समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 04 अप्रैल 2025 शुक्रवार

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घर में से ज्वेलरी हुई गायब घर मालिक ने जाकर दिया नौकर के खिलाफ आवेदन
मंदसौर जिले के भानपुरा में मकान मालिक द्वारा थाने में जाकर एक आवेदन प्रस्तुत किया कि घर में रखी ज्वेलरी गायब हो गई इसको लेकर थाने में आवेदन भी दिया गया शंका के आधार पर मकान मालिक द्वारा घर में कार्य कर रहे नौकर पर आशंका जताई और इसको लेकर आवेदन दिया गया पुलिस ने आवेदन के आधार पर नौकर से पूछताछ की पुलिस द्वारा बताया गया है कि जो नौकर कार्य करता है वह मानसिक रूप से पीड़ित है वह कम सुनता है काम बोलता है उससे पूछताछ की जा रही है और हमारे द्वारा इस मामले को लेकर जांच की जा रही है जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे वह बता दिया जाएंगे आवेदक द्वारा आवेदन दिया गया है हम उसे पर जांच कर रहे हैं
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जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जनसहयोग से नदी, तालाब व बावड़ीयों की जा रही साफ-सफाई
मंदसौर 3 अप्रेल 25/ जिले में संचालित जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग एवं सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन के मार्गदर्शन में जिले में जल संरचनाओं के निर्माण एवं गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला प्रशासन, जन अभियान एवं ग्रामीणों के जनसहयोग से जिले की ग्राम पंचायतों में मिट्टी निकाल कर नदी, तालाब व बावड़ीयों के विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है व नगर परिषद के सहयोग से प्याउ लगाई गई।
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सीईओ जिला पंचायत श्री जैन ने ग्राम पंचायत कनाहेड़ा के रोजगार सहायक श्री ओझा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया
मन्दसौर 3 अप्रेल 25/ सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन द्वारा ग्राम पंचायत कनाहेड़ा के ग्राम रोजगार सहायक श्री घनश्याम ओझा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है । ग्राम पंचायत हरनावदा के श्री रमेश पिता उदा द्वारा प्रस्तुत शिकायत के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किश्त के जियोटेग करने के लिये इनके द्वारा 10 हजार की मांग की गई है। प्राप्त शिकायत की जाँच जनपद पंचायत सीतामउ के सेक्टर प्रभारी पंचायत समन्वयक अधिकारी द्वारा गई। इस संबंध में इनके द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पचायत सीतामउ को कोई संतोषप्रद उत्तर भी प्रस्तुत नहीं किया गया।
आवेदनकर्ता की शिकायत से एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामउ के प्रतिवेदन से स्पष्ट प्रतीत हो रहा है, कि वास्तव में इनके द्वारा पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाह होकर उदासीन है। उक्त संबंध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। सूचना पत्र का उत्तर 7 अप्रेल तक प्रस्तुत करेंगे। प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
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गेहूँ उपार्जन के लिये किसान अब 9 अप्रैल तक करा सकते हैं पंजीयन
मंदसौर 3,अप्रैल,2025/ खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि किसानों के हित में रबी विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये पंजीयन की अवधि 9 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पूर्व में पंजीयन की अवधि 31 मार्च 2025 तक निर्धारित की गई थी। मंत्री श्री राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि जिन किसानों ने अभी तक पंजीयन नहीं करवाया है, वे 9 अप्रैल तक गेहूँ उपार्जन के लिये पंजीयन जरूर करायें। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रूपये है और राज्य सरकार द्वारा 175 रूपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है। इस तरह से गेहूँ की खरीदी 2600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गेहूँ उपार्जन के लिये 31 मार्च तक 15 लाख 9 हजार 324 किसान पंजीयन करा चुके हैं। गेहूँ का उपार्जन भी जारी है।
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सीईओ जिला पंचायत श्री जैन ने ग्राम पंचायत कानाहेडा के सचिव श्री मंसुरी को किया तत्काल प्रभाव से निलंबित
मन्दसौर 3 अप्रेल 25/ सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन द्वारा ग्राम पंचायत कनाहेड़ा के सचिव श्री फरीद मंसुरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। श्री फरीद मंसूरी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के गोदी के लिए राशि मांगी जा रही थी।
ग्राम पंचायत कानाहेडा के श्री रमेश पिता उदा सुर्यवंशी निवासी हरनावदा ग्राम पंचायत कानाहेडा के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई है कि सचिव ग्राम पंचायत कानाहेडा के द्वारा हितग्राही से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की तीसरी किश्त के जियोटेग करने के लिये रूपये 10 हजार की मांग की जा रही है। शिकायत के संबंध में सेक्टर प्रभारी श्री पन्नालाल मईडा पीसीओ द्वारा मौके पर जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसके आधार पर हितग्राही रमेश पिता उदा द्वारा स्वयं के आवास का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तथा इनकी माताजी संपतबाई पति उदा के प्रधानमंत्री आवास पर रमेश पिता उदा के दूसरी किश्त का जियोटेग किया जाकर किश्त प्रदान की गई है। जबकि संपतबाई पति उदा द्वारा आवास बनाया जा रहा है जिस पर 03 किश्त प्रदान की जा चुकी है। रमेश पिता उदा द्वारा अपने कथन में बताया गया कि सचिव श्री फरीद मंसुरी द्वारा मुझसे आवास किश्त के जियोटेग के लिये पैसे की मांग की जा रही है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामऊ के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया जिसका उत्तर सचिव ग्राम पंचायत द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया। गलत जियो टेग के लिये सचिव द्वारा हितग्राही को दोषी बताया गया जबकि जियोटेग करना ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होकर दायित्व है। उक्त लापरवाही होने पर सचिव ग्राम पंचायत कानाहेडा को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। सचिव द्वारा प्रस्तुत उत्तर समाधान कारक एवं असंतोषजनक होने एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामउ के प्रतिवेदन के आधार पर शासन द्वारा चलायी जा रही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में हितग्राही का गलत जियोटेग कर अवैध राशि मांग करने तथा अपने सचिवीय पदीय कर्तव्यों का पालन नहीं किये जाने तथा कार्य के प्रति घोर लापरवाही तथा उदासीनता बरतने पर श्री फरीद मंसुरी सचिव ग्राम पंचायत कानाहेडा जनपद पंचायत सीतामउ को म.प्र. पंचायत सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम 1999 भाग-2 (4) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर निलंबन की अवधि में श्री मंसूरी का मुख्यालय जनपद पंचायत सीतामऊ किया जाता है।
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प्रदेश में हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में करियर काउंसलिंग की सुविधा
कौशल विकास की प्रमुख दो योजना
मंदसौर 3,अप्रैल,2025/ प्रदेश में शासकीय हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिये करियर काउंसलिंग एवं गाइडेंस कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उचित चयन श्रेष्ठ करियर कार्यक्रम में कक्षा 9वीं एवं 11वीं में जो विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पाये हैं। उनके अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर उसी कक्षा में प्रवेश के लिये काउंसलिंग की जा रही है। ऐसे विद्यार्थी जो आगे की पढ़ाई निरंतर नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें हार के आगे जीत कार्यक्रम में आईटीआई पाठ्यक्रम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की जानकारी देकर उन्हें व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर और करियर काउंसलर की सेवा लेने के लिये कहा गया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना इस योजना में आवेदकों को अपनी ग्राम पंचायत ग्राम रोजगार सेवक के साथ दाखिला लेने की आवश्यकता है। आवेदक को ट्रेनिंग सेंटर के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके लिये आवेदक को आवश्यक पहचान-पत्र, इनमें मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड एवं अन्य जानकारी रोजगार सेवक को देनी होगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण के बाद ऋण उपलब्ध कराने में आवेदक को पूरी मदद दी जायेगी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में देशभर में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। इस योजना में 3 माह, 6 माह और एक साल के लिये युवाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। कौशल संबंधी कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिये जाने का प्रावधान है। यह सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य होता है। इस योजना में भी प्रशिक्षण के बाद ऋण प्राप्त करने की सुविधा है। इस योजना में केन्द्र सरकार ने कई टेलिकॉम कंपनियों को इस कार्य के लिये अपने साथ जोड़ रखा है। मोबाइल कंपनियां इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों को मेसेज करके एक फ्री टोल नंबर देंगी, जिस पर केंडिडेट को मिस्ड कॉल देना होगा। मिस्ड कॉल के तुरंत बाद आवेदक के पास एक नंबर से कॉल आयेगा, जिससे बाद आवेदक इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर) सुविधा से जुड़ जायेगा। इस प्रक्रिया के बाद आवेदक को उसके निवास के आस-पास ट्रेनिंग सेंटर से जोड़ा जायेगा। केन्द्र सरकार का कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय अब तक एक करोड़ 50 लाख से अधिक युवाओं का कौशल उन्नयन कर चुका है। इस योजना में युवाओं को कन्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, फुड प्रोसेसिंग, फर्नीचर, हेन्ड्रीक्रॉफ्ट, जेम्स और जूलरी समेत 40 क्षेत्र की ट्रेनिंग दिये जाने की सुविधा है। स्कूल शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम के लिये जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षण संबंधी जानकारी देने के निर्देश दिये गये हैं।
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पोषण भी, पढ़ाई भी आंगनवाड़ी केंद्रों में समग्र विकास की नई दिशा”
मंदसौर 3,अप्रैल,2025/ बाल्यावस्था केवल खेल-कूद और मस्ती का समय नहीं है, बल्कि यह जीवन की आधारशिला रखने वाला महत्वपूर्ण दौर भी है। गर्भधारण से लेकर छह वर्ष की आयु तक का समय बच्चे के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए बेहद अहम होता है। विशेष रूप से पहले 1000 दिन, गर्भ के नौ महीने और जन्म के बाद के दो साल, बच्चे के भविष्य की नींव मजबूत करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस दौरान सही पोषण के साथ-साथ संज्ञानात्मक विकास के अवसर भी उतने ही आवश्यक होते हैं। संयुक्त परिवारों की घटती संख्या और बदलते सामाजिक परिवेश के कारण अब घर में बच्चों को पारंपरिक रूप से मिलने वाला सहज शिक्षण प्रभावित हो रहा है। इसी कमी को पूरा करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाया जा रहा है, जहां गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं और छह वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार के साथ-साथ प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है। समाज की भागीदारी से होगा बच्चों का भविष्य उज्जवल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये न सिर्फ माता-पिता की बल्कि समाज की भागीदारी भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सक्षम आंगनवाड़ी की “पोषण भी, पढ़ाई भी” अभियान की शुरूआत 10 मई 2023 को की गई थी। इसका उद्देश्य प्रारंभिक बाल्यवस्था में देखभाल और शिक्षा पर आंगनवाड़ी प्रणाली का ध्यान केन्द्रित करना है। साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्र को उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी सुविधाओं खेल के उपकरण और विधिवत प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ एक शिक्षण केन्द्र में परिवर्तित करना भी इसका उद्देश्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मानते है कि अच्छा पोषण न केवल शारीरिक वृद्धि बल्कि मानसिक विकास और सीखने की क्षमता को भी बढ़ावा देता है। “पोषण भी, पढ़ाई भी” कार्यक्रम के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि हमारे नौनिहालों को एक सकारात्मक, स्वच्छ वातावरण मिले, जहाँ वे सीखने और बढ़ने के लिए प्रेरित हों। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए मिलकर प्रयास करें। यदि हम बचपन में ही बच्चों को सही पोषण और सीखने के पर्याप्त अवसर दें, तो न केवल उनके स्वास्थ्य बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की नींव मजबूत कर सकते हैं। पोषण भी पढ़ाई भी एक ऐसा अभियान है जिसके साथ जुड़ कर हम अपनी भावी पीढ़ियों को सशक्त बना सकते है और एक स्वस्थ, शिक्षित समाज का निर्माण करने में अहम भूमिका निभा सकते है । ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ कार्यक्रम : समग्र विकास की पहल, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया “पोषण भी, पढ़ाई भी” कार्यक्रम, बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए प्रारंभिक शिक्षा को पोषण से जोड़ता है। इस कार्यक्रम के तहत,आंगनवाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा दी जा रही है, जिससे वे प्राथमिक विद्यालय में औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार हो सकें।
इसके अलावा, पहली बार तीन वर्ष से छोटे बच्चों की देखभाल और संभावित दिव्यांगता की पहचान के लिए विशेष गतिविधियाँ तय की गई हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे विकास में देरी या संभावित विकलांगता के संकेतों की पहचान कर सकें। इससे ऐसे बच्चों के शीघ्र उपचार और सही देखभाल की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। कई बार बच्चों में विकास संबंधी समस्याएँ तुरंत स्पष्ट नहीं होतीं, जैसे कि श्रवण या दृश्य बाधाएँ, बोलने में देरी, डाउन सिंड्रोम, या सेरेब्रल पाल्सी। इनका समय पर पता लगाने से आगे चलकर गंभीर दिक्कतों से बचा जा सकता है। मध्यप्रदेश में कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन,मध्यप्रदेश इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (निपसिड) के विशेषज्ञों द्वारा 2,758 परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया, जो अब प्रदेश की 95,253 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। अब तक 93,454 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। कार्यक्रम की प्रभावी निगरानी के लिए जिला कलेक्टरों और राज्य स्तरीय अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। मार्च 2025 में दो चरणों में आयोजित इस प्रशिक्षण के दौरान ऑनलाइन उपस्थिति पंजीयन की व्यवस्था की गई, जिससे वास्तविक आंकड़े प्राप्त किए जा सके।