समाज में धर्म कि ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है वहां मानवता, मानवता से खुशहाली, और खुशहाली है वहां स्वर्ग है -रा.अध्यक्ष मोहनदास जी

नर्मदा परिक्रमा यात्रा 09 वें दिन लगभग 761 किमी पूर्ण कर यात्रा नर्मदा मय्या उद्गम स्थल अमरकंटक पहुंची
मंदसौर।केसरिया हिंदू वाहिनी सनातन कल्याण समिति एवं आर्यावर्त षट् दर्शन साधु मंडल भारत के तत्वाधान में विशाल धर्म रक्षा नर्मदा परिक्रमा यात्रा का आयोजन 19 अप्रैल को प्रातः 10 बजे श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग गऊघाट पर पूजा अर्चना कर शुरू हुई। बड़वानी पहुंची जहां पर संत गणों ने बड़वानी में राजघाट पर नर्मदा मय्या का पूजन कर स्थानीय नागरिकों को स्वच्छता का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर वैष्णव बैरागी समाज एवं पुलिस प्रशासन द्वारा यात्रा में सम्मिलित संत जनों का स्वागत अभिनंदन किया गया।इसके पश्चात संत गणों कि नर्मदा परिक्रमा आगे कि और पदार्पण कर डोडिया पाड़ा पहुंची जहां रात्रि विश्राम किया। दूसरे दिन 20 अप्रैल रविवार को बड़वानी से अंकलेश्वर पहुंची तीसरे दिवस यात्रा 21 अप्रैल सोमवार को विमलेश्वर महादेव मंदिर पर पूजा अर्चना कर उसके बाद सिहोर के रेवा धाम संगम पर विश्राम कर 22 अप्रैल मंगलवार को सिहोर के रेवा धाम संगम तट से स्टीम्बर से मिठी तलाई कूड स्नान कर अलीराजपुर में रात्रि विश्राम किया 23 अप्रैल को अलीराजपुर से प्रस्थान कर महेश्वर में नर्मदा घाट पर पूजा अर्चना कर रात्रि विश्राम कर 24 अप्रैल को महेश्वर से संकलनपूर माताजी मंदिर में आराधना ध्यान दर्शन रात्रि विश्राम 25 अप्रैल शुक्रवार को संकलनपूर से बरमान घाट रात्रि विश्राम उसके पश्चात परिक्रमा यात्रा जबलपुर तिलवाड़ा घाट विश्राम कर 26 अप्रैल शनिवार को परिक्रमा यात्रा 09 वें दिन 761 किमी कि यात्रा पूर्ण कर जबलपुर तिलवाड़ा घाट अमरकंटक पहुंची जहां नर्मदा मय्या उद्गम स्थल हरि हर के स्वर्ग का दर्शन पूजन कर संतों ने सर्वे भवन्तु सुखिन कि कामना की।
यात्रा के अवसर पर- महर्षि उत्तम सेवा सदन धाम रेवती जिला सीहोर में धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन दास जी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष महामंडलेश्वर राम भूषण दास जी प्रदेश अध्यक्ष महंत जितेंद्र दास जी प्रदेश प्रवक्ता महामंडलेश्वर श्री रामेश्वर दास जी छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष हेमंत दास जी महाराज सीहोर महंत रामगोपाल दास जी महाराज संत तेजश्वराय दास आदि सम्माननीय संत महंतों की उपस्थिति रही।
यात्रा का स्वागत अभिनंदन करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन दास जी ने कहा कि संत समाज वह है जो सर्वे भवन्तु सुखिन कि कामना करता है। संत वह है जिसने केवल परिवार का ही नहीं सभी मोह माया का अंत कर दिया है।संत का अर्थ भी है कि स+अंत यानि संत होता है। संत अपने इष्ट प्रभु कि सेवा करते हुए सनातन समाज में धर्म कि ज्ञान गंगा प्रवाहित करता रहता है। समाज में धर्म कि ज्ञान गंगा प्रवाहित होती रहेगी तो समाज में मानवता विद्यमान रहेंगी और जहां मानवता है वहा खुशहाली रहती है और जहां खुशहाली है वहीं स्वर्ग है।
इस अवसर पर महंत जितेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य हिंदू मठ मंदिरों को सरकारी करण से मुक्त करवाने,गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करवाने ,भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो एवं नर्मदा सहित सभी नदियों स्वच्छ सुंदर बने इस हेतु सरकार का ध्यान आकर्षण एवं आम जनता का जन जागरण करना है।
महंत जी ने यात्रा को लेकर बताया कि 27 अप्रैल शनिवार को तिलवारा घाट से अमरकंटक रात्रि विश्राम 28 अप्रैल रविवार को अमरकंटक से दर्शनीय स्थल 29 अप्रैल सोमवार को अमरकंटक से महाराजपुर रात्रि विश्राम 30 अप्रैल मंगलवार को महाराजपुर से पिपरिया रात्रि विश्राम 01 मई बुधवार को पिपरिया से ओंकारेश्वर 02 मई गुरुवार को नर्मदा पूजा व महाप्रसादी धर्म सभा का आयोजन के साथ यात्रा का समापन होगा।