समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 11 फरवरी 2025 मंगलवार

सभी एसडीएम ध्वनि प्रदूषण यंत्रों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाए : कलेक्टर श्रीमती गर्ग
ई ऑफिस सिस्टम लागू करने के लिए सभी विभाग आवश्यक तैयारी पूर्ण करे
साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक संपन्न
मंदसौर 10 फरवरी 25/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक सुशासन भवन स्थित सभागृह में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लाउड स्पीकर पर सख्ती से प्रतिबंध लगाए। मरीज गार्डन, धर्मशाला इत्यादि संस्थान जो बिना लाइसेंस/ बिना अनुमति के ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं। उनके ऊपर कार्यवाही करें। उनके लाइसेंस निरस्त करें। सभी विभाग प्रमुख इस बात का ध्यान रखे कि, अगर कही पर ध्वनि प्रदूषण हो रहा है तो रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराए या पुलिस को सूचना दे। विद्यार्थियों की परीक्षा का समय है, उनके भविष्य को बनाने का समय है। परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न न हो इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। ई ऑफिस प्रणाली सभी कार्यालय में लागू होने वाली है। इसके लिए सभी विभाग प्रमुख 28 फरवरी से पहले संबंधित आवश्यक तैयारियां पूर्ण करें। उसके लिए लॉगिन आईडी बनाएं। सभी ईमेल .gov / nic.in पर बनाएं। मास्टर डाटा ऐनआईसी से बनाएं। ई ऑफिस प्रणाली के पश्चात समस्त कार्य ऑनलाइन माध्यम से होंगे। सभी विभाग प्रमुख सीएम हेल्पलाइन शिकायत का त्वरित समाधान करें। शिकायतों का समाधान नहीं करने पर अब विभाग प्रमुखों पर सीधी कार्यवाही होगी। शिकायतों के निराकरण के लिए लगातार शिविर चलने दे। स्वास्थ्य विभाग प्रसूति सहायता संबंधित हितग्राहियों के भुगतान तुरंत कर सीएम हेल्पलाइन शिकायत को बंद कराए। रबी उपार्जन पंजीयन से संबंधित गिरदावरी का कार्य एवं गिरदावरी वेरिफिकेशन का कार्य प्रतिदिन करें। सभी ग्राम पंचायत में आम नागरिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ देने जिसमें आयुष्मान कार्ड बनाना, 70 प्लस व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बनाना, फॉर्मर रजिस्ट्री करना, ई केवाईसी करना, सीएम हेल्पलाइन शिकायत समाधान करना जैसे कार्यों के लिए अभियान लगातार चलने दे। बैठक के दौरान सीईओ जिला श्री अनुकूल जैन, प्रभारी एडीएम श्री राहुल चौहान, जिलाधिकारी मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से 2 लाख 9 हजार किसानों को किसान कल्याण योजना की तृतीय किश्त का लाभ दिया
लाख 17 हजार हितग्राहियों को 7 करोड़ 7 लाख की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का हितलाभ प्रदान किया
जिले की 2 लाख 64 हजार लाडली बहनों को 32 करोड़ रुपए की राशि का हितलाभ प्रदान किया
जिला स्तरीय कार्यक्रम जनपद पंचायत मंदसौर सभागार में संपन्न
मंदसौर 10 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज सोनकच्छ, जिला देवास से सिंगल क्लिक से मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, लाडली बहना योजना एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों को हितलाभ अंतरण किया।
प्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को 1553 करोड़ रुपए का हितलाभ प्रदान किया। 56 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को 337 करोड़ रुपए का हितलाभ प्रदान किया एवं 81 लाख किसानों को किसान कल्याण योजना में 1624 करोड़ रुपए की राशि का सिंगल क्लिक से हितलाभ प्रदान किया। कार्यक्रम का प्रसारण जिले की सभी ग्राम पंचायत में किया गया। जहां पर हितग्राहियों ने कार्यक्रम को देखा और सुना।
मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से मंदसौर जिले के 2 लाख 9 हजार 131 किसानों को किसान कल्याण योजना की तृतीय किश्त का हितलाभ प्रदान किया। 1 लाख 17 हजार 954 हितग्राहियों को 7 करोड़ 7 लाख 72 हजार रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का हितलाभ प्रदान किया।
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना अंतर्गत 2 लाख 64 हजार 8 लाडली बहनों को 32 करोड़ रुपए की राशि का हितलाभ प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री बसंत शर्मा, सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन, प्रभारी एडीएम श्री राहुल चौहान, मंदसौर एसडीएम श्री शिवलाल शाक्य सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, बड़ी संख्या में हितग्राही, पत्रकार मौजूद थे।
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टीबी मुक्त रथ ने ग्राम एलची एवं ग्राम दलौदा रेल में भ्रमण किया
मंदसौर 10 फरवरी 25/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग के निर्देश से टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत टीबी मुक्त रथ ने ग्राम एलची एवं ग्राम दलौदा रेल में भ्रमण किया गया। जगदीश खींची स्वास्थ्य विभाग मंदसौर ने टीबी के बारे में जागरूक किया। टीबी से कैसे बचा जाए एवं टीबी के क्या लक्षण है, इसकी जानकारी दी गई। चलने में सांस भरना, लगातार खांसी आना, भूख नहीं लगना, वजन कम होना, रात को पसीना आना जैसे टीबी के सामान्य लक्षण हो सकते हैं। सभी ग्रामवासी एक्स-रे करवाए। निशुल्क एक्सरे किया जा रहे हैं। अगर मरीज टीबी पॉजिटिव आते हैं तो आपको 6 माह तक दवाई लेना है, दवाई में कोई गैप नहीं करना। टीबी का पेशेंट दवाई लेने पर ठीक हो जाता है। टीबी कोई घातक बीमारी नहीं है। अगर जांच में मालूम पड़ गया है की आपको टीबी है तो दवाई जरूर लेना चाहिए। दवाई का नियमित उपयोग करने से व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ हो जाता है।
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38वें राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि और गौरवशाली क्षण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश को अब तक मिले 51 पदक
21 स्वर्ण, 13 रजत और 18 कांस्य पदक किए अर्जित
मंदसौर 10 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना रहा है। अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। खेलों में भी मध्यप्रदेश इससे अछूता नहीं है। उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों ने 51 पदक जीत कर देशभर में चौथा स्थान हासिल किया है। यह मध्यप्रदेश के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब राष्ट्रीय खेलों में सिर्फ 5 दिन शेष हैं। हाल ही में नीलू यादव ने अपने बलबूते पर स्वर्ण पदक जीता है। इसे मिलाकर अब हमारे पास 21 गोल्ड हो गए। राष्ट्रीय खेलों का समापन 14 फरवरी को हल्द्वानी में होगा। गत 28 जनवरी से अब तक कई प्रतियोगिताओं के निर्णय हो चुके हैं और अभी कई खेल प्रतियोगिताएं जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रीय खेल खत्म होते-होते अभी और भी पदक मध्यप्रदेश की झोली में आएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने वाली नीतियों और खिलाड़ियों के बेहतर प्रशिक्षण व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय खेलों में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए अब तक 21 स्वर्ण, 13 रजत और 18 कांस्य समेत कुल 51 पदक हासिल कर लिए हैं। अकेले वुशु गेम में ही प्रदेश को 9 पदक मिले हैं, जिनमें 6 स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं। हॉकी में प्रदेश की बहन-बेटियों ने पश्चिम बंगाल जैसी सशक्त टीम को हराकर इतिहास रच दिया। भोपाल की अकादमी में प्रशिक्षित दीक्षा ने 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक अपने नाम किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की 9 करोड़ जनता की ओर से सभी पदक विजेताओं को बधाई दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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वैश्विक टेक्सटाइल उद्योग के विस्तार की म.प्र. में हैं अपार संभावनाएँ : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मंदसौर 10 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश टेक्सटाइल और परिधान उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला राज्य बन चुका है। राज्य की समृद्ध कृषि पृष्ठभूमि, पारंपरिक बुनकर समुदायों की उत्कृष्ट कला, आधुनिक औद्योगिक आधार और निवेशक-अनुकूल नीतियाँ प्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं। सरकार के सुविचारित प्रयासों से मध्यप्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में उभर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस औद्योगिक यात्रा को और गति देने का माध्यम बनेगा, जहाँ दुनिया भर के निवेशकों को प्रदेश में उपलब्ध अवसरों से अवगत कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का टेक्सटाइल उद्योग केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला का निर्माण कर रहा है, जिसमें कच्चे माल के उत्पादन से लेकर परिधान निर्माण और वैश्विक निर्यात तक सभी चरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश, भारत के 43% और वैश्विक स्तर पर 24% ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में योगदान देता है। यह आंकड़ा न केवल प्रदेश की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि इसे पर्यावरणीय रूप से सतत और उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
कपास, रेशम और आधुनिक फाइबर – मध्यप्रदेश की बुनियादी ताकत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश कपास उत्पादन में अग्रणी है। साथ ही यहाँ का रेशम उद्योग भी लगातार विस्तारित हो रहा है। राज्य प्रतिवर्ष 200 टन से अधिक रेशम उत्पादन करता है, जिससे परंपरागत हथकरघा और आधुनिक सिल्क उत्पाद दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश आधुनिक कृत्रिम फाइबर उत्पादन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे टेक्निकल टेक्सटाइल और स्पेशलिटी फाइबर निर्माण को बल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि धार जिले में विकसित किया जा रहा पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा। 2,100 एकड़ में फैले इस पार्क में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योगों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा उपलब्ध होगा। यह पार्क न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि प्रदेश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाएगा।
पारंपरिक कला और आधुनिक टेक्सटाइल अनूठा संगम
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश की पहचान केवल बड़े कपड़ा उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की पारंपरिक कला भी टेक्सटाइल क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है। चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट और जरी-जरदोजी जैसे उत्कृष्ट हथकरघा उत्पाद मध्य प्रदेश की विरासत को दर्शाते हैं इन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। महेश्वरी साड़ी, बाग पैटर्न और चंदेरी कॉटन को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है, जिससे इन उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार में स्थिति और मजबूत हुई है।प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिल्स, 4,000 से अधिक करघे और 25 लाख स्पिंडल्स कार्यरत हैं। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार, देवास, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और जबलपुर प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। इंदौर का रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर 1,200 से अधिक इकाइयों के साथ प्रदेश में रेडीमेड वस्त्र निर्माण की प्रमुख इकाई बन चुका है। यहाँ स्थित अपैरल डिजाइनिंग सेंटर और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान कर रहे हैं।
टेक्सटाइल उद्योग में निवेश को नई ऊँचाइयाँ देने के लिए सरकार की पहल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक नीतियाँ लागू कर रही है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र में 3,513 करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित किया है। यह निवेश प्रदेश को उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण और निर्यात में अग्रणी बनाएगा।
सरकार उद्योगों को बिजली और पानी न्यूनतम दरों पर उपलब्ध करा रही है। साथ ही, जीएसटी में छूट, टैक्स रिबेट और अन्य प्रोत्साहनों के माध्यम से निवेशकों को लाभ पहुँचाया जा रहा है। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विशेष रूप से कस्टमाइज्ड इन्सेंटिव पैकेज भी तैयार किया है, जो उद्योगों को उनकी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
वैश्विक टेक्सटाइल कंपनियों की पसंद बन रहा है मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, रेमंड, आदित्य बिड़ला, वर्धमान टेक्सटाइल, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, सागर ग्रुप, नाहर स्पिनिंग मिल्स, AVGOL, इंदोरामा और भास्कर जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इन कंपनियों द्वारा प्रदेश में लगातार हो रहा निवेश, सरकार की नीतियों और उद्योग के अनुकूल वातावरण का प्रमाण है। इन कंपनियों की सफलता अन्य निवेशकों को भी आकर्षित कर रही है और आने वाले वर्षों में प्रदेश कपड़ा और परिधान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
जीआईएस औद्योगिक परिवर्तन को देगा नई दिशा
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 इस औद्योगिक परिवर्तन को नई दिशा देगा। इस समिट में दुनिया भर के निवेशकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं को आमंत्रित किया जा रहा है ताकि वे मध्य प्रदेश की संभावनाओं को देख सकें और यहाँ निवेश के नए अवसर तलाश सकें। मध्य प्रदेश टेक्सटाइल क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक नवाचारों का समावेश करते हुए, एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है। सरकार निवेशकों के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार की नीति फार्म से फैब्रिक, फैब्रिक से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से विदेशी बाजार तक की है। इस दृष्टिकोण को अपनाकर प्रदेश में टेक्सटाइल और परिधान उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया जा रहा है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेश करने वाले सभी उद्योगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाकर मध्यप्रदेश को विश्वस्तरीय टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करेगी।
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कृषि कार्य में मृत्यु होने पर 4 लाख रू की आर्थिक सहायता स्वीकृत
मंदसौर 10 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना की कण्डिका 2(07) के तहत कृषि उपज के विक्रय के लिये तथा घर से खेत पर आते जाते समय रास्ते में हुई दुघर्टना में मृत्यु या अंग भंग होने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है । कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग द्वारा कामेरीबाई उर्फ गमेरीबाई निवासी बर्डियाअमरा की कृषि कार्य निंदाई करने हेतु जाते समय रास्ते में हुई दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के निकटतम वारिस तेजमल को 4 लाख रू की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
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वैश्विक टेक्सटाइल उद्योग के विस्तार की म.प्र. में हैं अपार संभावनाएँ : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मंदसौर 10 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश टेक्सटाइल और परिधान उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला राज्य बन चुका है। राज्य की समृद्ध कृषि पृष्ठभूमि, पारंपरिक बुनकर समुदायों की उत्कृष्ट कला, आधुनिक औद्योगिक आधार और निवेशक-अनुकूल नीतियाँ प्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं। सरकार के सुविचारित प्रयासों से मध्यप्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में उभर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस औद्योगिक यात्रा को और गति देने का माध्यम बनेगा, जहाँ दुनिया भर के निवेशकों को प्रदेश में उपलब्ध अवसरों से अवगत कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का टेक्सटाइल उद्योग केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला का निर्माण कर रहा है, जिसमें कच्चे माल के उत्पादन से लेकर परिधान निर्माण और वैश्विक निर्यात तक सभी चरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश, भारत के 43% और वैश्विक स्तर पर 24% ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में योगदान देता है। यह आंकड़ा न केवल प्रदेश की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि इसे पर्यावरणीय रूप से सतत और उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
कपास, रेशम और आधुनिक फाइबर – मध्यप्रदेश की बुनियादी ताकत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश कपास उत्पादन में अग्रणी है। साथ ही यहाँ का रेशम उद्योग भी लगातार विस्तारित हो रहा है। राज्य प्रतिवर्ष 200 टन से अधिक रेशम उत्पादन करता है, जिससे परंपरागत हथकरघा और आधुनिक सिल्क उत्पाद दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश आधुनिक कृत्रिम फाइबर उत्पादन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे टेक्निकल टेक्सटाइल और स्पेशलिटी फाइबर निर्माण को बल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि धार जिले में विकसित किया जा रहा पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा। 2,100 एकड़ में फैले इस पार्क में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योगों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा उपलब्ध होगा। यह पार्क न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि प्रदेश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाएगा।
पारंपरिक कला और आधुनिक टेक्सटाइल अनूठा संगम
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश की पहचान केवल बड़े कपड़ा उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की पारंपरिक कला भी टेक्सटाइल क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है। चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट और जरी-जरदोजी जैसे उत्कृष्ट हथकरघा उत्पाद मध्य प्रदेश की विरासत को दर्शाते हैं इन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। महेश्वरी साड़ी, बाग पैटर्न और चंदेरी कॉटन को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है, जिससे इन उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार में स्थिति और मजबूत हुई है।प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिल्स, 4,000 से अधिक करघे और 25 लाख स्पिंडल्स कार्यरत हैं। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार, देवास, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और जबलपुर प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। इंदौर का रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर 1,200 से अधिक इकाइयों के साथ प्रदेश में रेडीमेड वस्त्र निर्माण की प्रमुख इकाई बन चुका है। यहाँ स्थित अपैरल डिजाइनिंग सेंटर और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान कर रहे हैं।
टेक्सटाइल उद्योग में निवेश को नई ऊँचाइयाँ देने के लिए सरकार की पहल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक नीतियाँ लागू कर रही है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र में 3,513 करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित किया है। यह निवेश प्रदेश को उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण और निर्यात में अग्रणी बनाएगा।
सरकार उद्योगों को बिजली और पानी न्यूनतम दरों पर उपलब्ध करा रही है। साथ ही, जीएसटी में छूट, टैक्स रिबेट और अन्य प्रोत्साहनों के माध्यम से निवेशकों को लाभ पहुँचाया जा रहा है। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विशेष रूप से कस्टमाइज्ड इन्सेंटिव पैकेज भी तैयार किया है, जो उद्योगों को उनकी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
वैश्विक टेक्सटाइल कंपनियों की पसंद बन रहा है मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, रेमंड, आदित्य बिड़ला, वर्धमान टेक्सटाइल, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, सागर ग्रुप, नाहर स्पिनिंग मिल्स, AVGOL, इंदोरामा और भास्कर जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इन कंपनियों द्वारा प्रदेश में लगातार हो रहा निवेश, सरकार की नीतियों और उद्योग के अनुकूल वातावरण का प्रमाण है। इन कंपनियों की सफलता अन्य निवेशकों को भी आकर्षित कर रही है और आने वाले वर्षों में प्रदेश कपड़ा और परिधान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
जीआईएस औद्योगिक परिवर्तन को देगा नई दिशा
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 इस औद्योगिक परिवर्तन को नई दिशा देगा। इस समिट में दुनिया भर के निवेशकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं को आमंत्रित किया जा रहा है ताकि वे मध्य प्रदेश की संभावनाओं को देख सकें और यहाँ निवेश के नए अवसर तलाश सकें। मध्य प्रदेश टेक्सटाइल क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक नवाचारों का समावेश करते हुए, एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है। सरकार निवेशकों के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार की नीति फार्म से फैब्रिक, फैब्रिक से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से विदेशी बाजार तक की है। इस दृष्टिकोण को अपनाकर प्रदेश में टेक्सटाइल और परिधान उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया जा रहा है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेश करने वाले सभी उद्योगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाकर मध्यप्रदेश को विश्वस्तरीय टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करेगी।
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गांधीसागर अभयारण्य में 17, 18 और 19 फरवरी को गिद्ध गणना
मध्य प्रदेश में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बाद गांधीसागर अभ्यारण्य में दूसरे सबसे अधिक गिद्ध पाए जाते है
गांधीसागर अभयारण्य में गिद्ध गणना 2025 हेतु वनमण्डल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
मंदसौर 10 फरवरी 25/ वनमण्डल मंदसौर अंतर्गत गांधीसागर अभयारण्य में दिनांक 17, 18 और 19 फरवरी तक आयोजित होने वाली वर्ष 2025 की प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना हेतु वनमंडल स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में वनमण्डलाधिकारी मंदसौर श्री संजय रायखेरे ने उपस्थित स्टाफ एवं वॉलंटियर्स को गिद्ध की पहचान एवं उनसे जुड़े रोचक तथ्यों को साझा किया। श्री रायखेरे ने बताया कि गिद्धों के संरक्षण के लिए एक अनुकूल वातावरण निर्मित किया जाना अनिवार्य है। जिसमें गिद्धों के भोजन हेतु अबाधित क्षेत्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हाल ही में शासन ने गिद्धों के लिए हानिकारक वेटरनरी ड्रग डाइक्लोफिनेक के बाद निमेसुलाइड कॉम्बिनेशन के सभी ड्रग उत्पादों के उत्पादन एवं बिक्री पर रोक लगाई है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बाद गांधीसागर अभ्यारण्य में दूसरे सबसे अधिक संख्या में गिद्ध पाए जाते हैं। गत वर्ष हुई गिद्ध गणना में संपूर्ण मंदसौर वनमण्डल में 850 गिद्ध पाए गए थे जिसमें अकेले गांधीसागर अभयारण्य में 800 से अधिक गिद्ध गणना में देखे गए। जिसमें लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे इंडियन वल्चर, किंग वल्चर शामिल हैं। इनके अतिरिक्त प्रवासी गिद्ध प्रजातियां जैसे यूरेशियन ग्रिफोन, सिनेरियस गिद्ध भी बड़ी मात्रा में देखे गए।
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जिला स्तरीय रोजगार मेला 19 फरवरी को गरोठ में होगा
युवाओं को रोजगार के साथ ही व्यवसाय प्रांरभ करने के लिए लोन की प्रक्रिया और अन्य जानकारियां दी जाएंगी
मंदसौर -जिला रोजगार अधिकारी द्वारा बताया गया कि, एक दिवसीय युवा संगम मेला, स्वरोजगार एवं अप्रेन्टिसशिप मेला का आयोजन 19 फरवरी को प्रात: 11:00 बजे शासकीय एस. एन. उदिया महाविद्यालय परिसर गरोठ में किया जाएगा। बेरोजगार युवा रोजगार मेले का लाभ उठाए। रोजगार मेले में निजी क्षेत्र के विभिन्न नियोजको द्वारा आवेदकों का प्रारंभिक चयन किया जाएगा। इसके साथ ही जिला रोजगार कार्यालय मंदसौर द्वारा आवेदकों की काउंसिलिंग कर केरियर मार्ग दर्शन व परामर्श दिया जाएगा। रोजगार मेले के माध्यम से युवाओं को रोजगार के साथ ही व्यवसाय प्रांरभ करने के लिए लोन की प्रक्रिया को लेकर अन्य जानकारियां दी जाएंगी।
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प्रदेश के सभी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में कार्यक्रम का होगा सीधा प्रसारण
मंदसौर 9 फरवरी 25/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 10 फरवरी को देश के विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पे चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री हर वर्ष परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए विद्यार्थियों से संवाद करते हैं। इस वर्ष यह कार्यक्रम सोमवार 10 फरवरी को प्रात: 11 बजे से नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का संचार माध्यमों पर सीधा प्रसारण किया जायेगा। दूरदर्शन, डीडी नेशनल, डीडी न्यूज, डीडी इंडिया एवं ऑल इंडिया रेडियो के सभी चैनल, पीएमओ वेबसाइट mygov.in, यूट्यूब, एमओई, फेसबुक लाइव, स्वयंप्रभा चैनल एमओई, दीक्षा चैनल एमओई से भी कार्यक्रम का प्रसारण होगा। कार्यकम का प्रसारण अन्य निजी चैनल भी करेगें। कार्यक्रम को ऑनलाइन देखे जाने के लिये यूट्यूब लिंक https://www.youtube.com/watch?v=G5UhdwmEEls भी जारी की गई है। कार्यक्रम में विद्यार्थी एवं शिक्षक तथा अभिभावक उक्त लिंक के माध्यम से सहभागिता कर सकेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह कार्यक्रम में होंगे शामिल
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल और स्कूल शिक्षा विभाग में अन्य वरिष्ट अधिकारी राजधानी भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय से विद्यार्थियों के साथ कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में भी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद और सभी जिला शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थानों में हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्यार्थियों की लाइव प्रसारण में सहभागिता होगी। स्कूलों में टीवी प्रसारण के अलावा, इंटरनेट एक्सेस डिवाइस (कंप्यूटर लैपटॉप / मोबाइल इत्यादि) पर भी कार्यक्रम देखने की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में जहां टीवी देखने की व्यवस्था संभव नहीं होगी वहां रेडियो/ट्रांजिस्टर की व्यवस्था किये जाने के लिये निर्देश दिये गये है।
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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला- 2025 में मध्यप्रदेश की पुस्तकें बनीं आकर्षण का केंद्र
मंदसौर 9 फरवरी 25/ नई दिल्ली के भारत मंडपम में 9 फरवरी तक चल रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले- 2025 में मध्यप्रदेश की पुस्तकें खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। मेले में हॉल नंबर 2 के आर-59 में शासन के पर्यटन विभाग और संस्कृति विभाग का संयुक्त स्टॉल तथा पी-06 में मप्र हिन्दी ग्रन्थ अकादमी का स्टॉल लगाया गया है।
पर्यटन और संस्कृति विभाग के स्टाल में भोपाल और उज्जैन के प्रतिष्ठित प्रकाशकों जैसे स्वराज संस्थान, धर्मपाल शोधपीठ, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, वीर भारत न्यास, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास तथा हिन्दी साहित्य अकादमी की पुस्तकें विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से राज्य के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, कला-संस्कृति, पर्यटन, ऐतिहासिक धरोहर और पुरातत्व जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया है। राज्य के प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाएं भी यहां उपलब्ध हैं। गांधी दर्शन, अद्वैत वेदांत दर्शन, लोकगीत तथा देवी-स्तुति गीत, भित्ति चित्र, लोक तथा जनजातीय कला जैसे विषयों पर आधारित दुर्लभ पुस्तकों को पाठक खूब पसंद कर रहे हैं। पुस्तकालय संचालक, शोधकर्ता, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र भी बड़ी संख्या में स्टॉल पर पहुंच रहे हैं। पर्यटक और प्रकृति प्रेमी पर्यटन विभाग के प्रकाशन – मध्यप्रदेश गाइड मैप, ‘वाइल्ड एमपी’, ‘उज्जैन: द लिविंग लेजेंड’, ‘बुंदेलखंड: द हार्ट बीट ऑफ एमपी’, ‘सतपुड़ा’ और ‘बर्ड्स ऑफ भोपाल’ किताबों में विशेष रूचि ले रहे हैं।
मप्र हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के स्टॉल में राज्य के नाट्य संग्रह, काव्य शास्त्र, विज्ञान, समाजशास्त्र, व्याकरण, बुन्देली साहित्य, भारतीय कला और दर्शन, इत्यादि की पुस्तकें उपलब्ध हैं।