार इतने संगठित तरीके से संचालित हो रहा है कि ब्लैक में शराब बेचने वालों कोे ठेकेदारों ने डायरी बनाकर दे दी है ? जिनके पास ये डायरियां हैं, पुलिस उन्हें नहीं पकड़ती ऐसा शराब बेचने वालों का कहना है ? असलियत में नियम यह है कि आबकारी विभाग द्वारा तय दुकानों से ही शराब की बिक्री की जा सकती है। जो डायरी को लाइसेंस मान रहे हैं असल में वो अवैध शराब बेच रहे हैं ? प्रशासनिक व आबकारी अधिकारियों की सांठगांठ व अनदेखी के चलते ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित दुकानों पर शराब की बिक्री जोरों से हो रही है। गांवों मे ठेकेदार बेखौफ होकर नियमों की की धज्जियां उड़ा रहे है। ये ही नहीं शराब माफियाओं ने आबकारी अधिकारियों से सांठगांठ कर एक दुकान की जगह अवैध रूप से कई ब्रांचें संचालित कर अवैध रूप से शराब की ब्रिक्री की जा रही है ? अवैध शराब के लाखो रुपए के कारोबार के मुख्य सूत्रधारों तक आबकारी विभाग या प्रशासनिक अधिकारी कभी नहीं पहुंचते है ? गांव में धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री की जा रही है, जिससे परिवार में आए दिन लड़ाई-झगड़े होते हैं, लेकिन इस पर शासन-प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शराब माफियाओं का राजनीति में बोलबाला है, जबकि मध्य प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार और शराब को लेकर बहुत सजग है। यहां पर स्थानीय विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामवासियों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीण अंचलों में नशे का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। जिस कारण युवाओं का जीवन धीरे-धीरे अंधकारमय हो रहा है। इसका प्रमुख कारण है कि नशीले पदार्थों का आसानी से उपलब्ध हो जाना। जिससे युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में तेजी से फंस रही *सरकार और समाजिक संगठनों द्वारा नशे की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों की जानकारी दी जाती है। लेकिन हाल के वर्षों में युवाओं में नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ा है ?* नशे की प्रवृति वाले युवा अपने परिवार को एक-एक रोटी के लिए तरसते हुए छोड़ जाते हैं। मजबूरन उनके बच्चे कम उम्र में ही बाल श्रमिक बनकर मेहनत मजदूरी करने लग जाते हैं। ऐसा आम जनता का का मानना है ?