फर्जी तरीक से अनुबंध करवाने वाला मास्टर माइंड गोविंद सहित गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार
जिनको 30 लाख जरूरत थी उन्हीं के आधार कार्ड से ई स्टाम्प तैयार करवाकर फर्जी हस्ताक्षर करने वालों को दिए थे पांच लाख रुपये

नीमच
फर्जी तरीके से भूमि की रजिस्ट्री और अनुबन्ध करने वाले गिरोह का सिटी पुलिस ने पर्दाफाश कर गिरोह के 5 पुरुष व 1 महिला गिरफ्तार किया। गिरोह का मास्टर माइंड नेवड़ निवासी गोविंद पाटीदार है। जिसने अनुबंध पर जिन लोगों के हस्ताक्षर करवाए उनकों 30 लाख रुपए की जरूरत थी। उन्होंने जब गोविंद से संपर्क किया तो उसका फायदा उठाया और इन्हीं के नाम से अनुबंध तैयार कर फर्जी हस्ताक्षर कर पूरा षड़यंत्र रचा। जब इसकी शिकायत नीमच सिटी थाने में दर्ज हुई। पुलिस की स्पेशल टीम ने जांच पड़ताल शुरू की और अनुबंध में जिनके नाम लिखे व आधार कार्ड की फोटोकॉपी लगाई उनसे पूछताछ की तो पूरी घटनाक्रम का खुलासा हो गया। इसके बाद नीमच सिटी पुलिस ने मुख्य आरोपी गोिवंद पाटीदार सहित गिरोह में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर रविवार को घटनाक्रम का खुलासा किया।
यह घटनाक्रम- आवेदक संजय पिता गिरधारीलाल अग्रवाल निवासी विकास नगर ने 5 अगस्त 2024 को नीमच सिटी थाने में एक आवेदन दिया। इसमें बताया कि 3-4 माह पूर्व गोविन्द पिता रमेश पाटीदार निवासी मालखेड़ा ने बताया की गांव सरवानिया बोर में उनके प्लांट के पास स्थित जामीन जिसका सर्वे नम्बर 31 (एस)रकबा 0.19 हेक्टेयर, सर्वे नबंर 32 रकबा 1.040 है, सर्वे नंबर 33 रकबा 0.66 है, सर्वे नंबर 191 रकबा 1.410 है, सर्वे नम्बर 193 / 1 रकबा 0.22 है, सर्वे नम्बर 190 / 2 रकबा 0.10 है सर्वे नम्बर 194 रकबा 0.910 है कुल 7 रकबा 4.530 हेकटेयर है। जिसको शिवनारायण पिता भेरूलाल धाकड़, कस्तुरी बाई पति भेरूलाल धाकड़, रोहित धाकड़ पिता भेरूलाल धाकड़ निवासी मालखेडा के द्वारा प्यारचन्द पिता भुवानीराम उर्फ भोनीराम भील, मुकेश पिता भेरूलाल भील तथा शंभूलाल पिता भुवानीराम उर्फ भोनीराम भील निवासीयान कनावटी आदि से अनुबन्ध पर क्रय कर रखी है। जिन्हें रुपए की आवश्यकता होने से उक्त भूमि को बेचना है। जिसका खरीदी सौदा 12.75 लाख रुपए प्रति बीघा के मान से हुआ। फिर गोविन्द मेरे पास दो व्यक्ति लेकर लाया था। उसने कहा कि यह शिवनारायण व रोहित है। इन दोनों की तथा कस्तूरीबाई की पासबुक तथा आधार कार्ड भी लेकर आया था। उक्त भूमि की रजिस्ट्री का प्रकरण कलेक्टर के यहां पर चल रहा है। जिसकी रजिस्ट्री का आदेश भी शिवनारायण, कस्तूरीबाई, रोहित धाकड़ के नाम से होने वाला है। भूमि मेरे प्लांट से लगी होने के कारण दो दिन बाद 1 मई 2024 को उक्त भूमि के क्रय करने के संबंध मे एक विक्रय अनुबन्ध पत्र उक्त दलाल के माध्यम से शिव नारायण, कस्तुरी बाई व रोहित धाकड क्रय करने का अनुबंध कर 6 मई 2024 को तीनों अनुबंधकर्ता के बैंक खाते में 10-10 लाख रुपए पृथक-पृथक आरटीजीएस से डलवाये। इसके अतिरिक्त 26 लाख रुपए नकद दलाल के समक्ष दिए। उक्त भूमि अजजा परिवार के नाम से थी। जिसकी रजिस्ट्री अन्य व्यक्ति के नाम पर करवाने के लिए कलेक्टर की अनुमति आवश्यकता होती है। अनुबन्ध के अनुसार कलेक्टर की अनुमति 3 माह में प्राप्त कर रजिस्ट्री करवाकर शेष राशि देना थी। अनुबंध के 15 दिन मेरे पास शिव नारायण नाम का व्यक्ति आया और बोला की आपके प्लांट के पास लगी भूमि उसे विक्रय करना है। आपको खरीदना हो तो खरीद सकेते हो। मेरे द्वारा उससे कहा कि मेरे प्लांट से लगी भूमि का शिवनारायण, कस्तुरी बाई, रोहित धाकड़ से दलाल गोविन्द पाटीदार के माध्यम से सौदा कर चुका हूं। तीनों से विक्रय अनुबंध पत्र भी लेख करवाकर विक्रय अनुबंध पत्र के अनुसार राशि भी दे चुका हूं। कलेक्टर की अनुमति के बाद 3 माह में रजिस्ट्री करवाना है। तब मेरे पास जो व्यक्ति आया था उसने बोला की उक्त जमीन उसकी तथा उसके भाई व माता की है। हमने अनुबंध के आधार पर प्यारचन्द पिता भुवानीराम, उर्फ भोनीराम भील आदि से क्रय की गई कुल रकबा 4.530 किसी को नहीं बेची। ना किसी को विक्रय अनुबन्ध लेख किया। तब मुझे पता चला कि दलाल गोविन्द पाटीदार ने मेरे साथ फर्जी लोगों को खड़ा कर फर्जी अनुबन्ध कर धोखाधड़ी कर ली