राजस्थानझालावाड़

हवाई हमले की सूचना पर जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, असल में यह थी मॉक ड्रिल

आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने हेतु कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट पर मॉक ड्रिल आयोजित

आपातकालीन स्थिति से निपटने की हुई समन्वित कार्यवाही

झालावाड़, 7 मई। आपदा प्रबंधन की तैयारियों का आकलन करने एवं आपात स्थिति में त्वरित एवं समन्वित कार्रवाई की दक्षता को परखने के उद्देश्य से आज कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट, झालावाड़ में एक वृहद मॉक ड्रिल (काल्पनिक आपदा अभ्यास) का आयोजन किया गया।

मॉक ड्रिल का परिदृश्य इस प्रकार तय किया गया कि दोपहर 4 बजे पावर प्लांट परिसर में एक अज्ञात हवाई हमले की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होती है। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़, पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, पुलिस बल, अग्निशमन दल, आपदा प्रबंधन टीम, चिकित्सा विभाग, स्काउट की रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट सहित संबंधित सभी विभागों के अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हुए।

घटनास्थल पर हुआ रियल-टाइम ऑपरेशन

मौके पर पहुंचकर सभी टीमों ने समन्वित एवं चरणबद्ध ढंग से कार्य करना प्रारंभ किया। मॉक ड्रिल के अनुसार प्लांट के एक हिस्से में श्विस्फोटश् और श्आगजनीश् की स्थिति उत्पन्न हुई थी।

अग्निशमन विभाग ने आग को नियंत्रित करने हेतु दमकलों की मदद से तत्परता से कार्य किया। चिकित्सा दल ने श्घायलोंश् को त्वरित प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराते हुए उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस व सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया और अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई।

विद्युत विभागों ने तकनीकी सहायता एवं आपूर्ति बहाली के लिए कार्य किया। सिविल डिफेंस व आपदा प्रबंधन दलों ने राहत कार्यों का संचालन किया और अन्य टीमों के साथ तालमेल बनाते हुए समन्वयन सुनिश्चित किया।

मॉक ड्रिल के दौरान पावर प्लांट कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों की भी अहम भूमिका रही। उन्हें पहले से इस ड्रिल के बारे में सूचित नहीं किया गया था, जिससे उनकी वास्तविक प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया जा सके। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया और आपदा से निपटने की प्रक्रिया में उनकी सहभागिता भी देखी गई।

जिला कलक्टर ने की तैयारियों की सराहना

ड्रिल के समापन पर जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा, ऐसे आपदा प्रबंधन अभ्यास हमें वास्तविक स्थिति में बेहतर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करते हैं। विभागों के बीच आपसी समन्वय, त्वरित निर्णय क्षमता एवं संसाधनों के कुशल उपयोग की यह एक सशक्त झलक रही।

पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि ऐसी मॉक ड्रिल्स से सुरक्षा व्यवस्था की कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करने का मौका मिलता है, जिससे भविष्य में किसी भी आकस्मिक घटना से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर सत्यनारायण आमेटा, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शम्भूदयाल मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा, उपखण्ड अधिकारी अभिषेक चारण, पुलिस उपाधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. साजिद खान, तहसीलदार नरेन्द्र मीणा, सीओ स्काउट रामकृष्ण शर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

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