बजट 2025: किसान प्रथम नहीं सर्वप्रथम इंजन किसान की उपेक्षा ही भारत को आर्थिक शक्ती बनने में बड़ा रोड़ा रही
बजट 2025: किसान प्रथम नहीं सर्वप्रथम इंजन किसान की उपेक्षा ही भारत को आर्थिक शक्ती बनने में बड़ा रोड़ा रही
पंकज बैरागी
सुवासरा (निप्र)।भारतीय किसान संघ किसानों के हित में सदैव काम करता रहा है आज हमारे देश का बजट संसद में पेश हुआ है जिसमें किसानों को वित्त मंत्री द्वारा प्रथम इंजन के रूप में देखा गया है, जो भारत का किसान होने पर गर्व महसूस कराता है, भारत आर्थिक शक्ति बने यह किसान भी चाहता है आज बजट में शासन ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट तीन लाख से बढ़ाकर करीब पांच लाख की गई जो किसानों को केवल कर्ज के रूप में प्रदान किया जाएगा जिसमें किसानों को ज्यादा खुश होने की कोई ठोस वजह तो नहीं है पर किसान को सहयोग मिलने वाली एक संभावना है।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य संवर्धित कृषि उत्पादकता फसल विविधता और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाना, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना लंबी अवधि और छोटी अवधि लोन की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाना जरूर है पर यह होगा या फिर आय दो गुणी वाला गेहूं 2700 में खरीदी जैसा तो नहीं होगा दिल्ली चुनावी बजट तो नहीं होगा यह सभी किसान भाइयों को एक वर्ष के बाद ही पता चलेगा ।
एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम राज्यों की भागीदारी से शुरू किया जाएगा इससे निवेश, टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि में रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में अवसर पैदा करना है ताकि प्रवास एक विकल्प हो, न कि अनिवार्यता यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, उपेक्षित और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित अवश्य करता है पर यह धरातल पर उतरता है तो गरीब शोषित किसानों मजदूरों को राहत देने वाला बजट होगा कुल मिलाकर यह एक संतुलित बजट किसानों को राहत देने वाला बजट होगा परंतु किसानों को सरकार सर्व प्रथम इंजन मानकर अपनी नीतियों को किसान हितैषी बनाने का मजबूत प्रयास हर आने वाले बजट में करती हैं और उसको धरातल पर लाने में कामयाब रहती है तो संभव है भारत को आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
-जिला मंत्री भारतीय किसान संघ रामनिवास बैरागी रावटी।