हेमंत खंडेलवाल मध्यप्रदेश भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष औपचारिक एलान बुधवार को किया जाएगा

हेमंत खंडेलवाल मध्यप्रदेश भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष औपचारिक एलान बुधवार को किया जाएगा
भोपाल।मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का फैसला हो गया है। सूत्रों के मुताबिक हेमंत खंडेलवाल मध्यप्रदेश भाजपा के निर्विरोध नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। हालांकि ऐलान बाकी है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने सीएम डॉ. मोहन यादव को इशारा किया और सीएम खंडेलवाल को मंच पर ले गए। सीएम डॉ. मोहन उनके प्रस्तावक बने।
खंडेलवाल पहली पंक्ति में मंत्री वीरेंद्र खटीक और गोपाल भार्गव के बीच में बैठे थे। सीएम मोहन यादव इशारा मिलते ही उनको पीठ पर हाथ रखकर मंच की ओर बढ़े। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर और पर्यवेक्षक सरोज पांडे के सामने उन्होंने नामांकन दाखिल कराया।
यानी हेमंत ही एमपी बीजेपी के नए कप्तान होंगे। वे मध्य प्रदेश के 28वें भाजपा अध्यक्ष बनेंगे।मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया चल रही है। इस पद की रेस में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे आगे चल रहा था। बताया जा रहा है कि हेमंत के नाम पर लगभग सभी नेताओं ने अपनी सहमति दी है।
01 जुलाई मंगलवार को मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष का भी ऐलान हो गया है। इस बार एमपी भाजपा की कमान हेमंत खंडेलवाल को दी गई है। बुधवार सुबह 10:30 बजे भाजपा संगठन की बड़ी बैठक होगी। माना जा रहा है इसी दौरान या इसके बाद खंडेलवाल के निर्विरोध निर्वाचन का औपचारिक ऐलान होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव, वर्तमान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके नाम का नामांकन पत्र दिया था। इस तरह बैतूल से विधायक खंडेलवाल को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है।
हेमंत खंडेलवाल का जन्म 2 सितंबर 1964 को उत्तरप्रदेश के मथुरा में हुआ। पेशे से व्यवसायी और नेता रहे खंडेलवाल ने बी कॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है। साल 2008-09 में पिता विजय खंडेलवाल की मौत होने के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बने थे। इसके बाद 2013 से 2018 तक बैतूल से विधायक भी रहे। साल 2023 में फिर से एमएलए का चुनाव लड़ा और बैतूल से विधायक चुने गए।
दो बार विधायक रहे खंडेलवाल भाजपा में भी कई जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं। वो बैतूल के भाजपा जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा पूर्व में भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान समय की बात करें तो वो कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। इतिहास के पन्नों को उलटने पर पता चलता है की अब तक मालवा-निमाड़ इलाके से भाजपा ने 8 बार अध्यक्ष चुने हैं।
श्री खंडेलवाल के पास दायित्व-
- 2007 से 2009 तक सांसद बैतूल (14वी लोकसभा के उपचुनाव में निर्वाचित)बैतूल,हरदा हरसूद लोक सभा
- 2010 से 2013 तक भाजपा जिलाध्यक्ष बैतूल
- 2013 से 2018 तक बैतूल विधायक क्षेत्र 131
- 2014 से 2018 तक मध्यप्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष
- 2021 पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रवासी कार्यकर्ता का प्रभार
- 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 15 जिलो के समन्वय प्रभारी
- 2023 से विधायक 131 बैतूल विधान सभा
- वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
मालवा-निमाड़ क्षेत्र से भाजपा ने सबसे ज्यादा 8 बार संगठन को नेतृत्व दिया। भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष रहे सुंदरलाल पटवा (सामान्य) मंदसौर के थे। इस पद पर वे दो बार रहे। पहली बार 1980 से 1983 तक और दूसरी बार 1986 से 1990 तक। इसके बाद रतलाम के लक्ष्मीनारायण पाण्डे (सामान्य) 1994 से 1997 तके प्रदेशाध्यक्ष रहे।
अब तक के प्रदेश अध्यक्ष –
मालवा क्षेत्र से धार के विक्रम वर्मा (ओबीसी) 2000 से 2002 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। इसी तरह देवास से पूर्व सीएम कैलाश जोशी (सामान्य) ने 2002 से 2005 तक संगठन का नेतृत्व किया। उज्जैन के सत्यनारायण जटिया (एससी) फरवरी 2006 से नवंबर 2006 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। खंडवा सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान (सामान्य) इस पद पर 2016 से 2018 तक रहे।ग्वालियर-चंबल से संगठन को 4 बार नेतृत्व मिला। नरेंद्र सिंह तोमर (सामान्य) को दो बार कमान सौंपी गई। पहली बार वे 2006 से 2010 तक और दूसरी बार 2012 से 2014 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2014 में वो मोदी कैबिनेट में शामिल हुए। इसके बाद कमान प्रभात झा (सामान्य) को मिली, वे 2010 से 2013 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (सामान्य) भी चंबल से हैं। उन्हें 2020 में संगठन की कमान सौंपी गई थी।·
महाकौशल क्षेत्र से दो बार संगठन को नेतृत्व मिला इसी तरह महाकौशल क्षेत्र से दो बार प्रदेशाध्यक्ष मिला। पहली बार शिवप्रसाद चनपुरिया (सामान्य) 1985 से 1986 से तक अध्यक्ष रहे। दूसरी बार राकेश सिंह (सामान्य) को मौका मिला। वे 2018 से 2020 तक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रहे। वर्तमान में राकेश सिंह पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं।
मध्य क्षेत्र से शिवराज के बाद हेमंत दूसरे नेता मध्य क्षेत्र से दूसरी बार किसी नेता को प्रदेश भाजपा संगठन के नेतृत्व का मौका मिला है। हेमंत खंडेलवाल (सामान्य) शिवराज के बाद दूसरे नेता हैं। प्रदेश का सीएम बनने से पहले शिवराज सिंह चौहान (ओबीसी) मई 2005 से फरवरी 2006 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे।
छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी संगठन की कमान संभाल चुके अविभाजित मध्य प्रदेश के समय छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी भाजपा अध्यक्ष रहे। रायगढ़ से लखीराम अग्रवाल (सामान्य) ने 1990 से 1994 तक और नंदकुमार साय (एसटी) ने 1997 से 2000 तक प्रदेश संगठन की कमान संभाली थी।
Kailash Joshi कैलाश जोशी
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा 1 दिसंबर 1983 से 31 मार्च 1985 तक
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा 27 अगस्त 2002 से 16 मई 2005 तक
Brijlal Verma ब्रिजलाल वर्मा
प्रदेश अध्यक्ष जनसंघ अगस्त 8 दिसंबर 1977 से आपातकाल
Kushabhau Thakare कुशाभाऊ ठाकरे
प्रदेश अध्यक्ष जनसंघ अगस्त 1977 से 4 दिसंबर 1980
Brijlal Varma ब्रिजलाल वर्मा
प्रदेश अध्यक्ष जनसंघ 8 दिसंबर 1974 से 4 दिसंबर 1974
Ramhit Gupta रामहित गुप्ता
प्रदेश अध्यक्ष जनसंघ 5 दिसंबर 1968 से 1 नवंबर 1973
V.V.Patnayak वी वी पटनायक
प्रदेश अध्यक्ष जनसंघ 8 नवम्बर 1973 से 7 दिसम्बर 1974 तक
Giriraj Kishore Kapoor गिरीराज किशोर कपूर
प्रदेश अध्यक्ष जन संघ 1 नवंबर 1958 से 28 नवंबर 1964
Kishorilal Goyal किशोरीलाल गोयल
प्रदेश अध्यक्ष जन संघ 1957
Raj Kishor Shukl राजकिशोर शुकी
प्रदेश अध्यक्ष जन संघ 1956
Badhrilal Dave बद्रीलाल दवे
1951 से 1956 तक प्रदेश अध्यक्ष जनसंघ
नन्द कुमार सहाय
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा 9 मार्च 1997 से 11 जुलाई 2000 तक
लक्ष्मीनारायण पाण्डेय
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा 14 जून 1990 से 10 नवम्बर 1994 तक
लखीराम अग्रवाल
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा 9 मार्च 1990 से 10 जनवरी 1994 तक
शिव प्रसाद चनपुरिया
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा 1 अप्रैल 1985 से 11 जनवरी 1986 तक
नरेंद्र सिंह तोमर 2012 – भाजपा एमपी के दूसरे कार्यकाल के प्रदेश अध्यक्ष बने।
मध्यप्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल चुनें गये है। राजीव बिंदल को तीसरी बार हिमाचल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिली है। सोमवार को इस पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले वे एकमात्र पार्टी नेता थे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बिंदल के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की।