भजन “राम रस प्याला रे भरपुर” के साथ शुरुआत हुआ ढाई आखर के संवाद

भजन “राम रस प्याला रे भरपुर” के साथ शुरुआत हुआ ढाई आखर के संवाद
ढाई आखर के संवाद की शुरुआत 30 मार्च 2025 रविवार को कबीर भजन “राम रस प्याला रे भरपुर” के साथ की गई। इसके बाद सभी प्रतिभागियों ने अपना परिचय दिया। इस सत्र में सभी ने मेल-मिलाप की भावना को कबीर के रंग में रंगकर जिया।
निकुंज ने सामाजिक विविधता के एक महत्वपूर्ण पक्ष को उजागर किया। उन्होंने बताया कि ट्रांसमैन और ट्रांसवुमन को समाज कैसे देखता है और कई बार उन्हें नकारता है। उन्होंने यह भी चर्चा की कि जब तक ऐसी जगहें नहीं बनतीं, जहां हम अपनी बात खुलकर रख सकें, तब तक समाज का एक अभिन्न हिस्सा बनने में कठिनाई होती है।
सुरेश पटेल ने आगामी संवाद की योजना पर चर्चा की और 20 अप्रैल को होने वाली अगली बैठक की सहमति सभी प्रतिभागियों से ली। इसके अलावा, उन्होंने सभी की अपेक्षाएं भी जानी।
सांस्कृतिक प्रस्तुति
– रोहित जी ने “क्यों भटके रे थारो राम हृदय में” गाकर सभी को एक बार फिर कबीर के रंग में रंग दिया। इस गीत के साथ प्रतिभागियों ने गहरी सहभागिता महसूस की।
– छोटू भाई ने “ज़िंदगी के गीत गाएंगे, सुनाएंगे” प्रस्तुत किया, जिसमें सभी ने मिलकर गाने का आनंद लिया।
– चारु जी “तू ज़िंदा है तू ज़िंदा है” गीत गाया और इससे जुड़े अपने अनुभव व भावनाएं साझा कीं। उन्होंने ज़िंदगी की असली भावना और इंसानियत के महत्व पर अपने विचार अनुपा जीने नर्मदा नदी पर आधारित एक सुंदर कविता प्रस्तुत की, जिसने सभी को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।
संवाद का सार- ढाई आखर के संवाद में विचारों के आदान-प्रदान और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का समावेश रहा। यह संवाद कबीर के दर्शन, सामाजिक विविधता और जीवन मूल्यों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनी। प्रतिभागियों ने न केवल अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, बल्कि संगीत और विचारों के माध्यम से एकजुटता का अनुभव किया।
अगला संवाद- 20 अप्रैल को निर्धारित की गई, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने सहमति जताई। अगले संवाद में नए विषयों, नए साथियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को शामिल किया जाएगा।
प्रतिभागी- अवंतिका बोरासी, श्री बेनाल, नेत्रा ठाकुर, शिवांश तंवर, डॉ. चारुशीला मौर्य, गजेंद्र सिंह, देवेंद्र मंडलोई, संजय पंचाल, कुलदीप, अनुपा, संधिया, छोटेलाल भारती, प्रीति, विनोद जाटव, ब्रजेश सिंह, लक्ष्मी वास्त्री, अनिकेत, रोहित, सुरेश पटेल, राकेश यादव, लाखन मंडलोई, विक्रम सिंह बोरदिया, उत्तम चौहान, निकुंज, अवनी मालवीय।