सुवासरामंदसौर जिला

नगर परिषद सुवासरा से जारी होने वाले स्वामित्व प्रमाण पत्र की रजिस्ट्री पर तहसीलदार ने लगाई रोक

भूमाफियाओ पर लगाम लगाने के लिए तहसीलदार सिनम ने उठाया सख्त कदम, जिला पंजीयक अधिकारी को भेजा पत्र

 तहसीलदार के बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के नहीं हो सकेगी अब रजिस्ट्रीयां

पंकज़ बैरागी

सुवासरा- नगर की शासकीय जमीन पर हो रही भूमाफियाओं के द्वारा बंदरबाट पर प्रशासन की नजर पड़ने लगी है। नगरी क्षेत्र में आने वाली शासकीय जमीनों पर भूमाफियाओं के द्वारा निजी सर्वे नंबर से रजिस्ट्री करा कर शासकीय जमीन लोगों को दी जा रही है। राजस्व विभाग को जब इस बंदरबाटकी पता चली तो तहसीलदार ने जिला पंजीयक, अपर कलेक्टर और एस डी एम को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी । इसके बाद तहसीलदार ने नगरी क्षेत्र में कुछ सर्वे नंबर और नगर परिषद से जारी होने वाले स्वामित्व प्रमाण पत्र पर होने वाली रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी। बिना तहसीलदार के सत्यापन के इन सर्वे नंबरों की रजिस्ट्री नगर परिषद के स्वामित्व पत्र के आधार पर नहीं कराई जा सकेगी। मामले का खुलासा तब हुआ जब तहसीलदार के पास सर्वे न.1035 भूमि का सीमांकन का आवेदन आया। जब उसका सीमांकन तहसीलदार के द्वारा करवाया गया तो वह शासकीय निकली। जिसमें उक्त सर्वे नंबर पर 21 लोगों के पक्के निर्माण पाए गए। इसके बाद तहसीलदार ने सभी 21 लोगों को नोटिस जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहां है। जिसमें आधे लोगों के पास सर्वे नंबर 1034 का है और मकान 1035 पर बने हुए हैं। जो कि शासकीय है। और आधे लोगों ने नगर परिषद के स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर मकान का निर्माण कर लिया जो सीमांकन के दौरान शासकीय भूमि पर बने पाए गए। इसी प्रकार नगर के भूमाफियाओं के द्वारा अपने निजी स्वत्व की भूमि की रजिस्ट्री कराकर क्रेताओं के पास में स्थित शासकीय भूमि को निजी बात कर कब्जा करवाया जा रहा है।

कस्बा सुवासरा स्थित भूमि सर्वे नंबर 735, 918, 1034, 1045, 1057, 1077, और 1097 के बटे नंबरों में इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद तहसीलदार मोहित सिनम द्वारा पंजीयक कार्यालयो को लिखे गए पत्र में कस्बा सुवासरा स्थित शासकीय भूमियो को अतिक्रमण एवं भूमाफियाओं के अवैध कब्जे से बचाने के लिए नगर परिषद द्वारा जारी स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर बिना तहसील कार्यालय के अनापत्ति प्रमाण पत्र के कोई भी विक्रय लेख पंजीकृत नही किये जा सकेंगे। इसके साथ ही तहसीलदार ने उपरोक्त निजी सर्वे न. में तहसील कार्यालय की अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना किसी भी प्रकार का विक्रय पत्र जिला पंजीयक एवं सभी उपपंजीयक कार्यालयो में पंजीकृत नही किया जाए।

इनका कहना

शासकीय जमीन पर अवैध कब्जे रोकने के लिए तहसील कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक किया है।

               –  मोहित सिनम तहसीलदार सुवासरा

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