मंदसौरमंदसौर जिला

समस्त  शास्त्रों का सार ‘‘गागर में सागर है’’ गीता- संतश्री अमृतरामजी महाराज


52वां गीता जयंती महोत्सव, 49 वां नेत्र शिविर का हुआ शुभारंभ

मंदसौर। 17 दिसम्बर को धर्मधाम गीता भवन के पूज्य अध्यक्ष स्वामी रामनिवासजी के मार्गदर्शन में संतों के सानिध्य में 52वां गीता जयंती महोत्सव और 49वें नेत्र शिविर का शुभारंभ हुआ।
युवा संत हरसुखरामजी महाराज ताल, रामजीराम महाराज गौशाला मचलाना, धीरजरामजी महाराज पुष्कर, अमृतरामजी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ।
संतों का सम्मान नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी, डॉ. घनश्याम बटवाल, धर्मधाम गीता भवन उपाध्यक्ष जगदीश चौधरी, सचिव पं. अशोक त्रिपाठी, न्यासी बंशीलाल टांक, सत्यनारायण पलोड़, शेषनारायण माली, सूरजमल गर्ग चाचाजी, राव विजयसिंह, प्रेमचंद सिसौदिया, प्रेम रत्नावत, ओम चौधरी, राजाराम तंवर, रमेशचन्द्र चन्द्रे, कैलाश मारोठिया, जगदीश काबरा, सोहनलाल कोठारी, डॉ. दिनेश तिवारी, सुभाष अग्रवाल, कन्हैयालाल सोनगरा, इंजि. बालूसिंह सिसादिया, सत्यनारायण शर्मा, लाड़कुंवर दीदी, विद्या उपाध्याय, अंजू तिवारी, पूजा बैरागी, रानू विजयवर्गीय, चन्द्रकांता मारोठिया, पुष्पा पाटीदार, अनू पाटीदार, मीना पाटीदार, उषा चौधरी, पुष्पा गौड़, दाखाबाई, निर्मला माली, अनुपमा बैरागी, कैलाश मारोठिया आदि ने किया।
संत श्री अमृतरामजी महाराज ने भगवान कृष्ण की गीता को समस्त शास्त्रों का सार- गागर में सागर बताते हुए कहा कि गीता एक ऐसा वैश्विक ग्रंथ जिसमें धर्मों का समावेश है। गीता अकर्मण्यता नहीं कर्म में प्रवृत्त होना सिखाती है। धीरजरामजी महाराज पुष्कर और हरसुखरामजी महाराज ताल के गीता ज्ञान पर प्रवचन हुए।
गीता तन की सुन्दरता वस्त्र भूषण से नहीं मन की पवित्रता से होना बताती है।
स्वामीजी ने गीता भवन की स्थापना में ब्रह्मलीन अनुरागी बापू के सहयोग का स्मरण किया।
नेत्र शिविर में 45 रोगियों का परीक्षण हुआ। 15 को जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन होगा।
आज 18 दिसम्बर को सर्वरोग निदान शिविर आयोजित होगा।

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